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सीएसआर पहल – बच्चों को मिलेगा स्मार्ट फ़ोन, एसबीआई ने दिया ऑक्सीमीटर, 20 स्कूल होने मॉडल

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कोविड महामारी में जहां इंसानों के बीच फिजिकल दूरियां बढ़ा दी है वहीं सीएसआर एक दूसरे से पास ला रहा है, सीएसआर पहल इस महामारी में इतना मददगार साबित हुआ है कि शायद ही इतिहास में इतने बड़े पैमाने पर कॉर्पोरेट ने इतनी मदद की हो, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) यानि सीएसआर (CSR) फंड से बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव हो रहें है। सीएसआर की मदद उन लोगों तक भी पहुंच रही है जहां सरकारी मदद की दरकार है और यही कारण है कि देश की सरकारों ने भी कॉर्पोरेट्स के सीएसआर पहल को सराह रहीं हैं।

सीएसआर पहल से ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरतमंद स्कूली बच्चों को मिलेगा स्मार्ट फ़ोन

सीएसआर पहल की इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के नोएडा में अब सरकारी स्कूलों को मिलेगा स्मार्ट फ़ोन वो भी सीएसआर फंड की मदद से। दरअसल सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पास मोबाइल फोन न होने से वह ऑनलाइन शिक्षा का लाभ नहीं ले पा रहे थे। इस बीच इस बच्चों की मजबूरी दूर करते हुए सेक्टर-91 स्थित पंचशील बालक इंटर कॉलेज मैनेजमेंट ने सीएसआर (CSR) के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों तक मोबाइल फोन पहुंचाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है, ताकि वह फिर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकें। इस पहल से करीब तीन महीने बाद बच्चों की एक बार फिर पढ़ाई शुरू हो पाएगी।
गौरतलब है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं होने से वह ऑनलाइन पढ़ाई में शामिल नहीं हो पा रहे थे । स्कूल की ओर से ऐसे 25 बच्चों को चयनित किया गया है और सीएसआर के माध्यम से इन बच्चों को निशुल्क मोबाइल फोन दिए जाने हैं। लाकडाउन में नौकरी छूटने व काम बंद होने के बाद कई बच्चों के परिजन अपने गांव चले गए थे। परिवार की ओर से इन बच्चों की पढ़ाई बंद कराने का निर्णय भी लिया जा चुका था। जैसे ही स्कूल को इस बात का पता लगा, उन्होंने सर्वाधिक ज़रूरतमंदों बच्चों की सूची तैयार की और सीएसआर फंड के माध्यम से मोबाइल फोन की व्यवस्था कराई। अब इन बच्चों के घरों तक जल्द ही मोबाइल फोन होंगे और ये बच्चें घर से अपनी पढ़ाई जारी रख सके। ऐसी पहल करने वाला यह नोएडा जिले का पहला सरकारी स्कूल बन गया है।

सीएसआर से मिला पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मोस्केनर मशीनें, खुद माप सकेंगे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल

कोविड-19 के मरीज अब घर बैठे अपने शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच कर सकेंगे। संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एसबीआई सीएसआर की मदद से 200 पल्स ऑक्सीमीटर और 100 थर्मोस्केनर मशीनें भिजवाए। होम क्वारेंटीन किए गए मरीजों को पल्स-ऑक्सीमीटर मिले तो तो वह स्वयं शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच कर सकेंगे। ऑक्सीजन के तय सीमा के नीचे जाने पर मरीज मेडिकल हेल्प मांग सकेंगे। मरीजों में तनाव घटेगा। अस्पतालों पर काम का दबाव कम करने में भी मदद मिलेगी।

मध्य प्रदेश के सिंगरौली में सीएसआर पहल से 20 सरकारी स्कूल होंगे मॉडल

वहीं मध्य प्रदेश के सिंगरौली में 20 सरकारी स्कूलों को ₹25 करोड़ से अधिक बजट से मॉडल का रूप दिया जाएगा। शिक्षा विभाग की स्थानीय तकनीकी टीम ने स्कूलों का सर्वे कर विकास के लिए न केवल अपनी रिपोर्ट दे दिया बल्कि पीआईयू ने स्टेटमेंट भी तैयार कर लिया है। सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने को लेकर सीएसआर फंड का इस्तेमाल किया जायेगा। शिक्षा अधिकारियों के मुताबिक जिले में 3 विकासखंड के 20 स्कूलों को मॉडल बनाने के लिए संबंधित प्रस्ताव दिया गया है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या 500 से लेकर 16 सौ तक है, सभी स्कूलों में वर्तमान में 19170 छात्र-छात्राएं रजिस्टर्ड है जिसका फायदा इस स्कूली बच्चों को होगा। इन मॉडल स्कूलों में एडवांस लाइब्रेरी, लैब और स्मार्ट क्लास रूम होंगे।