Bihar Govt relaxes 75% attendance for Uniform and Bicycle Schemes ahead of Assembly Elections 2025
In a smart move ahead of the Assembly Elections which are due later this year, the Nitish Kumar-led Bihar government has eased the 75 per cent compulsory attendance norm for students to avail benefits of uniform and bicycle schemes.
Bihar Education Minister Sunil Kumar made this announcement in the Legislative Council, with approval from Chief Minister Nitish Kumar and the state cabinet.
A similar calculated move was taken in 2020 ahead of the Assembly polls in the state. The 2025 Bihar Legislative Assembly election for all 243 constituencies is scheduled to be held later this year.
Announcement by Bihar Education Minister
Bihar Education Minister Sunil Kumar announced in the state Legislative Council, “From the academic session 2025-26, attendance of 75 per cent will no longer be mandatory to avail benefits of uniform and bicycle schemes. Students can now receive these benefits at the beginning of the academic session.”
Also, in a relief for students during the scorching heat, the Education Minister stated that there will be no extra classes during summer vacations.
Approximately 2.5 crore students from Class 1 to Class 12 benefit from the uniform scheme, while around 17 lakh students of Class 9 get bicycles.
Under the previous policy, only students who attended school regularly and recorded 75 percent attendance were considered eligible for the financial assistance. But the new policy makes government school students enrolled— an estimated 1.8 crore per year— to be eligible for these benefits, regardless of their attendance.
How much school students get under Uniform Scheme:
– Classes 1 & 2: Rs 600 per student
– Classes 3 to 5: Rs 700 per student
– Classes 6 to 8: Rs 1,000 per student
– Class 9 to 12: Rs 1,500 per student
How much school students get under Cycle Scheme:
– Class 9 students: Rs 3,500
Direct Fund Transfer to Students’ Bank Accounts
Trying to make the disbursement of financial aid smoother and faster, the Bihar government will directly transfer money to students’ bank accounts under the cycle and uniform schemes.
The state government is also prioritising the upgradation of school infrastructure. The Education minister further announced that around 29,000 schools will have computers for Class 6-8 students.
CM Nitish Kumar using Education as Electoral Tool: Opposition
The Rashtriya Janata Dal (RJD) accused the BJP-Janata Dal (United) government, led by Chief Minister Nitish Kumar, of using education as an electoral tool.
RJD national spokesperson Subodh Kumar Mehta said, “The state government initially implemented the 75 per cent attendance norm to improve enrollment and education quality. However, it now views students as a means to appease their families and garner votes.”
Rajkot: 14-Year-Old Boy Dies After Being hit by Water Bottle Thrown from Train
A very shocking incident has come to light from Gujarat’s Rajkot district. A 14-year-old boy named Badal Santoshbhai Thakur lost his life after a very unusual incident occurred. The boy was hit by a plastic water bottle thrown from a moving train. The alleged incident occurred near the Shapar-Veraval railway tracks on Monday.
The incident took place on the same day as the Eid holiday and celebrations were on full swing in the nation. According to initial findings Badal was playing with a friend near the railway tracks. Suddenly a bottle struck him in full force, causing severe injuries.
What happened?
14-year-old Badal and his friend were playing in a nearby garden before wandering towards the railway tracks. As both the kids reached near the railway lines, a passenger threw a full water bottle out of the first coach. The passenger was aboard the Veraval-Bandra Terminus train.
According to reports the bottle struck Badal in the chest with such force that he instantly lost consciousness. Evenafter the paramedics quickly arrived at the scene, Badal was pronounced dead.
Investigation Underway
Following the incident the Shapar police registered a case of accidental death. Furthermore, the police have also sent the boy’s body for a forensic post-mortem report. The body was sent to Rajkot Civil Hospital to determine the root cause of Badal’s death.
Meanwhile, authorities are investigating if the impact of the bottle caused the fatal injuries. The police are also looking if the boy may have suffered a cardiac arrest due to the shock of the incident.
