Home हिन्दी फ़ोरम छत्तीसगढ़ – सीएसआर फंड में गड़बड़ी रोकने के लिए बनी कमेटी

छत्तीसगढ़ – सीएसआर फंड में गड़बड़ी रोकने के लिए बनी कमेटी

584
0
SHARE
 
सीएसआर के प्रोजेक्ट्स में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को देखते हुए अब कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के साथ-साथ जिला प्रशासन भी सजग हो रहा है। Corporate Social Responsibility फंड के तहत सकारात्मक सामाजिक बदलाव के बदले कुछ लोग CSR Funds का दुरुपयोग कर अपनी जेब भरने में लगे हुए है। ऐसे में इनपर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन चुस्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सीएसआर की राशि का दुरुपयोग रोकने और नियमों का पालन कराने के लिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में सीएसआर कमेटी का गठन किया गया है।
जिला स्तर पर कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की परियोजनाओं के तहत कई कार्यक्रम चल रहे हैं। उनकी सतत निगरानी, वित्तीय अनियमितताओं को रोकने, सीएसआर नीति का पालन कराने, कंपनी के अंतर्गत गठित सीएसआर इम्प्लिमेंटिंग एजेंसियों को मार्गदर्शन देने, शासकीय विभाग और सीएसआर एजेंसियों में आपसी समन्वय और अभिसरण से कार्य की आवश्यकताओं का चिन्हांकन करने व जरूरत के आधार पर कार्ययोजना तैयार करने, जिससे काम के दोहराव और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके के उद्देश्य से सीआरएस कमेटी का गठन किया गया है।

ये होंगे सीएसआर कमेटी में जो सीएसआर की गड़बड़ी को रोकेंगे

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के बलौदाबाजार कलेक्टर रजत बंसल CSR Committee के अध्यक्ष होंगे। जिले में कुल 6 औद्योगिक संयंत्र है। श्री सीमेंट लिमिटेड, अल्ट्राटेक सीमेंट हिरमी, न्यू विस्टा लिमिटेड रिसदा, अंबुजा सीमेंट लिमिटेड, न्यू विस्टा लिमिटेड सोनाडीह, अल्ट्राटेक सीमेंट रावन के यूनिट और सीएसआर हेड भी कमेटी में रहेंगे। जिला स्तरीय सीएसआर कमेटी का काम कुछ इस प्रकार होगा, सीएसआर में योगदान के लिए व्यावसायिक संस्थाओं का चयन करना। व्यावसायिक संस्थाओं की बैठक बुलाकर जनहित के कार्यों के लिए प्रोत्साहित करना। सीएसआर से संबंधित जो भी Development कार्य किए जा रहे हो उसकी मॉनिटरिंग करना। जहां आवश्यक हो सीएसआर कमेटी में राशि उपलब्ध कराकर जनहित से गतिविधियां किया जाना।

आदित्य बिरला ने भी किया है सीएसआर के गड़बड़ी?

सीएसआर को रेगुलराइज करने के लिए इस तरह की सख्ती जरुरी है क्योंकि सिर्फ इम्प्लिमेंटिंग एजेंसी ही नहीं बल्कि खुद कॉरपोरेट कंपनियां भी सीएसआर के गड़बड़ी करती है जिसका ताज़ा उदहारण आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल (Aditya Birla Memorial Hospital News) का है जहां आदित्य बिरला फाइनेंस लिमिटेड (Aditya Birla Finance Limited) ने साल 2020-21 में आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल को हेल्थ केयर (Healthcare) प्रमोशन के लिए 8 करोड़ रुपए का सीएसआर फंड दिया। ये 8 करोड़ रुपये का सीएसआर फंड (CSR Fund) आदित्य बिरला कैपिटल फाउंडेशन (Aditya Birla Capital Foundation) के जरिये आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल को मिला। लेकिन सीएसआर (Aditya Birla CSR) मिलने के बाद भी यह हॉस्पिटल पेशेंट मरीजों का ना तो मुफ्त में इलाज करता है और ना ही किफायती दरों पर।
बहरहाल सीएसआर में गड़बड़ी, अनिमिताएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं। इन सीएसआर की गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन स्तर पर काम भी किया जा रहा है लेकिन कॉरपोरेट को खुद को सोचना चाहिए कि सीएसआर का पैसा समाज की भलाई के लिए होता है ना कि व्यक्तिगत भलाई।