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व्यर्थ है ऐसार (Essar) का सीएसआर (CSR)?

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ऐसार फाउंडेशन (Essar Foundation) और ऐसार पोर्ट्स (Essar Ports) द्वारा मुंबई के बीएमसी (BMC) दफ्तर में वॉटर फ़िल्टर लगाए गए है। ये वॉटर फ़िल्टर Essar Foundation और Essar Ports के सीएसआर पहल से लगाया है और दावा किया गया है कि इस वॉटर फ़िल्टर से बीएमसी के लगभग 2 हज़ार सफाई कर्मचारियों को स्वच्छ पीने का पानी मिलेगा। लेकिन ऐसार फाउंडेशन और ऐसार पोर्ट्स का CSR पहल अब सवालों के घेरे में आ गया है। दरअसल ये वॉटर फ़िल्टर बीएमसी के डी वॉर्ड दफ्तर में लगाया गया है। उसी बीएमसी के दफ्तर में जिन बीएमसी कर्मचारियों पर मुंबईकरों को स्वच्छ पानी पिलाने की जिम्मेदारी है।

फ़िल्टर पानी को फिर से फ़िल्टर कर सवालों के घेरे में आया ऐसार (Essar) का सीएसआर (CSR)

इसके साथ ही ऐसार फाउंडेशन और ऐसार पोर्ट्स का CSR पहल इसलिए भी सवालों के घेरे में है क्योंकि बीएमसी नल द्वारा समूचे मुंबई में पीने का पानी सप्लाई करती है। लेकिन सप्लाई से पहले बीएमसी पानी को खुद फ़िल्टर करती है। तमाम स्वछता मानदंडों से गुजरने के बाद ही पानी मुंबईकरों तक पहुंचाई जाती है। यही स्वच्छ पानी बीएमसी के दफ्तर में भी आता है। बीएमसी का पानी ऐसार द्वारा लगाए गए फ़िल्टर में जानें से पहले से ही अगर शुद्ध है, फिल्टर्ड किया गया है, पूरी तरह से स्वच्छ है, पूर्ण रूप से सीधे तौर पर पीने योग्य है। तो ऐसार फाउंडेशन और ऐसार पोर्ट्स का फ़िल्टर इस बीएमसी दफ्तर में क्यों लगाया गया है ये समझ के बाहर है।

स्वच्छ पानी को लेकर बीएमसी को मिल चुका है राष्ट्रीय अवॉर्ड, फिर क्यों Essar ने लगाया फ़िल्टर?

इस मामले को लेकर जब The CSR Journal की टीम ने सीनियर आईएएस ऑफिसर और बीएमसी में एडिशनल कमिश्नर P. Velrasu से बात की तो मुंबई के स्वच्छ और साफ सुथरे पानी को लेकर उन्होंने कहा कि “मुंबई का पानी इतना स्वच्छ है कि सीधे तौर पर मुंबईकर इसे पी सकते है। बीएमसी के इस स्वच्छ जल को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। पूरे देश भर में नल द्वारा पानी की सप्लाई इतना स्वच्छ नहीं, जितना बीएमसी का पानी है। इंडियन वाटर वर्क एसोसिएशन ने इसको लेकर बीएमसी को पुरस्कृत भी किया है”।

बीएमसी के ही दफ्तर में ऐसार (Essar) ने सीएसआर (CSR) से लगाएं हैं 18 वॉटर फ़िल्टर

फिर भी Essar Foundation और Essar Ports के फ़िल्टर की क्या जरुरत है और वो भी जिनके कंधे पर स्वच्छ जल पिलाने की जिम्मेदारी है उनको। जब ये सवाल The CSR Journal ने ऐसार (Essar) के जिम्मेदार अधिकारियों से पूछा तो उनका कहना था कि “बीएमसी ने वाटर फिल्टर की मांग की इसलिए हमने वाटर फ़िल्टर लगाए”। ऐसार शायद यहां भी भूल गया कि सीएसआर (Corporate Social Responsibility) ऐसे ही किसी के मांगने पर नहीं बल्कि सामाजिक जरूरत को देखते हुए दिया जाता है। Essar का हेडक्वार्टर भी बीएमसी के इसी डी वार्ड में आता है। The CSR Journal से बात करते हुए डी वॉर्ड के असिस्टेंट इंजीनियर श्रीकांत राठोड ने बताया कि Essar Foundation और Essar Ports ने अपने सीएसआर पहल के जरिये डी वार्ड के सभी चौकियों पर 18 इसी तरह से फ़िल्टर लगाए है।

अगर ऐसार यहां करता सीएसआर….तो ज्यादा होता कारगर

स्वच्छ भारत अभियान के तहत फ़िल्टर लगाने के Essar के इस सीएसआर (Essar CSR) पहल को और कारगर तरीके से लागू किया जाता तो फायदा और सोशल इम्पैक्ट का दायरा कहीं और ज्यादा होता। बहरहाल Essar अपने CSR से अगर ये फ़िल्टर ऐसे ग्रामीण और दूरदराज जरूरतमंद जगहों पर लगाती जहां वाकई में दूषित पानी एक गंभीर समस्या है और जिसे पीकर लोग बीमार हो रहे हो। ना कि जहां का पानी पहले से ही स्वच्छ हो। ऐसे में क्यों ना कहा जाए कि व्यर्थ है ऐसार का सीएसआर?