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सद्भावना दिवस – दूरसंचार समेत ये थी राजीव गांधी की उपलब्धियां

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विश्व की तुलना में भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल फ़ोन है। हम भारतीय सबसे ज्यादा डेटा की खपत करते है। हर घर में मोबाइल फ़ोन है। लेकिन एक ऐसा दौर भी था जब हम अपने लोगों का हालचाल सिर्फ चिट्ठियों से लेते थे और जवाब के इंतज़ार में महीनों राह देखते। लेकिन अब मोबाइल में नंबर लगाओ और तुरंत देखकर बात कर लो। भारत में ये संभव हुआ संचार क्रांति की वजह से। संचार क्रांति हो या डिजिटल क्रांति, इन तमाम सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने का काम किया है भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने। राजीव गांधी का आज 78वीं जयंती है। हर साल समाज और राष्ट्र के लिए उनके योगदान को याद करते हुए 20 अगस्त को सद्भावना दिवस (Harmony Day) मनाया जाता है।

Rajiv Gandhi की जयंती पर देश मना रहा है सद्भावना दिवस

राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) को 21वीं सदी के भारत का निर्माता भी कहा जाता है। 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने आधुनिक भारत की नींव रखने की दिशा में काम किया। सद्भावना दिवस (Sadbhavna Diwas) के इस ख़ास मौके पर आइये जानतें हैं राजीव गांधी की ऐसी उपलब्धियां जिसे आज भी उन्हें याद किया जाता है। राजीव गांधी संचार क्रांति के जनक है। तत्कालीन प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi की पहल पर अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स की स्थापना हुई।

सद्भावना दिवस पर आईये जानतें हैं राजीव गांधी की बड़ी उपलब्धियां

1986 में राजीव की पहल से ही एमटीएनएल (MTNL) की स्थापना हुई। जिससे दूरसंचार क्षेत्र में और प्रगति हुई और धीरे-धीरे लैंडलाइन टेलीफोन सर्विस लोगों के घरों तक पहुंचने लगी। टेलीफोन की पहुंच आम लोगों तक पहुंचाने के लिए पीसीओ की सेवा शुरू की। आप में से जिन लोगों ने बचपन में पीसीओ टेलीफोन बूथ देखा है उन्हें पता होगा कि इसके पीछे राजीव गांधी थे। इससे ग्रामीण भारत को टेलीफोन सेवा से जोड़ा गया। हायर एजुकेशन के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए 1986 में शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की घोषणा हुई। जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली के संस्थापक और 12वीं कक्षा तक ग्रामीण भारत में मुक्त, गुणवत्ता और आवासीय शिक्षा प्रदान करने का श्रेय उनको ही जाता है।

दूरसंचार, एजुकेशन, रोजगार के लिए राजीव गांधी ने किया काम

युवाओं को देश के प्रति जिम्मेदार बनाने के लिए Rajiv Gandhi ने राष्ट्र के लिए संदेश के रूप में मतदान के अधिकार की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष की। राजीव गांधी ने भारत में पंचायती राज प्रणाली का बीड़ा उठाया और शक्ति का विकेंद्रीकरण किया। 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज व्यवस्था लागू हुआ। उन्होंने रोजगार के लिए भी काम किया। महत्वाकांक्षी जवाहर रोजगार योजना की शुरुआत राजीव के कार्यकाल में हुई जिससे पूरे भारत में गरीब लोगों को रोजगार के अवसर मिले।