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राजस्थान – सात संकल्प का बजट, जानें इस बजट की ख़ास बातें    

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“जिंदगी की असली उड़ान अभी बाकी है। अपने इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है। अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमी। आगे अभी सारा आसमां बाकी है”। कुछ इसी शायराना अंदाज में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य का बजट पेश किया, राज्य की जनता अशोक गहलोत से तमाम उम्मीदे लगाए बैठी थी, कुछ हद तक तो उम्मीदों पर सीएम गहलोत तो खरे उतरे, तो आईये जान लेतें है कि इस बजट में जनता के लिए क्या ख़ास है, सरकार के पिटारे से आम नागरिकों और खासकर मध्यम वर्गीय लोगों को क्या मिला।

ये है सीएम के सात संकल्प

इस बजट की बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री अपने बजट भाषण में सात संकल्पों का उल्लेख किया है। पहला संकल्प- निरोगी राजस्थान, दूसरा संकल्प – संपन्न किसान, तीसरा संकल्प- महिला, बाल और वृद्ध कल्याण, फिर सक्षम मजदूर, छात्र, युवा, जवान, पांचवां – शिक्षा का परिधान, छठा संकल्प – पानी, बिजली और हितों का मान और सातवां संकल्प – कौशल एवं तकनीकी प्रधान। जाहिर है बजट के इन संकल्पों को देखें तो सरकार ने प्रदेश के सभी वर्गों को छुआ है। अशोक गहलोत बजट पेश करते वक़्त कहा कि हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार के लिए है। इसके लिए सात संकल्प इस बजट की प्राथमिक्ता है।

इस बजट में कोई नया टैक्स नहीं

गहलोत सरकार ने अपने दूसरे बजट में युवाओं के लिए 53 हजार 151 पदों पर भर्ती का एलान किया। साथ ही कोई नया टैक्स नहीं लगाया है, वहीं स्कूलों में शनिवार के दिन ‘नो बैग डे’ की घोषणा भी की। इस दिन कोई पढ़ाई नहीं होगा। शनिवार को स्कूलों में साहित्यिक गतिविधि, पेरेंट्स टीचर मीटिंग, बालसभाएं होंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ी सौगात दी है, सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते 5 फीसदी इजाफे की घोषणा की है। इसके साथ ही कर्मचारियों को अब 12 प्रतिशत के बजाय 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा।

सीएसआर और उद्योग

इस बजट में सीएसआर को लेकर कोई डायरेक्ट बात तो नहीं कही गयी है लेकिन पहले से ही राजस्थान सरकार सीएसआर पर बड़े पैमाने पर काम कर रही है, राजस्थान में सीएसआर प्राधिकरण भी बना है, हेल्थ और रूरल सेक्टर में राजस्थान में सीएसआर के जरिये बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। उद्योगों के लिए सभी अनुमति या एक ही जगह से देने के लिए 2011 में सिंगल विंडो एक्ट शुरू किया था, अब वन स्टॉप शॉप प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक निवेश बोर्ड का गठन किया जाएगा। राज्य में एमएसएमई की आसानी से स्थापना करने के लिए साल 2019 में सरकार ने नया एक्ट लाया जिसके तहत एमएसएमई के नए सिस्टम में 3339 उद्यमियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है।
बजट में निरोगी राजस्थान अभियान के साथ बिमारियों की रोकथाम की भी कोशिश की जाएगी। इस कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए हम 100 करोड़ के निरोगी राजस्थान के कोष की घोषणा की गई। मिलावट खोरों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट सरकार बनाएगी।
बजट में बात करें शिक्षा की तो उच्च शिक्षा को लेकर बजट में कई घोषणाएं की गयी है, राजीव गांधी ई कंटेंट लाइब्रेरी के साथ ही 41 करोड़ 60 लाख की लागत से अल्पसंख्यक बच्चों के लिए छात्रावास बनवाया जाएगा। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी होगी पेरेंट्स मीटिंग। 39 हजार 524 करोड़ रुपए का प्रावधान शिक्षा के लिए किया गया है।
अब सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का निजी अस्पताल को उपचार करना संभव होगा। निजी अस्पतालों को उपचार करना अनिवार्य होगा, यदि कोई दुर्घटना होती है और दुर्घटना स्थल से पास के सबसे पास के निजी अस्पताल में मरीज को ले जाया जा सकेगा। यदि कोई अस्पताल उपचार में कोताही बरतता है। इनकार करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकेगी। सड़क सुरक्षा में बेहतरीन काम करने वाले जिलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें 25 लाख और 15 लाख सहित कई पुरस्कार दिए जाएंगे।

वर्ल्ड डे ऑफ़ सोशल जस्टिस पर बजट में ये बड़ा ऐलान

बजट में ये भी प्रावधान लाया गया है कि स्थानीय निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी मानव को मैन्युअल सीवर लाइन में नहीं उतारा जाएगा। सीवरेज सफाई कार्य मशीनों से होने के लिए बजट में फोकस किया गया है, राजस्थान सरकार मैन्युअल स्कैवेंजिंग को रोकने के लिए 176 करोड़ के उपकरण खरीदेगी। ऊर्जा के क्षेत्र की बात करें तो 800 मेगा वाट सौर ऊर्जा के इकाई की घोषणा इस बजट में की गयी है, ग्रामीण क्षेत्र में छोटी पेयजल और सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास किये जायेंगे।

स्वास्थ सेवाओं के लिए बनेंगे 6 नए मेडिकल कॉलेज

स्वास्थ सेवाओं की बात करें तो राज्य के 150 चिकित्सा संस्थानों में 1000 बैड बढ़ाए जायेंगे। वहीं छह नए मेडिकल कॉलेजों के लिए भूमि आवंटन की जाएगी।अजमेर रोड, जोधपुर में राजकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय भी बनाया जायेगा। 5000 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की प्रक्रिया 4 साल में पूर्ण की जाने की भी बात इस बजट में की गयी है।