ड्राइवर सेक्शन एक ऐसा सेक्शन है जहां पुरुषों का वर्चस्व रहता है। ऐसा नहीं है कि महिला ड्राइवर कमर्शियली गाड़ियां नहीं चलाती है लेकिन इसका दायरा बहुत कम है। ऐसे में कमर्शियल महिला ड्राइवरों की संख्या बढ़ाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर और अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (Hyundai Motor India Ltd.- HMIL) सामने आया है। ह्यूंडई मोटर इंडिया लिमिटेड की परोपकारी काम करने वाली इकाई ह्यूंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (Hyundai Motor India Foundation) ने एक एनजीओ और भारत की सबसे बड़ी ईवी राइड सर्विस एवं चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली कंपनी – ब्लूस्मार्ट के बीच एमओयू की घोषणा की है। इस एमओयू के तहत Hyundai Motor India Foundation की ‘ड्राइव4प्रोग्रेस’ पहल के माध्यम से प्रशिक्षित 250 महिला चालकों को रोजगार प्रदान किया जाएगा।
ह्यूंडई मोटर के सीएसआर से 250 महिला ड्राइवर्स को मिलेगा रोजगार का अवसर
ह्यूंडई मोटर इंडिया की ये पहल महिला चालकों को रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए समाज में समावेश को बढ़ावा देगी। यह महिला सशक्तिकरण एवं कौशल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत में कुशल कर्मियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के भारत सरकार के विजन के अनुरूप है। महिलाओं को जरूरी कौशल और सपोर्ट करते हुए यह साझेदारी एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव को रेखांकित करती है। साथ ही पारंपरिक रूप से पुरुषों के वर्चस्व वाले इस सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाते हुए यह साझेदारी लैंगिक समावेश को बढ़ाने में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के महत्व को भी दिखाती है।
हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में जारी है ह्यूंडई मोटर का सीएसआर
गौरतलब है कि ये ह्यूंडई मोटर इंडिया की सामाजिक पहल ‘Drive4Progress’ का एक हिस्सा है, जो एक ड्राइवर स्किल डेवलपमेंट पहल है। इसका उद्देश्य युवाओं को पेशेवर ड्राइवर बनने के लिए प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर प्रदान करना है। अक्टूबर, 2023 में शुरू की गई इस परियोजना का लक्ष्य अगले 3 सालों में हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल 1,500 से अधिक युवाओं को कवर करना है। इसमें कम से कम 30 प्रतिशत महिलाएं शामिल होंगी। इस प्रोग्राम से जुड़े युवाओं को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने में मदद करेंगे और इसमें पास छात्रों को प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन के बाद राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। यह पहल न्यूनतम 70% लाभार्थियों के लिए वैतनिक रोजगार और अन्य के लिए स्वरोजगार के अवसर सृजित करने पर भी केंद्रित है।