महंगे स्मार्टफोन की डिलीवरी में हुआ धोखा! सॉफ्टवेयर इंजीनियर को Amazon से ऑर्डर किया गया सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड 7 स्मार्टफोन नहीं, बल्कि टाइल का टुकड़ा मिला। ग्राहक ने अमेज़न और साइबर सेल में दर्ज कराई शिकायत, सोशल मीडिया पर #AmazonScam, #TileInsteadOfPhone ट्रेंड कर रहे!
Z Fold की जगह निकला टाइल का टुकड़ा
ऑनलाइन खरीदारी के बढ़ते चलन के बीच उपभोक्ताओं का भरोसा एक बार फिर हिल गया है। राजधानी बेंगलुरु में ऑनलाइन शॉपिंग का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अमेज़न से ₹1.65 लाख कीमत वाला सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड 7 ऑर्डर किया, लेकिन डिलीवरी मिलने पर बॉक्स खोलते ही उसके अंदर से मोबाइल की जगह टाइल का टुकड़ा निकला। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से यह चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अमेज़न से ऑर्डर किया गया सैमसंग गैलेक्सी Z फोल्ड 7 स्मार्टफोन नहीं, बल्कि टाइल का टुकड़ा मिला। घटना बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड क्षेत्र की बताई जा रही है। यहां रहने वाले एक तकनीकी पेशेवर ने लगभग ₹1.80 लाख की कीमत वाला सैमसंग का लेटेस्ट फोल्डेबल फोन अमेज़न से मंगवाया था। पैकेज आने पर जब उन्होंने उत्साहित होकर बॉक्स खोला, तो उनके हाथों से मोबाइल की जगह सफेद सिरेमिक टाइल देखकर होश उड़ गए।
#AmazonScam #SamsungFold7 #BangaloreNews #OnlineShopping #ViralVideo #TechNews #FraudAlert #Ecommerce #ConsumerRights #SiddipetMuchatlu #SSCDigital pic.twitter.com/LjVEGEWvVT
— SSCBPL (@SSCBPL) October 31, 2025
Cyber Crime Cell में दर्ज़ कराई शिकायत
पीड़ित ग्राहक ने तुरंत Amazon India के कस्टमर केयर से संपर्क किया और पूरी घटना के वीडियो व तस्वीरें भेजीं। कंपनी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करने की बात कही है। अमेज़न के प्रवक्ता के अनुसार, “हम ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हैं और ग्राहक को उचित समाधान दिलाने के लिए पूरी जांच कर रहे हैं।” वहीं, ग्राहक ने यह मामला Bengaluru Cyber Crime Cell में भी दर्ज कराया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह हेराफेरी पैकिंग सेंटर, कूरियर हब, या डिलीवरी चरण में हुई।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #AmazonScam
सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो गया है। लोग अमेज़न की सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं। X पर #AmazonScam और #TileInsteadOfPhone जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना को “ऑनलाइन मार्केटप्लेस की लापरवाही” बताया है। उपभोक्ता संगठन के विशेषज्ञ राकेश मेहरा ने कहा, “ग्राहकों को ऐसे मामलों में पैकेज खुलने का वीडियो जरूर बनाना चाहिए। इससे शिकायत के दौरान उनके पास मजबूत सबूत रहता है। कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे पैकेजिंग और डिलीवरी सिस्टम में पारदर्शिता सुनिश्चित करें।” Amazon ने फिलहाल ग्राहक को सहयोग का आश्वासन दिया है, लेकिन घटना ने ऑनलाइन शॉपिंग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी के चौंकाने वाले आंकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2024 में ई-कॉमर्स से जुड़ी धोखाधड़ी के 18,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जिनमें 60 प्रतिशत मामले डिलीवरी में हेराफेरी से जुड़े थे। विशेषज्ञों का मानना है कि तेजी से बढ़ती ऑनलाइन सेल्स के साथ-साथ सुरक्षा जांच का स्तर कमजोर पड़ रहा है।उपभोक्ता अधिकार विशेषज्ञ राकेश मेहरा कहते हैं, “ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर नियंत्रण की कमी और तीसरे पक्ष के विक्रेताओं पर भरोसा करना इन ठगियों की सबसे बड़ी वजह है। कंपनियों को पारदर्शी ट्रैकिंग सिस्टम और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।”
ऑनलाइन शॉपिंग में बढ़ती ठगी- डिजिटल युग का नया धोखा
