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महाराष्ट्र – अब डेढ़ नहीं बल्कि 5 लाख तक पाएं मुफ्त इलाज

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) अपने संवेदनशीलता के लिए जानें जाते हैं। मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने अपने पहले बजट में आम नागरिकों के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के गरीब नागरिकों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा की। अब महाराष्ट्र के सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना (Mahatma Jyotiba Phule Jan Arogya Yojana) का दायरा बढ़ाया गया है।
अभी तक महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत नागरिकों को डेढ़ लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज, सर्जरी, थेरेपी आदि की सुविधा मिलती थी। इस सीमा को अब बढ़ाकर 5 लाखरुपये कर दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के नागरिकों को बहुत लाभ होगा, जो इलाज के लिए पूरी तरह से सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र के नागरिकों को महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत एक वित्तीय वर्ष में अस्पताल में पांच लाख तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।

महाराष्ट्र में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में होगा मुफ्त इलाज

खास बात यह भी है कि महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना ना सिर्फ सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी जरूरतमंद अपना मुफ्त इलाज करवा सकते हैं। इस बार 200 नए अस्पतालों को भी शामिल किया गया है। इससे आम नागरिकों को इलाज के लिए अस्पताल के कई नए विकल्प मिल रहे है। साथ ही सरकार ने किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख कर दिया है। मुंबईकरों को घर के पास इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए शुरू की गई ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ योजना को अब पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। पूरे महाराष्ट्र में 700 बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना यानी मुफ्त क्लिनिक शुरू करने की घोषणा की गई है।

महाराष्ट्र में इतने लोगों ने उठाया है मुफ्त इलाज का लाभ

एमजेपीजेएवाय और प्रधानमंत्री आयुष्मान जन आरोग्य योजना के तहत 2021-22 में 8 लाख, 47 हजार लोगों का ऑपरेशन या इलाज किया गया, जबकि दिसंबर 2022-23 के अंत तक 6 लाख, 25 हजार लोगों का ऑपरेशन और इलाज किया गया। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में राज्य सरकार ने माता सुरक्षित तो बाल सुरक्षित अभियान पर जोर दिया है। इस अभियान के तहत राज्यभर में 4 करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग सहित इलाज करने की घोषणा की गई है। इससे राज्य में होने वाली नवजात मृत्यु, माता मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके अलावा बुजुर्गों के लिए चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी घोषणा बजट में की गई है।

राज्य में बनेंगे 14 सरकारी मेडिकल कॉलेज

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट भाषण में घोषणा की है कि राज्य में 14 जगहों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। ये मेडिकल कॉलेज सातारा, अलीबाग, सिंधुदुर्ग, धाराशिव, परभणी, अमरावती, भंडारा, जलगांव, रत्नागिरी, गडचिरोली, वर्धा, बुलढाणा, पालघर और अंबरनाथ में बनाए जाएंगे। इसके अलावा मानसिक परेशानी और नशाखोरी की बढ़ती समस्या के मद्देनजर जालना, भिवंडी, पुणे और नागपुर में नए नशा मुक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
जिनके पास इलाज के पर्याप्त पैसे नहीं होते है, सरकारी योजनाओं से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM Eknath Shinde) और सांसद श्रीकांत शिंदे (MP Shrikant Shinde) गरीब और जरूरतमंद मरीजों की आर्थिक मदद करते रहते है। सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा मदद और इंसानियत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के माध्यम से मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से जरूरतमंदों की मदद में लगातार इजाफा हो रहा है।

अक्षम को सक्षम करती है मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी

जो मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं है। कभी-कभी इन मरीजों का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा होता है और मरीज के परिजनों का पैसा खत्म हो जाता है ऐसे में मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी ऐसे मरीजों और परिजनों के लिए बहुत मददगार साबित होता है। पूरे राज्य भर में जरूरतमंद और गरीब मरीजों इलाज के लिए एकनाथ सरकार मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी के अंतर्गत तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी कैसे प्राप्त करें?

मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी टोल फ्री नं. : 8650567567
ईमेल आईडी – aao.cmrf-mh@gov.in
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का लाभ लेने के लिए आवश्यक दस्तावेज
1. आवेदन (निर्धारित प्रारूप में)
2. निदान और उपचार के लिए किए गए मेडिकल खर्च का प्रमाण पत्र आवश्यक है। (निजी अस्पताल के मामले में सिविल सर्जन से प्रमाणीकरण आवश्यक है।)
3. तहसीलदार कार्यालय से आय प्रमाण पत्र। (1.60 लाख रुपये से कम होना चाहिए।)
4. रोगी का आधार कार्ड (महाराष्ट्र राज्य) शिशु (बाल रोगियों) के लिए माता का आधार कार्ड आवश्यक है।
5. रोगी का राशन कार्ड (महाराष्ट्र राज्य का होना जरुरी है)
6. संबंधित बीमारी की रिपोर्ट आवश्यक है।
7. दुर्घटना के मरीजों के लिए रिपोर्ट जरूरी है।
8. ट्रांसप्लांट रोगियों के लिए एनडीएयू/सरकारी समिति की स्वीकृति आवश्यक है।
9. यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री सहायता कोष कार्यालय के कंप्यूटर सिस्टम पर हो।
● यदि ई-मेल के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आवेदन के साथ सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में भेजे जाने चाहिए। एवं उसकी मूल प्रति तत्काल मुख्यमंत्री सहायता कोष में डाक द्वारा भिजवाई जाए।