Shapar police are working day in and day out to identify the individual who threw the bottle from the moving train. The act of recklessness has prompted concerns about safety and the need for stronger measures to prevent such incidents from happening in the future.
Victim’s Family Background
Reports suggest that Badal lived with his family in the Shantidham area of Shapar Veraval in Rajkot. He was the only son of his parents. His family had roots in Madhya Pradesh but had been residing in Gujarat for the past two years. His father ran a fabric business in Rajkot for over two decades. The family’s grief has been compounded by the sudden loss of their beloved son.
Meanwhile the community remains in shock. Many are calling for more stringent measures to prevent such tragedies.
उत्पादन और प्रेषण में नया शिखर, एनसीएल ने रचा इतिहास
भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोयला उत्पादन और प्रेषण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने इस वर्ष 139 मिलियन टन कोयले के उत्पादन का लक्ष्य सफलतापूर्वक प्राप्त किया और इस उपलब्धि के साथ नए रिकॉर्ड बनाए हैं। एनसीएल, जो देश की प्रमुख कोयला उत्पादक कंपनियों में से एक है, ने इस वर्ष बिजली घरों और अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं को 137.7 मिलियन टन कोयले का प्रेषण किया। यह उपलब्धि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि कोयला देश में बिजली उत्पादन का मुख्य स्रोत है। Coal India arm NCL achieved production target of 139 MT for FY25
एनसीएल का पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोण
Northern Coalfields Ltd (NCL) ने अपने कोयला प्रेषण का 85% पर्यावरण-अनुकूल माध्यमों से किया। इनमें रेल, एमजीआर (माइनिंग गर्डर रेल) और बेल्ट पाइप कंवायर जैसी आधुनिक और प्रदूषण रहित परिवहन व्यवस्थाएं शामिल हैं। इससे कोयला परिवहन में डीजल चालित वाहनों की निर्भरता कम हुई है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है। एनसीएल की इस पहल से न केवल कोयला आपूर्ति की गति और कुशलता में वृद्धि हुई है, बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को भी कम किया गया है। यह दर्शाता है कि कंपनी उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ सतत विकास की दिशा में भी मजबूती से कदम बढ़ा रही है।
कंपनी की सफलता पर उच्च अधिकारियों ने दी बधाई
Northern Coalfields Ltd (NCL) की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर सीएमडी बी. साईराम ने पूरी एनसीएल टीम को बधाई दी। कंपनी के उच्च अधिकारियों ने इस सफलता का श्रेय एनसीएल के कर्मठ कर्मचारियों, अधिकारियों और उनके अटूट समर्पण को दिया, जो कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर राष्ट्र की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में योगदान दे रहे हैं। एनसीएल की इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में मंगलवार को सीएमडी और निदेशकमंडल ने कंपनी की विभिन्न परियोजनाओं का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने परियोजना स्थलों पर जाकर एनसीएल के कर्मचारियों से सीधे संवाद किया और उनके उत्साह और ऊर्जा संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।
NCL CMD B Sairam ने कर्मचारियों से की बात
सीएमडी बी. साईराम ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, “एनसीएल टीम ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। भारी बारिश और अन्य चुनौतियों के बावजूद हमने अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया, जो हमारी मेहनत और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। यह सफलता सभी एनसीएल कर्मियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है।”
कठिन परिस्थितियों के बावजूद शानदार प्रदर्शन
