भारत का पहला ड्राई एनाटॉमी लैब बनकर तैयार है। ड्राई एनाटॉमी लैब को चेन्नई में बनाया गया है जिसका उद्घाटन पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) की सीएमडी परमिंदर चोपड़ा ने किया। ये लैब आईआईटी मद्रास के मेडिकल साइंस और आईटी डिपार्टमेंट में बनाया गया है। हम आपको बता दें कि ड्राई एनाटॉमी लैब को बनाने के लिए सीएसआर फंड का इस्तेमाल किया गया है और पीएफसी ने 16.5 करोड़ रुपये का सीएसआर दिया है। पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) का ये CSR पहल भारत में मेडिकल एजूकेशन और रिसर्च में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
पीएफसी के सीएसआर से बनी इस एनाटॉमी प्रयोगशाला की मुख्य विशेषताएं
ये बहुत ही अत्याधुनिक इकाई है। इस प्रयोगशाला को प्रभावी शिक्षा और लर्निंग के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग और विकास करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विशेष रूप से चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) और इंजीनियरिंग में अभिनव बीएस डिग्री कार्यक्रम के लिए। ये इकाई ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन में उच्च तकनीक विधियों को एकीकृत करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है।
भारत में अपनी तरह की पहली लैब है ये
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) के सीएसआर की मदद से ये एक अभूतपूर्व कदम है। आईआईटी मद्रास का ये ड्राई एनाटॉमी लैब मेडिकल कॉलेज के मानकों को पूरा करती है। ये लैब एक अनूठा एजुकेशनल एनवायरनमेंट प्रदान करेगी, जिससे छात्रों को एनाटॉमी में प्रैक्टिकल नॉलेज को हासिल करने में मदद मिलेगी। एनाटॉमी पारंपरिक रूप से ज्यादा पारंपरिक तरीकों पर निर्भर क्षेत्र रही है। इस इकाई की स्थापना छात्रों को नवीन और परिवर्तनकारी उत्पादों के आइडिया सोचने के लिए प्रेरित करेगी।
इनोवेशन को बढ़ावा देने वाला प्रोजेक्ट
पीएफसी (Power Finance Corporation Ltd) को उम्मीद है कि इस अत्याधुनिक लैब के संपर्क से स्वदेशी उत्पादों के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश की आयात पर निर्भरता कम होगी और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पाने में मदद मिलेगी। पीएफसी की सीएमडी परमिंदर चोपड़ा ने कहा कि अपनी तरह की इस पहली अभिनव एनाटॉमी लैब का इस्तेमाल शक्तिशाली चिकित्सा उपकरणों के विकास के लिए नई तकनीकें खोजने के लिए किया जा सकता है। चिकित्सा ज्ञान में इंजीनियरिंग सिद्धांतों को लागू करने वाले इस तरह के अनुसंधान में चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाने की क्षमता है।