देश की कॉरपोरेट कंपनियां अपने सीएसआर के पैसों का किस तरह से बर्बादी करती है इसका ताज़ा उदहारण हरियाणा के फरीदाबाद में देखने को मिल रहा है। जहां इंडियन ऑयल (Indian Oil CSR) के सीएसआर फंड से मिले ट्रैक्टर-ट्रालियों में अब जंग पकड़ रहा है। इसे इस्तेमाल और इन्हें चलाने के लिए फरीदाबाद नगर निगम के पास ड्राइवर्स नहीं मिल रहे है और पड़े पड़े ये ट्रैक्टर अब खराब हो रहे हैं।
इंडियन ऑयल का सीएसआर हुआ बर्बाद
दरअसल फरीदाबाद नगर निगम ने शहर की सफाई के लिए सीएसआर के तहत Indian Oil से मदद मांगी थी जिसे स्वीकार करते हुए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Limited, IOCL) ने नगर निगम को 30 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां अपने Corporate Social Responsibility यानी सीएसआर से दी लेकिन ड्राइवरों की कमी के चलते पिछले काफी समय से ये Tractors खड़े है। जो अब खड़े-खड़े खराब होने की कगार पर है। जबकि निगम प्रशासन पिछले काफी समय से सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए वाहनों को ठेकेदार के तहत चलाकर काम करा रहा है। Faridabad News
नगर निगम को मिला करोड़ो का सीएसआर लेकिन नहीं मिला ड्राइवर
ऐसे में सवाल ये है कि आखिर जब निगम प्रशासन के पास ड्राइवर नहीं थे तो आखिर इतने ट्रैक्टर ट्रालियां क्यों ली गई। इन खड़े वाहनों की कीमत करोड़ों में है। फरीदाबाद एनआईटी स्थित निगम सभागार परिसर में इन दिनों करीब 30 ट्रैक्टर-ट्रालियां बेहाल स्थिति में खड़ी है। इतना ही नहीं दो ट्रैक्टर फरीदाबाद नगर निगम बल्लभगढ़ कार्यालय परिसर में पिछले काफी समय से खडे़ हैं। इन ट्रैक्टर-ट्रालियों को देखकर ऐसा लगता हैँ कि यह ट्रैक्टर और ट्रैक्टर-ट्रालियां कभी रोड पर उतरे नहीं और खड़े-खड़े गलने शुरू हो गए। Haryana News
Indian Oil ने बिना जांच पड़ताल के क्यों दिया सीएसआर
इन ट्रैक्टर और ट्रॉलियों पर इंडियन ऑयल का लोगो साफ़ तौर पर देखा जा सकता है। इससे साफ जाहिर है कि इंडियन ऑयल द्वारा सीएसआर के तहत फरीदाबाद नगर निगम को दिए थे। इंडियन ऑयल का भी ये फर्ज बनता है कि अगर वो किसी सरकारी संस्था को सीएसआर दे रही है तो ये जांचना चाहिए कि इसका इस्तेमाल क्या सही ढंग से किया जायेगा या फिर ऐसे ही पड़ा पड़ा खराब हो जायेगा और सीएसआर के करोड़ो रुपये ऐसे ही बर्बाद हो जायेगा।