समाज के उत्थान के लिए सीएसआर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे स्वास्थ्य हो या रोजगार, कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की मदद से जरूरतमंद और गरीब जनता इससे लाभान्वित होती है। खासकर बात करें महिलाओं की तो महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। सरकार भी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही हैं। इसमें CSR का भी योगदान सराहनीय है। झारखंड राज्य के पलामू में हिंडालको की सीएसआर टीम द्वारा प्रोजेक्ट कासी के तहत कांस से उपयोग की वस्तु बनाने को लेकर निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे पलामू में नदी-तालाब किनारे उगने वाले कांसे से उपयोगी सामान बनाने का हुनर महिलाएं सीख रही हैं, जहां वस्तुओं को बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
झारखंड में सीएसआर से ट्रेनिंग लेकर महिलाएं बन रही है आत्मनिर्भर
पलामू के पड़वा प्रखंड अंतर्गत पंचायत भवन लोहड़ा में हिंडालको की सीएसआर टीम द्वारा प्रोजेक्ट कासी के तहत कांस (Wild Sugarcane, Kans Grass) से उपयोग की वस्तु बनाने को लेकर निशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां महिलाएं 9 अलग-अलग प्रकार के टी कोस्टर, टेबल मैट, डस्टबिन, डाली व अन्य वस्तु बनाना सीख रही हैं। यह प्रशिक्षण 30 दिनों तक चलेगा, इसके बाद उन महिलाएं को रोजगार से जोड़ने के लिए कासी क्राफ्ट प्रोड्यूसर ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें ये 30 महिलाएं सदस्य होंगी। इसके बाद उनमें से प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और डायरेक्टर का चयन होगा। उनके द्वारा बनाए गए समान को मार्केट में भेजा जाएगा।
CSR से आत्मनिर्भर बन हाई एंड प्रोडक्ट के मार्केट से कमा रही है महिलाएं
The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए हिंडालको की सीएसआर (CSR of Hindalco) हेड शोभा रानी मोहंती ने बताया कि उनका उद्देश्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना है। इसे लेकर 30 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां महिलाओं को कांस से अलग-अलग डिजाइन और वस्तु बनाने को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे बनाने में ज्यादा खर्च नहीं आता, मगर मेहनत बहुत लगती है। अगर कोई महिला के हाथो में अच्छी तरह इसका हुनर आ जाता है तो वो हजारों रुपये कमा सकती है। एक डाली बनाने में महज 30 से 35 रुपये का खर्च आता है। जिसकी बाजार में कीमत 250 से 300 रुपये है। गौरतलब है कि जो महिलाएं घर में खाली बैठी रहती हैं, चे अपने आसपास की चीजों पर ध्यान दें तो स्वावलंबी बन अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं। पलामू में जगह-जगह कांस देखने को मिलता है। कांस एक प्रकार का घास है। इस घास का इस्तेमाल कर महिलाएं रोजगार से जुड़ कर अच्छा मुनाफा कमा रही है।