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गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद का रिकॉर्ड टूटा, 100 करोड़ की सहायता देकर मसीहा बनें सीएम एकनाथ शिंदे

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गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद का रिकॉर्ड टूटा, 100 करोड़ की मदद देकर मसीहा बनें सीएम एकनाथ शिंदे
 
महाराष्ट्र की राजनीति में जैसे-जैसे नए अध्याय लिखे जा रहे है, वैसे ही मुख्यमंत्री नए-नए रिकॉर्ड तोड़ रहे है। सीएम एकनाथ शिंदे देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए है जिनके कार्यकाल में गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद के सारे रिकॉर्ड टूट गए है। महज एक साल के भीतर ही CM Eknath Shinde ने गरीब और जरूरतमंद मरीजों को 100 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देकर उनका इलाज करवाया है। जिसकी वजह से मरीजों की जान बची है। मदद का ये आकड़ा लगातार बढ़ ही रहा है। गौरतलब है कि जब से महाराष्ट्र की सत्ता पर एकनाथ शिंदे काबिज हुए है, लोगों की उम्मीदें एकनाथ से ज्यादा बढ़ गयी है। महज एक साल के भीतर 12500 मरीजों को 100 करोड़ की ये आर्थिक सहायता मिली है।

एक साल में 12500 मरीजों को मिला 100 करोड़ का Medical Help

हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्ष के माध्यम से महाराष्ट्र के जरूरतमंद और गरीब मरीजों को फाइनेंसियल और मेडिकल सहायता प्रदान की जाती है। Chief Minister Medical Help Cell ने आज एक अनोखा कीर्तिमान बनाया है और इसके माध्यम से पिछले साल में प्रदेश के 12 हजार 500 मरीजों को 100 करोड़ रुपये की Medical Help चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है। जो मरीज पैसों की कमी के कारण अपना इलाज नहीं करवा पाते ऐसे मरीजों की आर्थिक सहायता करता है मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कक्ष। इसमें लगभग सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसमें ऐसे भी मरीज शामिल हैं जिनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा होता है और मरीज के परिजनों का पैसा खत्म हो जाता है ऐसे में सीएम मेडिकल रिलीफ फंड ऐसे मरीजों और परिजनों के लिए बहुत मददगार साबित होता है। पूरे राज्य भर में जरूरतमंद और गरीब मरीजों इलाज के साथ ही ऑपरेशन के लिए भी सीएम रिलीफ फंड से आंशिक रूप से मदद किए जाते हैं।

सरकार की इस बड़ी उपलब्धि पर सीएम एकनाथ शिंदे ने ये कहा

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि पिछले साल मेरे साथ इस महागंठबंधन सरकार में शामिल विधायकों व सांसदों पर अक्सर पैसा लेने का आरोप लगा। लेकिन महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) का ये काम इन सभी आलोचकों को जवाब है। इस मौके पर यह साबित हो गया कि राज्य में महायुति सरकार पैसे लेने वाली सरकार नहीं, बल्कि बड़े दिल से जरूरतमंदों और गरीब जनता की मदद करने वाली सरकार है।

उद्धव ठाकरे की तुलना में एकनाथ शिंदे मरीजों की मदद के मामले में ज्यादा उदार

जहां एक तरफ CM Eknath Shinde महज एक साल में 12500 मरीजों को 100 करोड़ की मदद की वहीं जब उद्धव ठाकरे सीएम थे तब ये आकड़ा बहुत सीमित था। उद्धव ठाकरे की तुलना में एकनाथ शिंदे मरीजों की मदद के मामले में ज्यादा उदार है। उद्धव ठाकरे के कार्यकाल की बात करें तो साल 2020-21 में 4395 मदद के लिए आवेदन आये लेकिन 1784 आवेदन ही मंजूर हुए और महज 8 करोड़ रुपये ही जरूरतमंदों को मिले। वहीं बात 2021-22 की करें तो 6317 आवेदन आये और 2463 आवेदनों को मंजूर करते हुए 11 करोड़ की आर्थिक मदद किये। उद्धव और एकनाथ शिंदे (Uddhav Thackeray VS Eknath Shinde) में तुलना करें तो एकनाथ मरीजों की मदद के मामले में ज्यादा उदार है। एकनाथ शिंदे मरीजों की मदद अरसे से करते आ रहें हैं। एकनाथ शिंदे के बेटे डॉ.श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) खुद एक डॉक्टर है और डॉ श्रीकांत शिंदे फाउंडेशन (Dr. Shrikant Shinde Foundation) चलाते है। इस फाउंडेशन की पहल से शिवसेना वैद्यकीय मदद कक्ष (Shivsena Medical Help Cell) की भी स्थापना की गयी जो पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त और कोई मेडिकल फैसिलिटी से कोई वंचित ना रह जाए इसके लिए काम कर रहा है।

सीएम मेडिकल हेल्प से मदद पाना है आसान

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के प्रमुख मंगेश चिवटे (Mangesh Chivte) ने The CSR Journal से बात करते हुए बताया कि “जब से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने है मदद की आस रखने वालों की तादाद बढ़ी है। Maharashtra CM Medical Relief Fund को पाने का तरीका और भी सरल और आसान बनाया गया है।

मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी कैसे प्राप्त करें?

मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी टोल फ्री नं. : 8650567567
ईमेल आईडी – aao.cmrf-mh@gov.in
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
1. आवेदन (निर्धारित प्रारूप में)
2. निदान और उपचार के लिए किए गए मेडिकल खर्च का प्रमाण पत्र आवश्यक है। (निजी अस्पताल के मामले में सिविल सर्जन से प्रमाणीकरण आवश्यक है।)
3. तहसीलदार कार्यालय से आय प्रमाण पत्र। (1.60 लाख रुपये से कम होना चाहिए।)
4. रोगी का आधार कार्ड (महाराष्ट्र राज्य) शिशु (बाल रोगियों) के लिए माता का आधार कार्ड आवश्यक है।
5. रोगी का राशन कार्ड (महाराष्ट्र राज्य का होना जरुरी है)
6. संबंधित बीमारी की रिपोर्ट आवश्यक है।
7. दुर्घटना के मरीजों के लिए रिपोर्ट जरूरी है।
8. ट्रांसप्लांट रोगियों के लिए एनडीएयू/सरकारी समिति की स्वीकृति आवश्यक है।
9. यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री सहायता कोष कार्यालय के कंप्यूटर सिस्टम पर हो।
यदि ई-मेल के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आवेदन के साथ सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में भेजे जाने चाहिए। एवं उसकी मूल प्रति तत्काल मुख्यमंत्री सहायता कोष में डाक द्वारा भिजवाई जाए।