उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) ने एक बड़े ऑपरेशन में दो युवकों को हिरासत में लिया है, जो देश में कट्टरपंथी विचारधारा फैलाकर गजवा-ए-हिंद के जरिए भारत में शरिया कानून लागू करने की साजिश रच रहे थे। ATS को यह जानकारी एक अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए मिली, जिसमें पाकिस्तान के कई सदस्य सक्रिय थे।
पाकिस्तान से संपर्क में था अमरोहा का युवक
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार अजमल अली करीब दो सप्ताह से ATS के रडार पर था। करीब 12 दिन पहले ATS के अधिकारी उनके घर पहुंचे थे और दो घंटे पूछताछ के बाद तीनों पिता-पुत्र को अपने साथ ले गई थी। मुरादाबाद में किसी गुप्त स्थान पर पूछताछ के बाद शाम को छोड़ दिया था। जांच के दौरान ATS को पता चला कि “Reviving Islam” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में लगभग 400 सदस्य हैं, जिनमें 3 एडमिन पाकिस्तान से हैं। इसी ग्रुप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा निवासी अजमल अली का नंबर जुड़ा मिला। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि अजमल सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी विचार साझा करता था और गैर-मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने का कार्य कर रहा था।
कट्टरपंथी नेटवर्क में महाराष्ट्र का युवक भी शामिल
सिर्फ अमरोहा ही नहीं, बल्कि इस नेटवर्क की जड़ें महाराष्ट्र तक फैली हुई थीं। ATS ने अजमल के साथ-साथ महाराष्ट्र से डॉक्टर उसामा माज शेख नाम के युवक को भी हिरासत में लिया है। दोनों के बीच संदिग्ध संवाद और कट्टरपंथी विचारों का आदान-प्रदान होने की पुष्टि सुरक्षा एजेंसियों ने की है। पूछताछ में अजमल ने स्वीकार किया कि वह न सिर्फ इस ग्रुप से जुड़ा था, बल्कि पाकिस्तान के कई लोगों से विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बातचीत करता था। उसकी चैटिंग से यह भी पता चला कि वह महाराष्ट्र के बदलापुर पश्चिम के निवासी डॉ. उसामा माज शेख के संपर्क में भी था, जिसे वह अपना मार्गदर्शक मानता था। डा. उसामा से उसकी इंस्टाग्राम व सिग्नल ऐप के माध्यम से भारत-विरोधी बातें होती थी तथा भारत की चुनी हुई सरकार गिराकार शरिया लागू करने की बात की जाती थी।
भारत विरोधी एजेंडे की बातचीत
अजमल और उसामा के बीच इंस्टाग्राम और सिग्नल ऐप के माध्यम से संवाद होता था, जिसमें वे भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त कर इस्लामिक शासन लागू करने की बातें करते थे। इन दोनों पर आरोप है कि वे मुस्लिम युवाओं को भड़काकर, गैर-मुस्लिमों के प्रति द्वेष उत्पन्न करने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाते थे।
1 अगस्त 2025 को लखनऊ स्थित ATS थाना में इन पर भा.दं.सं. की धारा 148/152 बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। अजमल अली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। आगे की जांच में, 4 अगस्त 2025 को डॉ. उसामा माज शेख को भी बदलापुर से गिरफ्तार कर लिया गया।
हिंसक जिहाद के माध्यम से गजवा-ए-हिंद की योजना
दोनों आरोपियों की योजना थी कि वे भारत में हिंसात्मक जिहाद के जरिये शासन को अस्थिर करें और धार्मिक कट्टरता फैलाकर शरिया आधारित व्यवस्था स्थापित करें। ATS की जांच से यह भी सामने आया कि वे नियमित रूप से पाकिस्तान से निर्देश प्राप्त कर रहे थे और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिए भारत में युवाओं को उकसाने का प्रयास कर रहे थे।
पिता-पुत्र दोनों भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल
नौगांवा सादात थानाक्षेत्र के गांव देहरा निवासी असगर खान का बेटा अजमल अली बीएससी का छात्र है, जबकि असगर खान कस्बा में स्थित एक डिग्री कॉलेज में संविदा शिक्षक हैं। इसके अलावा घर पर जैकेट सिलाई का काम भी करते हैं। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे अनस व अजमल और एक बेटी भी है। अनस भी जैकेट सिलाई का काम करता है। असगर खान मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका मंझला बेटा अजमल बिजनौर के एक डिग्री कॉलेज में बीएससी का छात्र है। बेहद शांत स्वभाव का अजमल गांव में लोगों से बात नहीं करता था। उसकी गांव में किसी से दोस्ती भी नहीं है।
ATS ने विफल की राष्ट्रविरोधी साज़िश
उत्तर प्रदेश ATS की सतर्कता और साइबर निगरानी के चलते एक गंभीर राष्ट्रविरोधी साजिश को विफल कर दिया गया है। यह कार्रवाई देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर आतंकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिशें अब भी जारी हैं।
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