कोरोना महामारी के समय ऑक्सीजन की डिमांड बहुत बढ़ गई है। जिससे ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। एक आकड़ों की माने तो कोरोना महामारी की वजह से अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं में ऑक्सीजन की मांग लगभग दस गुना बढ़ गई है। कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि के साथ, गंभीर संक्रमण वाले कई रोगियों को आपातकालीन समय में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिल रही है जो उन्हें चाहिए। ऐसे में मौतों का आकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। ऑक्सीजन के लिए तेजी से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गुजरात में सहकारी समितियां मरीजों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं।
ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए बढ़ते मदद के हाथ से ये जल्द उम्मीद लगायी जा सकती है कि ऑक्सीजन की कमी को जल्द ही खत्म किया जायेगा। फर्टिलाइजर कंपनी IFFCO (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड) नेबताया कि वह अगले 15 दिनों में 30 करोड़ की लागत से चार मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करेगी। ये प्लांट उत्तर प्रदेश, गुजरात और ओडिशा में स्थापित किए जाएंगे। खास बात यह है कि इफको इस ऑक्सीजन को हॉस्पिटल को फ्री में सप्लाई करेगी। इफको द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये प्लांट गुजरात के कलोल में स्थापित किए जाएंगे।
Oxygen की जरूरत ज्यादा सप्लाई है कम
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से निपटने के लिए राज्य के 22 अस्पतालों में 36 पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। गुजरात हाई कोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने 1,200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग केंद्र सरकार से की है, जबकि केंद्र द्वारा आवंटन केवल 900 मीट्रिक टन ही है। जो कि मांग की तुलना में 25% कम है।ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए पूरे देश भर में युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।
Cooperatives रजिस्ट्रार ने सभी जिला सहकारी दुग्ध संघों को ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का दिया निर्देश
गुजरात Cooperatives के रजिस्ट्रार ने सभी जिला सहकारी दुग्ध संघों को अपने क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। यह बनास डेयरी की सफलता के बाद निर्देश आया है। बनासकांठा जिले के बनास डेयरी के इंजीनियरों की एक टीम ने अपने जिला मेडिकल कॉलेज के लिए 72 घंटे में एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया। यह एक दिन के लिए 35-40 मरीजों के लिए पर्याप्त 70 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर या 680 किलोग्राम के बराबर ऑक्सीजन उत्पन्न करता है। बड़ी बात ये भी है कि इन सहकारी समितियों को जिला प्रशासन मदद भी करेगा।
ऑक्सीजन के लिए देश के Corporates भी कर रहें हैं मदद
कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश का कॉरपोरेट लगातार लोगों की मदद के लिए आगे आ रहा है। ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए देश की स्टील और पेट्रोलियम कंपनियों ने ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाया है, तो वहीं कुछ कंपनियों ने कोविड अस्पताल बनाए हैं। देश की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया कोविड-19 महामारी की मदद के लिए आगे आई है। कंपनी ने बताया कि वो अपने कई प्लांट को अस्थाई तौर पर बंद कर रही है। वहीं, हरियाणा प्लांट में वो कुछ दिन ऑक्सीजन बनाएगी। मारुति ने बताया कि वह हरियाणा में मेडिकल जरूरतों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए अपने प्लांट को बंद कर रही है। कार मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के तहत मारुति सुजुकी अपने प्लांट में ऑक्सीजन की एक छोटी यूनिट चलाती है। सुजुकी मोटर के गुजरात प्लांट में भी ऑक्सीजन बनाई जाएगी।
पेटीएम 21,000 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की मदद करेगा
डिजिटल पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनी पेटीएम ने 21,000 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स के लिए ऑर्डर दिया है। ये देश में मई के पहले सप्ताह से उपलब्ध हो जाएंगे। कंपनी ने जनता से 5 करोड़ रुपए का योगदान जुटाया है और उतनी ही राशि स्वयं से मिलाई है। इस 10 करोड़ रुपए की राशि से ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स की खरीद की जाएगी। ये ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स हवा से ऑक्सीजन लेते हैं और जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आती है, उनके काम आते हैं।
महिन्द्रा की ‘ऑक्सीजन ऑन व्हील’ पहल
मदद की इसी क्रम में नाम जुड़ा है महिन्द्रा एन्ड महिन्द्रा का जिसने ‘ऑक्सीजन ऑन व्हील’ पहल शुरू की है। इस पहल से Oxygen की लॉजिस्टिक की दिक्कतें दूर होंगी। इस पहल के तहत महिन्द्रा ट्रकों का उपयोग करके ऑक्सीजन उत्पादकों से अस्पताल और घरों को जोड़ेगी। इस तरह वह अस्पतालों और लोगों के घरों तक ऑक्सीजन पहुंचाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद हो सके। इसके लिए कंपनी ने एक ऑपरेशन कन्ट्रोल सेंटर स्थापित किया है और ग्राहक तक सीधे उत्पाद पहुंचाने वाले मॉडल ‘डायरेक्ट-2-कंज्यूमर’ को अपनाया जा रहा है।
रिलायंस का मिशन ऑक्सीजन
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी जामनगर तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 1000 टन से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। यह ऑक्सीजन कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को मुफ्त में दी जा रही है। रिलायंस आज भारत की करीब 11% मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है और हर दस में से करीब 1 रोगी को ऑक्सीजन दी जा रही है। मुकेश अंबानी, Reliance के मिशन ऑक्सीजन (Mission Oxygen) की निगरानी खुद कर रहे हैं। Reliance की गुजरात के जामनगर रिफाइनरी में कच्चे तेल से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं। यहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं किया जाता था। लेकिन कोरोना वायरस के मामलों में जिस तेजी से वृद्धि हुई है और ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है, उसको देखते हुए रिलायंस ने ऐसी मशीनरी लगाई है जिससे मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन संभव हो पाया है।
Hyundai India देगी 20 करोड़ का राहत पैकेज
Hyundai Cares राहत पहल के एक हिस्से के रूप में, दक्षिण कोरियाई वाहन निर्माता ने महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु के प्रभावित राज्यों को इन्फ्रास्ट्रक्चरल मदद करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इस राहत कार्यक्रम के तहत, ऑटोमेकर अस्पतालों में ऑक्सीजन पैदा करने वाले प्लांट स्थापित करके अपने संसाधनों को तैनात करेगा, जो महत्वपूर्ण रोगियों को सहायता प्रदान करने में मदद करेगा. यह अस्पतालों को ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगा।