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August 6, 2025

उत्तराखंड में बादल फटने की घटना में महाराष्ट्र के 51 पर्यटक सुरक्षित; राज्य सरकार ने संभाला मोर्चा

The CSR Journal Magazine
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में सोमवार को भारी बारिश के बाद बादल फटने की गंभीर घटना सामने आई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण इलाके में अचानक तेज बाढ़ आ गई और खीरगंगा नदी उफान पर आ गई, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा है। इस बीच, राहत की सबसे बड़ी खबर ये है कि घटना के वक्त उत्तरकाशी जिले में मौजूद महाराष्ट्र के 51 पर्यटक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ये जानकारी महाराष्ट्र के राज्य आपत्कालीन कार्य केंद्र द्वारा दी गई है।

नांदेड़ और अन्य जिलों के पर्यटक थे उत्तरकाशी में

मिली जानकारी के अनुसार, इन 51 पर्यटकों में से 11 लोग नांदेड़ जिले से हैं और शेष 40 पर्यटक महाराष्ट्र के अन्य जिलों से हैं। घटना की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार ने इन सभी से संपर्क साधने की कोशिश की और अब ये पुष्टि हो चुकी है कि सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है। राज्य सरकार ने तुरंत स्थिति की गंभीरता को समझते हुए आपात कदम उठाए हैं और उत्तराखंड के संबंधित प्रशासन से समन्वय शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड में हर स्तर पर चल रहा है रेस्क्यू और मदद का काम

महाराष्ट्र शासन ने उत्तराखंड में फंसे अपने नागरिकों की मदद के लिए उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र और उत्तरकाशी जिला प्रशासन के साथ संपर्क साधा है। इसके अलावा, दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन को भी इस कार्य में लगाया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके और उन्हें हर संभव सहायता मिल सके। राज्य आपत्कालीन कार्य केंद्र ने बताया कि वह लगातार स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और जरूरत के अनुसार राज्य के जिला प्रशासन को भी आवश्यक निर्देश जारी किए जा रहे हैं। पर्यटकों से लगातार संपर्क में रहकर उन्हें राहत पहुंचाने का काम जारी है।

घबराएं नहीं, संपर्क में रहें: जारी किए गए हैं हेल्पलाइन नंबर

जो लोग उत्तराखंड में अपने रिश्तेदारों या परिचितों की जानकारी लेना चाहते हैं, उनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। महाराष्ट्र राज्य आपत्कालीन कार्य केंद्र: 9321587143, 022-22027990, 022-22794229, उत्तराखंड राज्य आपत्कालीन कार्य केंद्र: 0135-2710334. परिवार या मित्रों से संपर्क न हो पाने की स्थिति में नागरिक इन नंबरों पर कॉल करके सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

पर्यावरणीय आपदाओं से निपटने के लिए ज़रूरी है जन-जागरूकता

उत्तराखंड जैसे पर्वतीय इलाकों में मानसून के दौरान बादल फटने, लैंडस्लाइड और बाढ़ की घटनाएं आम हो गई हैं। यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि पर्यटन के दौरान सतर्कता, मौसम की जानकारी और प्रशासन से संपर्क बनाए रखना कितना जरूरी होता है। राज्य सरकारों की तत्परता और आपसी समन्वय ने इस बार एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया, लेकिन आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए ज्यादा मजबूत आपदा प्रबंधन नीति और तैयारियों की जरूरत महसूस की जा रही है।

सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया ने बचाई 51 जानें

इस पूरी घटना से यह साफ है कि जब राज्य सरकारें सजग होती हैं, तो बड़ी से बड़ी आपदा का सामना भी समय रहते किया जा सकता है। उत्तरकाशी जैसी आपदा में महाराष्ट्र के 51 लोगों का सुरक्षित रहना एक बड़ी राहत की बात है और यह राज्य सरकार के त्वरित प्रयासों का ही परिणाम है। आगे भी सरकार द्वारा समय-समय पर स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो अन्य कदम भी उठाए जाएंगे। नागरिकों से अपील है कि घबराएं नहीं, अफवाहों पर विश्वास न करें और जरूरत पड़ने पर ही अधिकृत हेल्पलाइन से संपर्क करें।

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