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रंग लाई डीएम की मेहनत, सीएसआर से खुदवाए तालाब लबालब भरे, जल संरक्षण का सकारात्मक परिणाम

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रंग लाई डीएम की मेहनत, सीएसआर से खुदवाए तालाब लबालब भरे, जल संरक्षण का सकारात्मक परिणाम
 
छत्तीगढ़ के रायगढ़ जिले के जिलाधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा (DM Taran Prakash Sinha) की मेहनत रंग ला रही है। पूरे जिले के लगभग 200 तालाब बारिश के पानी से लबालब भर चुके है। तालाब में पानी भरने की वजह से जिले में जल संरक्षण का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं तालाब भरने की वजह से ग्राउंड वाटर (Ground Water in Chhattisgarh) भी रिचार्ज हो रहा है और इसके साथ ही जिले में पानी की भी किल्लत से निजात मिल रहा है। गौरतलब है कि छत्तीगढ़ (Chhattisgarh Election News) के रायगढ़ जिले में जल संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक काम करते हुए बारिश के करोड़ों लीटर पानी को सहेजने जिले में 170 तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है। जिसमें से 105 तालाब अमृत सरोवर, 55 तालाब सीएसआर (CSR) और 10 तालाबों का डीएमएफ व दूसरे मदों से जीर्णोद्धार किया गया है। अब ये तालाब लबालब भर चुके हैं जिसमे करोड़ों लीटर पानी सहेजा जा रहा है।

सीएसआर से हो रहा है जल संरक्षण (Water Conservation in Chhattisgarh)

जिलाधिकारी तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण की दिशा में बारिश के पानी को सहेजने जिले के अलग-अलग तालाबों के साफ -सफाई और गहरीकरण का काम हालही में किया गया। अमृत सरोवर की खुदाई मनरेगा से की गई, वहीं जिले के विभिन्न कॉरपोरेट्स को Corporate Social Responsibility के तहत अलग अलग तालाबों को संवारने का जिम्मा दिया गया था। तालाबों में में जमी गाद और कचरे को साफ किया गया। जिससे तालाब (Ponds) की गहराई और क्षेत्रफल बढ़ा।बारिश के पानी से एक तालाब में ही बारिश का लगभग 1 करोड़ लीटर तक ज्यादा पानी संचित हो पा रहा है।

जल संरक्षण के साथ भू-जल स्तर में भी हो रहा है सुधार

हम आपको बता दें कि तालाब हमारे आस-पास जन जीवन का अभिन्न अंग है। यह न केवल गांवों में विभिन्न जरूरतों के लिए जल उपलब्ध कराते हैं बल्कि ग्रामीण जन जीवन और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महती भूमिका निभाते हैं। आज जब गर्मी की चपेट में आकर जल स्रोतों के सूखने को घटनाएं सामने आती रहती हैं। ऐसे समय में रायगढ़ जिले में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के नेतृत्व में जल संरक्षण और संवर्धन की दिशा में यह एक बेहद महत्वपूर्ण पहल किया गया। इसके अंतर्गत गांवों में ऐसे तालाब जिनका अस्तित्व सिमटता जा रहा था उन्हें सहेजने की ओर कदम बढ़ाए गए।

CSR Funds से खोदे गए तालाब, बचेगा जल, संवरेगा कल

तालाब भरने के बाद भू-जल स्तर (Ground Water in Chhattisgarh) में भी सुधार होगा। ग्राम वासियों और पशुपालकों को रोजमर्रा की जरूरत के लिए पानी मिलता है। मछली पालन और दूसरी आर्थिक गतिविधियों की संभावनाएं बढ़ती हैं। तालाब को गहरा करने के लिए जल संरक्षण के साथ रोजगार के अवसर भी तैयार हुए हैं। इस पूरे प्रोजेक्ट में 20 करोड़ रुपए की लागत आई है। गहरीकरण और साफ -सफाई से तालाब और आस-पास की सुंदरता बढ़ेगी। तालाबों के जीर्णोद्धार से यहां करीब 1 करोड़ लीटर तक बारिश का पानी ज्यादा स्टोर किया जा रहा है। जिससे आस-पास के लगभग 20 से 25 एकड़ में भू-जल स्तर बढ़ेगा। सिंचाई की सुविधा भी बेहतर होगी।