एनसीएल के कार्यक्षेत्र में इस वर्ष पिछले साल की तुलना में 218% अधिक वर्षा हुई। आमतौर पर, भारी बारिश के कारण खनन कार्यों में बाधा आती है और उत्पादन की गति धीमी पड़ जाती है, लेकिन एनसीएल के कर्मियों ने इन चुनौतियों को पार करते हुए, पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2 मिलियन टन अधिक कोयला उत्पादन किया। यह एनसीएल की कार्यकुशलता और नवीनतम तकनीकों के उपयोग की बदौलत संभव हो सका। कंपनी ने आधुनिक मशीनों, उन्नत खनन तकनीकों और बेहतर योजना के माध्यम से कठिन मौसम परिस्थितियों में भी सुचारू रूप से काम किया और उत्पादन लक्ष्यों को पूरा किया।
एनसीएल की उपलब्धि देश के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
एनसीएल की इस उपलब्धि से न केवल बिजली उत्पादन में स्थिरता आएगी, बल्कि उद्योगों को भी निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित होगी। देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कोयला एक आवश्यक संसाधन है, और एनसीएल की यह उपलब्धि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसके साथ ही, कंपनी की पर्यावरण-अनुकूल कोयला परिवहन तकनीकों को अपनाने की रणनीति कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।
Prevention of Blindness Week: आंखों के साथ न कीजिए कोई गुस्ताखी
Prevention of Blindness Week: हाल के कुछ वर्षों में भागदौड़ भरी जिंदगी और हमारी दिनचर्या में ऐसा बदलाव आ चुका है कि इसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। हमारे खानपान और कमजोरी का असर आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है। यही कारण है कि पहले के दौर में जहां बुजुर्गों को चश्मे की जरूरत नहीं पड़ती थी, आज की जेनरेशन में बचपन में ही चश्मे की जरूरत होने लगी है। आंखों की रोशनी का कमजोर होना आज के समय में एक गंभीर विषय बन गया है, जिस बारे में सोचना बहुत ही जरूरी है।
दुनिया भर में दृष्टिबाधित व्यक्तियों की सटीक संख्या उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमानित तौर पर 2025 में लगभग 25 करोड़ से अधिक लोग दृष्टिबाधित हैं, जिनमें से 3.9 करोड़ लोग पूरी तरह से अंधे हैं, जबकि 1.33 करोड़ से अधिक लोग आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हैं। अकेले भारत में लगभग 2.5 करोड़ से अधिक लोग पूरी तरह से या आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हैं। यह संख्या भारत की कुल आबादी का लगभग 2 प्रतिशत है।
Prevention of Blindness Week
1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक, भारत सरकार द्वारा दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह (Prevention of Blindness Week) का आयोजन किया जाता है। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान के माध्यम से अंधेपन और दृष्टिहीनता के बारे में जागरूकता फैलाई जाती है। इसका उद्देश्य है देश भर में तरह- तरह के कार्यक्रम और गतिविधियों के माध्यम से दृष्टिहीन लोगों के जीवन और अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना और अंधेपन को रोकने के बारे में जानकारी देना। इस पूरे सप्ताह में भारत सरकार दृष्टिहीन लोगों के रोज़गार के अवसरों में सुधार, उनकी देखभाल के लिए बेहतर स्वास्थ्य संस्थानों का निर्माण और विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों को कवर करती है।
Prevention of Blindness Week का इतिहास 1960 में Pandit Jawaharlal Nehru और राजकुमारी Amrit Kaur द्वारा नेशनल सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस ( NSFTPB) की स्थापना की गई। इसे पहली बार 1860 के सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट (Society Ragistration Act) के तहत शुरू किया गया था। तब से, संगठन ने Rotary International और Sight Savers के साथ सक्रीय रूप से अंधेपन के बारे में जागरूकता फ़ैलाने और Disabilities पर काम किया है। साल 2020 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का “दृष्टि का अधिकार” अभियान शुरू किया गया था, जिसमें भारत सरकार शामिल हुई और अंधेपन की रोकथाम पर जागरूकता फैलाने में भाग लिया। पहली बार दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह (Prevention of Blindness Week) 1961 में मनाया गया था। भारत में अंधेपन के मुख्य कारण Cataract, Refractive Error, और Glaucoma हैं। दृष्टिहीनता निवारण सप्ताह एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें हम सभी मिलकर अंधेपन को कम करने के लिए काम कर सकते हैं। Prevention of Blindness Week के दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें आंखों की जांच के मुफ्त शिविर का आयोजन, आंखों की देखभाल पर सेमिनार, Workshops और विभिन्न जागरूकता अभियान शामिल हैं।
Prevention of Blindness Week का महत्त्व
Prevention of Blindness Week – यह सप्ताह अंधेपन के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह दिन दृष्टि बाधित लोगों के बारे में सोचने और उनके लिए कुछ करने के लिए एक रिमाइंडर की तरह काम करता है। Prevention of Blindness Week के पूरे सप्ताह भर आम लोगों को आंखों की देखभाल संबंधी शिक्षा प्रदान की जाती है। अभियान को सफल बनाने के लिए गैर सरकारी संगठनों, विभिन्न विभागों और प्रकाशन गृहों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस अवसर पर आंखों की दुर्बलता के लिए जोखिमकारी कारकों के बारे में जागरूकता पैदा की जाती है। भारत का नेत्रहीन लोगों की सबसे बड़ी संख्या वाला देश होने के कारण, आम जनता को Trecoma, Glaucoma, Vitamin A की कमी, Cataract और कुपोषण जैसे प्रमुख कारणों के बारे में जागरूकता प्रदान की जाती है।
अंधत्व से जुड़े सरकारी कार्यक्रमों में राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम (NPCBVI) सबसे महत्वपूर्ण Programme है, जो 1976 में शुरू हुआ था, जिसका मकसद Blindness की व्यापकता को कम करना है। NPCBVI पूरी तरह केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में Cataract की मुफ़्त Surgery, नेत्र चिकित्सकों की उचित Training, और ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र देखभाल सेवाओं को मजबूत बनाना शामिल है। इस Programme के जरिए सरकार ने अंधता की व्यापकता दर को 1.4 से घटाकर 0.3 करने में सफलता पाई है।
दृष्टिहीनता से बचाव के लिए उपाय
अंधेपन से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं :
खानपान में Vitamins को करें शामिल – अगर इंसान का खानपान सही रहे तो किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं होगी। पौष्टिक और संतुलित आहार के माध्यम से इंसान स्वस्थ रहते हुए लंबे जीवन का सफर तय कर सकता है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए Vitamin C, Vitamin E, Omega 3 Fatty Acids, Lutin और Zink जैसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्वों की आवश्यकता पूरी करने के लिए आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, मछली, अंडे, घी, Nuts, Pulses, Beans और अन्य Citrus Fruits को शामिल करना चाहिए।
Smoking को कहें ना – धूम्रपान यानी Smoking शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपके Lungs समेत आंखों की रोशनी के लिए भी बेहद हानिकारक है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि Smoke करने से Dry Eyes, Macular Degeneration, Diabetic Retinopathy, Eye Syndrome और Cataract जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। नियमित रूप से धूम्रपान करने वाले लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याएं जरूर होती हैं। इसलिए आंखों की सेहत के लिए धूम्रपान से दूरी बनाए रखें।
UV Radiations से आंखों की रक्षा – तेज धूप में बाहर निकलते वक्त आंखों को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाना चाहिए। इन हानिकारक किरणों के संपर्क में आने से Macular Degeneration और Cataract का खतरा हो सकता है। इन किरणों से बचने के लिए, खासकर गर्मी के मौसम में आपको यूवी प्रोटेक्टर चश्मे का उपयोग करना चाहिए।
Laptop और Phone Screen से बनाएं दूरी – लैपटॉप या फोन की स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आंखों की रोशनी कम हो सकती है। बहुत देर तक Computer या Laptop और Mobile की स्क्रीन देखने के कारण आपकी नजर धुंधली हो सकती है। साथ ही सिरदर्द और कंधे में दर्द समेत कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको लैपटॉप पर ज्यादा देर तक काम करना है तो Anti Glare Screen का इस्तेमाल करें। हर दो घंटे के बाद आपको कम से कम 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए।
Prevention of Blindness Week का मकसद है आपको ये बताना कि अपनी आंखों की जितनी देखभाल कर सकते हैं, करें। क्यूंकि आंखें सही सलामत हैं तो हमारे लिए ये खूबसूरत दुनिया है, वरना कुछ भी नहीं!
