उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित शुकतीर्थ में पहली बार अयोध्या की तर्ज पर ‘श्रीमद्भागवत महोत्सव और मोक्ष कुंभ’ आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम जिले के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में नया अध्याय जोड़ेगा।मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (एमडीए), जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम संयुक्त रूप से तैयारियों में जुटे हैं।एमडीए की उपाध्यक्ष कविता मीणा (Kavita Meena) इस परियोजना की मुख्य पर्यवेक्षक हैं और पूरे आयोजन की निगरानी कर रही हैं।उनकी देखरेख में बाणगंगा के पवित्र तट को दीपों और रंगीन रोशनी से सजाया जा रहा है, जिससे पूरा क्षेत्र अयोध्या के दीपोत्सव जैसी दिव्यता से चमक उठेगा।
साढ़े पांच हजार साल पुराना है शुकतीर्थ
शुकतीर्थ का इतिहास साढ़े पांच हजार वर्ष पुराना माना जाता है।पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहीं वेदव्यास जी के पुत्र शुकदेव मुनि ने राजा परीक्षित को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए वटवृक्ष के नीचे बैठकर भागवत कथा सुनाई थी।इसी कारण इसे “भागवत भूमि” कहा जाता है।इस स्थान के प्रवेशद्वार और दीवारों पर भारतीय संस्कृति के पौराणिक दृश्य उकेरे जाएंगे, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालु अपने धर्म और इतिहास से जुड़ाव महसूस करें।
तीन दिन चलेगा भव्य धार्मिक उत्सव
यह आयोजन 1 से 3 नवंबर तक चलेगा, जबकि 5 नवंबर को कार्तिक स्नान का पर्व मनाया जाएगाIआयोजन के दूसरे दिन यानी 2 नवंबर को विशेष ‘भजन संध्या’ और मां गंगा आरती का आयोजन होगा।प्रसिद्ध भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे और हजारों श्रद्धालु दीप प्रज्वलन के उस क्षण के साक्षी बनेंगे।करीब 10,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है ताकि भक्त सहजता से कार्यक्रम का आनंद ले सकेंउद्घाटन समारोह में प्रदेश व केंद्र के कई मंत्री, संत और प्रमुख धार्मिक हस्तियां शामिल हो सकती हैं।
पर्यटन और आस्था दोनों को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम और एमडीए चाहते हैं कि शुकतीर्थ को भी अयोध्या और काशी की तरह अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाए।ऐसे आयोजनों से स्थानीय व्यापार, होटल और परिवहन को भी सीधा लाभ मिलेगा।एमडीए (MDA), उपाध्यक्ष कविता मीणा के अनुसार हम शुकतीर्थ को धार्मिक पर्यटन की नई पहचान देना चाहते हैं, ताकि श्रद्धा और संस्कृति दोनों का संगम हो।
मां गंगा की मूर्ति और लेजर शो का आकर्षण
बाणगंगा के किनारे मां गंगा की विशाल मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसका अनावरण मोक्ष कुंभ के दौरान किया जाएगा।तट पर लेजर लाइट शो और दीपोत्सव का आयोजन होगा, जहां हजारों दीये जलाकर श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव कराया जाएगा।शाम का दृश्य पूरी तरह आध्यात्मिक और मनमोहक होगा जहां रोशनी, भजन और गंगा की लहरें मिलकर अद्भुत आस्था का वातावरण बनाएंगी।
तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ शुकतीर्थ
शुकतीर्थ को महाभारत कालीन तीर्थ माना जाता है और इसे 68 तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ मोक्षदायक स्थल कहा गया है।
यहां वर्षभर गंगा दशहरा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान, पितृ विसर्जन अमावस्या और वट सावित्री व्रत जैसे मेले आयोजित होते हैं।महोत्सव के दौरान श्रद्धालु श्री शुकदेव आश्रम, हनुमतधाम, दंडी आश्रम, अखंडधाम, ब्रह्मा विद्यापीठ, शिव-दुर्गाधाम और गौड़ीय मठ जैसे प्रमुख स्थलों के दर्शन भी कर सकेंगे।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!