अगर आप घंटों-घंटों तक कान में ईयरफोन और हेडफोन लगाए रहते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि इससे सुनने की क्षमता कम हो जाएगी और आप बहुत जल्द बहरे भी हो सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसको लेकर चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों को इसको लेकर लेटर जारी किया है। खासकर स्वास्थ्य मंत्रालय की ये चेतावनी युवाओं को लेकर है क्योंकि सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल यही लोग करते हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री ने राज्यों और मेडिकल कॉलेजों से इसके लंबे समय तक उपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कहा है। आज World Hearing Day 2025 History है यानी विश्व श्रवण दिवस, इसको मनाने का मकसद लोगों के बीच सुनने की क्षमता को बनाए रखने को लेकर जागरूकता फैलाना है। ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय की ये एडवाइजरी बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है।
आज है वर्ल्ड हियरिंग डे – World Hearing Day
डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस प्रोफेसर डॉ अतुल गोयल ने बच्चों के लिए स्क्रीन समय सीमित करने के महत्व पर भी जोर दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार मोबाइल देखने से मस्तिष्क के संज्ञानात्मक विकास में देरी हो सकती है, जिससे सोशल इंटरेक्शन और कम्युनिकेशन प्रभावित हो सकता है। प्रोफेसर गोयल ने कहा कि लोग 50 डेसिबल से अधिक ध्वनि वाले ऑडियो उपकरणों का इस्तेमाल न करें बल्कि प्रतिदिन दो घंटे से अधिक ध्वनि वाले ऑडियो उपकरणों का उपयोग करें और सुनने के सत्र के दौरान ब्रेक लें। Caution against earphone & headphone use
ईयरफोन-हेडफोन लगाने को लेकर DGHS ने जारी किया लेटर
उन्होंने कहा कि संभव हो अच्छी तरह से फिट या शोर-रद्द करने वाले हेडफोन का इस्तेमाल करें ताकि ऑडियो को कम मात्रा में चलाया जा सके। डॉक्टर गोयल ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल को भी कम करने को कहा है। साथ ही बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग के संपर्क में नहीं आने देने को कहा है। सार्वजनिक कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए डॉ गोयल ने कहा कि राज्य यह सुनिश्चित करें कि स्थानों पर अधिकतम औसत ध्वनि स्तर 100 डेसिबल से अधिक न हो। DGHS ने 20 फरवरी को यह लेटर जारी किया था। Hearing Loss
DGHS के लेटर में क्या कहा गया है?
इस लेटर में कहा गया है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है लेकिन इसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। लगातार और लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की समस्या हो सकती है। युवा वर्ग इसके ज्यादा आदि हैं और उन्हीं को यह प्रभावित करेगा। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल से सुनने की अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है। अगर एक बार सुनने की समस्या आ जाएगी तो फिर इसे ठीक होना मुश्किल हो सकता है। लंबे समय तक ईयरफोन और हेडफोन के इस्तेमाल की प्रक्रिया एक अवसाद को जन्म दे सकता है, जो फिर कभी ठीक नहीं हो सकता है। एक बार जब श्रवण स्थायी रूप से खराब हो जाता है, तो श्रवण यंत्र या कॉक्लियर प्रत्यारोपण द्वारा सामान्य श्रवण कभी भी बहाल नहीं किया जा सकेगा।
विश्व श्रवण दिवस 2025 की थीम | World Hearing Day 2025 Theme
इस साल विश्व श्रवण दिवस की थीम ‘मानसिकता बदलना, कानों की और सुनने की शक्ति की देखभाल को सभी के लिए वास्तविक बनाने के लिए खुद को सशक्त करना’। इस थीम का मकसद कानों की दिक्कतों को लेकर आम लोगों में व्याप्त गलत धारणाओं और मानसिकता को खत्म करना है और लोगों को सुनने की शक्ति बनाए रखने के लिए प्रेरित करने के साथ ही इन दिक्कतों को दूर करने के प्रति जागरूक करना भी है।
ऐसे करें अपने कानों की देखरेख
– सुनने की शक्ति को बनाए रखने के लिए कानों की सही देखरेख करना जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने कानों में जरूरत से ज्यादा मैल ना जमने दें।
– कानों में जमा मैल (Ear Wax) को साफ करने के लिए डॉक्टर की मदद लें। स्पेशलिस्ट बेहतर तरह से कान के मैल को साफ करके निकाल देते हैं।
– खुद से कान का मैल साफ करने के लिए कानों में नुकीली चीजें ना डालें। इससे परमानेंट डैमेज का खतरा रहता है।
-तेज आवाजों से कानों को दूर रखें। इयरबड्स या हैंडफ्री से गाने सुनते हैं तो खासतौर से जरूरत से ज्यादा तेज गाने सुनने से परहेज करें।
– अगर कभी भी यह लगता है कि कम सुनाई दे रहा है या सही तरह से नहीं सुन पा रहे हैं तो हियरिंग चेकअप जरूर कराएं। इससे समय रहते दिक्कत का पता लगाकर उसे दूर किया जा सकता है।