Bharat Petroleum Corporation Limited के सीएसआर से उत्तर प्रदेश की जनता को सहूलियतें मिलने जा रही है। यात्रियों को आरामदायक यात्रा के साथ ही बस अड्डों पर भी उन्हें सभी तरह की सुविधाएं देने के लिए बीपीसीएल आगे आया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भारत पेट्रोलियम कंपनी के साथ एक एमओयू किया है। इसके तहत उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के 100 बस स्टेशनों पर वाटर कूलर लगाए जाएंगे। वाटर कूलर लगने के बाद यात्रियों को स्वच्छ और ठंडा पानी 24 घंटे उपलब्ध रहेगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह के निर्देश पर प्रदेश सरकार की मंशानुरूप यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम एवं भारत पेट्रोलियम कंपनी के मध्य 100 बस स्टेशनों पर वाटर कूलर लगाने के लिए एमओयू साइन किया गया। बस स्टेशन पर 100 वाटर कूलर लगने के उपरांत यात्रियों को स्वच्छ एवं ठंडा पानी 24 घंटे उपलब्ध रहेगा। बीपीसीएल द्वारा यह कार्यवाही कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर – CSR) के अंतर्गत की गई है। यह वाटर कूलर 80 लीटर पानी की क्षमता के होंगे।
सीएसआर से सीएचसी होगी आधुनिक, मिलेगी स्वास्थ्य सुविधाएं
वहीं उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अब लोगों को अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाएं देने के लिए भी BPCL ने अपना Corporate Social Responsibility Fund देने का निर्णय लिया है। रायबरेली की जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के प्रयास से सीएचसी में आधुनिक सुविधाएं मिलेगी। The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए Raebareli News जिलाधिकारी ने बताया कि दीन शाह गौरा सीएचसी को बीपीसीएल के सीएसआर फंड से 21 लाख रुपए मिले है जिसकी मदद से सीएचसी को योजना बद्ध तरीके से आधुनिक बनाया जाएगा। कई ऐसी सुविधाएं इस सीएचसी में नहीं थी जिसकी वजह से मरीजों को जिला अस्पताल या फिर निजी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते थे लेकिन इस सीएसआर फंड से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
सीएसआर में यूपी की ऊंची छलांग, कंपनियों की सेहत सुधरने से बढ़ा सीएसआर
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड में उत्तर प्रदेश ने लंबी छलांग लगाई है। नौ साल में 12वें स्थान से सीधे पांचवें स्थान पर आ गया है। Uttar Pradesh में CSR गतिविधियों में खर्च बढ़ने का सीधा संकेत है कि यहां की कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है और सीएसआर के दायरे में आने की वजह से इस मद में खर्च बढ़ा है। प्रदेश में कारोबारी माहौल बनने के बाद कंपनियों की सेहत में सुधार हुआ है। इसी का नतीजा है कि CSR (सीएसआर) फंड बढ़ गया हैै। एक साल में यूपी में 1321 करोड़ रुपये सीएसआर फंड के तहत सामाजिक कार्यों में खर्च किए गए। जबकि वर्ष 2015 में महज 148 करोड़ रुपये सीएसआर में खर्च किए गए थे।