Vehicle Scrapping Policy in Maharashtra: पुरानी गाड़ी स्क्रैप कर नई गाड़ी लेने पर टैक्स में 15% छूट
Vehicle Scrapping Policy in Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए खुद से पुरानी गाड़ी स्क्रैप करने वालों को नई गाड़ी की खरीददारी पर टैक्स में 15% छूट देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। अब तक सरकार 8 साल पुरानी ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों और 15 साल पुराने निजी गाड़ियों को स्वेच्छा से स्क्रैप करने पर 10% कर छूट दे रही थी। लेकिन अब इस छूट को बढ़ाकर 15% कर दिया गया है, जिससे वाहन धारकों को अधिक लाभ मिलेगा। Scrap your Vehicle and get 15% off on Tax in Maharashtra
Vehicle Scrapping Policy in Maharashtra: किन वाहनों को मिलेगा लाभ?
यह छूट उन वाहनों को मिलेगी, जिन पर एकमुश्त कर (वन टाइम टैक्स) लागू है। जिन वाहनों पर वार्षिक कर लागू है, उन्हें 8 साल (परिवहन वाहन) और 15 साल (गैर-परिवहन वाहन) तक 15% वार्षिक कर छूट दी जाएगी। जो वाहन धारक अपने पुराने वाहन को अधिकृत स्क्रैप सेंटर (RVSF) पर स्क्रैप कराएंगे, उन्हें प्रमाणपत्र (Certificate of Deposit) मिलेगा। यह प्रमाणपत्र दो साल तक मान्य रहेगा और इसी के आधार पर नए वाहन की खरीद पर कर छूट मिलेगी। हालांकि, यह छूट केवल उसी प्रकार के वाहन के लिए मिलेगी, जो स्क्रैप किया गया है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने पुरानी बाइक स्क्रैप की है, तो उसे नई बाइक की खरीद पर ही कर छूट मिलेगी। Scrap your Vehicle and get 15% off on Tax in Maharashtra
तीन साल तक वैध होगी योजना
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यह योजना अगले तीन वर्षों तक लागू रहेगी। इस दौरान जो भी वाहन धारक अपने पुराने वाहन को स्वेच्छा से स्क्रैप कराएंगे, वे इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस नीति से न केवल वाहन धारकों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा, क्योंकि इससे सड़कों पर पुराने और Pollution फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम होगी। Vehicle Scrapping Policy in Maharashtra
Waqf Bill Explained: आसान भाषा में समझिये वक्फ बिल क्या है, क्यों हो रही है खिलाफत, बवाल की असली वजह?
Waqf Bill Explained: वक्फ संशोधन बिल 2024 पर आज लोकसभा में सरकार और विपक्ष की अग्निपरीक्षा है। सरकार इसे पास कराने को तैयार है, जबकि विपक्ष इसे रोकने का दावा कर रहा है। चलिए समझते है कि आखिरकार ये बिल क्या है, क्यों हो रही है खिलाफत, बवाल की असली वजह क्या है? वक्फ बिल पर महाभारत है। मोदी सरकार आज लोकसभा में वक्फ बिल पेश करने जा रही है। सदन में नंबर गेम से ऐसा लगता है कि सरकार इसे पास करा लेगी। हालांकि, विपक्ष अपनी एकजुटता के भरोसे इसे फेल करने का दावा कर रहा है। विपक्ष को उम्मीद है कि वे इसे पास करने से रोक देंगे। वहीं, सरकार इसे पास कराने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जदयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगियों का भी साथ मिल चुका है, जो पहले अन्य मुद्दों पर अलग रुख रखा करते थे। ऐसे में आइये जानतें हैं आसान तरीके से। Waqf Bill Explained:
Waqf Bill Explained:
The Waqf (Amendment) Bill, 2024, is set for discussion in Lok Sabha tomorrow, with 8 hours allocated, extendable as needed.
The government is committed to a fair, open debate where every MP, across party lines, gets a voice.
But if some choose to evade discussion, what message… pic.twitter.com/50cOmqLgGs— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) April 1, 2025