उत्तर प्रदेश के अमेठी में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार से 40,000 रुपये की पहली किस्त मिलते ही अमेठी की एक महिला अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। यह मामला अमेठी विकासखंड के रेभा गांव का है, जहां 2013 में शादी के बाद विधवा बनी उतरा कुमारी को सरकारी योजना के अंतर्गत मकान बनाने के लिए मदद दी गई थी। राम संजीवन नामक व्यक्ति से शादी के बाद 2023 में उसकी बीमारी से मौत हो गई थी। इसके बाद उतरा कुमारी को विधवा लाभ योजना के तहत PM आवास योजना से जोड़ा गया। खाते में 40 हजार रुपये की पहली किश्त आते ही महिला अपने तीन बच्चों समेत गायब हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक वह अपने प्रेमी के साथ भागी है। Pradhan Mantri Awas Yojana
PM Awas Yojana: 40 हजार मिलते ही महिला गायब, घर में छह महीने से ताला
महिला के घर पर पिछले 6 महीने से ताला लगा हुआ है और गांव वालों के अनुसार, किसी को भी उसकी लोकेशन की कोई जानकारी नहीं है। महिला का मोबाइल भी बंद है और आसपास के इलाकों में भी उसकी कोई खबर नहीं है। गांव के कई लोगों ने बताया कि महिला का पहले से गांव के ही एक युवक के साथ प्रेम संबंध था। वह युवक अक्सर महिला के घर आता-जाता था। एक बार तो गांव वालों ने प्रेमी को पकड़कर पुलिस के हवाले भी किया था। इसके बावजूद महिला का उससे संबंध बना रहा। Pradhan Mantri Awas Yojana
पहले से था प्रेम संबंध, ग्रामीणों ने जताई थी आपत्ति
पड़ोस में रहने वाली निर्मला देवी ने बताया, “महिला ने सरकार से मकान का पैसा लिया और बच्चों को लेकर भाग गई। अब उसके घर पर ताला लगा है, कोई कुछ नहीं जानता। गांव में इस बात को लेकर काफी नाराजगी है।” वहीं, गांव के संदीप पांडे ने कहा, “महिला का पहले से ही प्रेम प्रसंग था। पैसे मिलते ही वह मौका देखकर भाग गई। यह जनता के पैसों की चोरी जैसा है।”
विभाग में मचा हड़कंप, नोटिस जारी PM Awas Yojana
जैसे ही यह मामला सामने आया, विभाग में हड़कंप मच गया। अमेठी BDO बृजेश सिंह ने बताया, “महिला के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है और जांच शुरू हो गई है। वह योजना की पहली किस्त लेकर फरार हुई है। आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।”
क्या कहती है प्रधानमंत्री आवास योजना?
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है। इसके तहत लाभार्थी को किस्तों में पैसा मिलता है ताकि वह ईमानदारी से अपना घर बना सके। लेकिन इस घटना ने योजना की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी योजना के पैसे का दुरुपयोग करना न सिर्फ अपराध है, बल्कि यह समाज के उन लोगों के हक को भी छीनता है जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। अमेठी की यह घटना न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह सरकारी विभागों को भी सतर्क होने का संदेश देती है। अब देखना होगा कि विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है।