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कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन और आरपीएफ रोकेगी मानव तस्करी

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देश को मानव तस्करी (Human Trafficking) से मुक्त करने के लिए आरपीएफ यानी रेलवे सुरक्षा बल और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन एक साथ आये है। RPF के महानिदेशक संजय चंदर ने कैलाश सत्यार्थी की उपस्थिति में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (Kailash Satyarthi Children Foundation) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया और किस तरह से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन और रेलवे सुरक्षा बल साथ मिलकर काम करेंगे इसपर विचार-विमर्श किया गया। दरअसल आरपीएफ और कैलाश सत्यार्थी द्वारा संचालित बचपन बचाओ आंदोलन दोनों ने सूचना साझा करने, मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने, संवेदनशीलता बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने और मानव तस्करी के मामलों की पहचान करने और पता लगाने में एक-दूसरे की मदद करने के उद्देश्य से एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया। समझौता ज्ञापन के कार्यक्रमों के तहत दोनों हितधारकों द्वारा एक संयुक्त कार्रवाई से निश्चित रूप से देश भर में आरपीएफ द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन एएएचटी” Operation AAHT (मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई) की व्यापकता, पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ेगी।

आरपीएफ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की मदद से मानव तस्करी पर लगेगा अंकुश

रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह रेल मंत्रालय द्वारा जारी बच्चों के बचाव के लिए मानकीकृत संचालन प्रक्रिया द्वारा अनिवार्य जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है और “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हुए 2018 से 50,000 से अधिक बच्चों का बचाव किया है। RPF ने हाल ही में रेल के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए “ऑपरेशन एएएचटी” शुरू किया है और मानव तस्करी के शिकार लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ा रहा है। तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई के दौरान, RPF ने 298 नाबालिग लड़कियों सहित 1400 से अधिक नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया है। आरपीएफ ने पूरे भारत में 740 से अधिक स्थानों पर मानव तस्करी रोकथाम इकाइयों (एएचटीयू) की स्थापना की है, जिन्हें इस क्षेत्र से जुड़ी अन्य एजेंसियों के समन्वय से मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन

एसोसिएशन ऑफ वॉलंटरी एक्शन (एवीए) को बचपन बचाओ आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। यह कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1979 में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में की गई थी। इसकी स्थापना का उद्देश्य बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को खत्म करना और एक ऐसी दुनिया बनाना जहां सभी बच्चे स्वतंत्र, सुरक्षित और स्वस्थ हों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते हों। बचपन बचाओ आंदोलन पुलिस और आरपीएफ के साथ बाल तस्करी के खिलाफ सूचना साझा कर रहा है और तस्करों की गिरफ्तारी और पीड़ितों को बचाने में सहायता कर रहा है और बच्चों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के क्षेत्र में जानकारी और विशेषज्ञता तैयार करता है।

रेलवे (Indian Railway) से होता है बड़े पैमाने पर मानव तस्करी

भारतीय रेल देश के लिए प्राथमिक ट्रांसपोर्टर है और इसलिए मानव तस्करों के लिए परिवहन का एक प्रमुख रूट है। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात आरपीएफ कर्मियों को पीड़ित के गंतव्य तक पहुंचने और शोषण शुरू होने से पहले तस्करी को रोकने के लिए रणनीतिक रूप से तैनात किया जाता है। अपनी रणनीतिक तैनाती और पूरे भारत में अपनी उपस्थिति के बल पर, आरपीएफ मानव तस्करी को रोकने के लिए देश के प्रयासों में एक पूरक की भूमिका निभा सकता है।