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सीएसआर से लगेंगे 500 नये हैंडपंप, दूर होगी पानी की समस्या

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अगर आप पानी की समस्या से जूझ रहे हैं तो ऐसे पाएं घर के भीतर जल से जल
 
मार्च शुरू होते ही समूचे देश में गर्मी की शुरुआत हो चुकी है, जैसे-जैसे वक़्त बढ़ेगा चैलचिलाती गर्मी की वजह से हाल बेहाल हो जायेगा। ऐसे में गर्मी में होने वाली पानी की किल्लत से काफी हद तक निजात मिलेगी। क्योंकि लोगों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में 500 हैंडपंप लगाए जाएंगे। लगभग पांच साल से बंद हो चुकी हैंडपंप लगाने की योजना को सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत संजीवन मिली है। इससे गर्मी में होने वाली पेयजल की समस्या दूर होगी। दो महीने के भीतर ही सभी हैंडपंप लगा दिए जाएंगे। करीब सवा तीन करोड़ की लागत से हैंडपंप लगाने का काम किया जायेगा। नेपाल बॉर्डर से लगने वाले बढ़नी, शोहरतगढ़ और आंशिक रूप से बर्डपुर ब्लॉक का इलाका गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत से जूझता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में गर्मी में होने वाली पेयजल की किल्लत को देखते हुए सीएसआर प्रोजेक्ट से सांसद जगदंबिका पाल के प्रयास से 500 इंडिया मार्क-टू हैंडपंप लगाने की स्वीकृत हुई है। CSR in Uttar Pradesh

Water Handpump पर निर्भर है बड़ी आबादी, सीएसआर से दूर होगी समस्या

इससे गर्मी में होने वाली पेयजल की समस्या (Drinking Water Problem) से लोगों को निजात मिलेगा। जल निगम में लगभग पांच साल पहले सरकारी हैंडपंपों के सर्वे में जिले में 32 हजार हैंडपंप लगा होना पाया गया था। इसमें लगभग 22 हजार चलते हाल में मिले थे। मौजूदा समय में 10 हजार से अधिक हैंडपंप रिबोर और अन्य वजह से खराब पड़े हैं। हर घर पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत ओवरहैड टैंक से जलापूर्ति के लिए काम चल रहा है। जिले में 629 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। लेकिन उसके सुचारू रूप से शुरू होने में लगभग दो साल का वक्त लगेगा। कारण कहीं पर टैंक नहीं बना है तो कहीं पर पानी डालने का काम बाकी है। ऐसे में अगर 500 हैंडपंप लग जाएंगे तो लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा। मौजूदा समय में जिले की आबादी तकरीबन 29 लाख के आसपास है। इसमें 40 फीसदी आबादी ऐसी है जिसके पास खुद का हैंडपंप, समरसेबल आदि की व्यवस्था है। या फिर आरओ का पानी खरीदकर पानी पीते हैं। 30 फीसदी आबादी के पास अभी भी पारंपरिक नल है। वहीं 30 फीसदी आबादी ऐसी है जो आज भी सरकारी हैंडपंप या फिर दूसरे घर पर लगे हैंडपंप से प्यास बुझाती है।

खराब पड़े हैंडपंप को सीएसआर फंड से ठीक किया जायेगा

वही जब The CSR Journal की स्थानीय टीम ने लोगों से बात की तो डुमरियागंज नगर पंचायत के सुभाष नगर वार्ड में सुनील कुमार वर्मा के घर के सामने लगे हैंडपंप पिछले तीन वर्ष से खराब है। हैंडपंप बनवाने के लिए उन्होंने सभासद से कई बार कहा। लेकिन अब तक नहीं बना है। इसके साथ ही वार्ड नंबर नौ में केनरा बैंक के सामने एक हैंडपंप लगा है। लेकिन वह करीब एक साल से खराब है। हैंडपंप सही होता तो गर्मी में बहुत लोगों को लाभ मिलता। 500 हैंडपंप लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सीएसआर प्रोजेक्ट के तहत यह हैंडपंप लग रहे हैं। जल्द ही हैंडपंप लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। ऐसे में भर गर्मी के महीने में सीएसआर की मदद से लोगों को पीने का पानी मिलने वाला है।