देश में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन लगातार बढ़ रहा है। हर त्योहार पर लाखों लोग अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और अन्य ई-कॉमर्स साइट्स से खरीदारी करते हैं। लेकिन अब यही डिजिटल सुविधा उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। महंगे गैजेट्स से लेकर छोटे घरेलू सामान तक, जगह-जगह से “फर्जी डिलीवरी” और “उत्पाद अदला-बदली” के मामले सामने आ रहे हैं।
गुरुग्राम में iPhone की जगह साबुन की टिकिया (2024)- गुरुग्राम के एक युवक ने अमेज़न से ₹1.3 लाख का iPhone 15 Pro ऑर्डर किया था। पैकेज खोलने पर उसे फोन की जगह साबुन की दो टिकिया मिली। युवक ने अनबॉक्सिंग वीडियो सोशल मीडिया पर डाली, जो वायरल हो गई। बाद में कंपनी ने जांच के बाद पूरा रिफंड जारी किया।
पुणे में लैपटॉप की जगह ईंट (2023)- पुणे की एक महिला प्रोफेशनल ने ₹90,000 का HP लैपटॉप ऑर्डर किया था। बॉक्स खोलने पर उसमें लैपटॉप की जगह लाल ईंट निकली। कंपनी ने कहा कि “थर्ड-पार्टी सेलर” के जरिए भेजे गए उत्पाद में हेराफेरी हुई थी। मामला पुलिस तक पहुंचा।
दिल्ली में मोबाइल की जगह चॉकलेट (2022)- दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक युवक को सैमसंग फोन की जगह डेयरी मिल्क चॉकलेट भेज दी गई। उसने वीडियो बनाकर ट्विटर पर पोस्ट किया, जिससे अमेज़न इंडिया को जवाब देना पड़ा। बाद में उसे नया फोन दिया गया।
हैदराबाद में परफ्यूम की जगह पत्थर (2021)- एक आईटी कर्मचारी ने ₹7,000 का परफ्यूम मंगाया, लेकिन बॉक्स में छोटे-छोटे पत्थर मिले। कंपनी ने बाद में उसे रिफंड किया, पर ग्राहक ने कहा कि “डिलीवरी एजेंट ने पहले से पैक खोला हुआ था।”
भोपाल में एसी की जगह जंग लगा पंखा (2020)- भोपाल के एक व्यक्ति ने ई-कॉमर्स साइट से नया एसी ऑर्डर किया, लेकिन पैकेट में पुराना टूटा हुआ पंखामिला। मामला उपभोक्ता फोरम तक पहुंचा और कंपनी को मुआवजा देना पड़ा।
ऑनलाइन ठगी के आम तरीके
पैकेज बदलना (वेयरहाउस या ट्रांजिट में)
नकली या रिफर्बिश्ड प्रोडक्ट भेजना
कूरियर एजेंट द्वारा पैकेट रिप्लेस करना
फर्जी वेबसाइट या ऐप बनाकर पेमेंट लेना
बचाव के उपाय
डिलीवरी के समय अनबॉक्सिंग वीडियो बनाएं।
सिर्फ विश्वसनीय सेलर या “Fulfilled by Amazon / Flipkart Assured” टैग वाले उत्पाद खरीदें।
संदिग्ध कॉल या ईमेल से मिलने वाले पेमेंट लिंक पर क्लिक न करें।
समस्या आने पर तुरंत ग्राहक सेवा और साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें।
राष्ट्रीय उपभोक्ता सेवा (Consumer Helpline):
हेल्पलाइन नंबर: 1915,
व्हाट्सऐप नंबर:+91-8800001915
ईमेल: consumerhelpline@nic.in
वेबसाइट: https://
सेवा समय: सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
यहां आप ई-कॉमर्स, बैंकिंग, टेलीकॉम, या किसी भी प्रोडक्ट-सर्विस से जुड़ी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (Cyber Crime Reporting Portal)
वेबसाइट:  https://cybercrime.
हेल्पलाइन नंबर: 1930
ईमेल सहायता: incident@cybercrime.
सेवा समय: 24×7 उपलब्ध। इस पोर्टल पर आप ऑनलाइन ठगी, पेमेंट फ्रॉड, फर्जी वेबसाइट, डिजिटल ठगी, OTP स्कैम जैसे अपराधों की रिपोर्ट कर सकते हैं। रिपोर्ट करने पर एक Acknowledgment Number मिलता है, जिससे आप जांच की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (State Consumer Forum)
यदि आपकी शिकायत का समाधान नहीं होता है, तो आप अपने राज्य के उपभोक्ता आयोग या जिला उपभोक्ता मंच में जा सकते हैं- फाइलिंग वेबसाइट: https://edaakhil.nic.
यहां आप ऑनलाइन केस दर्ज कर सकते हैं, बिना किसी वकील के भी।
ऑनलाइन शॉपिंग ने ग्राहकों की ज़िंदगी आसान बनाई है, लेकिन इसके साथ ठगी का नया दौर भी शुरू हो गया है। हर क्लिक पर भरोसा अब जोखिम में है। जबतक कंपनियां अपने सिस्टम में मानव निगरानी और डिलीवरी ऑथेंटिकेशन को मजबूत नहीं करेंगी, तब तक “टाइल की जगह मोबाइल” जैसी घटनाएं यूं ही सामने आती रहेंगी।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!



 
