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June 29, 2025

शेफाली जरीवाला की मौत ने फिर छेड़ी एंटी एजिंग ट्रीटमेंट पर बहस

शेफाली जरीवाला की मौत से मनोरंजन जगत सकते में है। 42 वर्षीय शेफाली की मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट बताई जा रही है, लेकिन पुलिस को शक है कि लंबे समय से चल रहे एंटी-एजिंग इंजेक्शन इसका का रण हो सकते हैं। फोरेंसिक टीम जांच में जुटी है और जल्द ही इस मामले का खुलासा हो सकता है।

एंटी एजिंग इंजेक्शन के बाद शेफाली की हालत नाज़ुक हुई

Shefali Jariwala death: ‘कांटा लगा’ फेम एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने सभी को चौंका दिया है। शुरुआती जानकारी के अनुसार, उन्हें कार्डिएक अरेस्ट आया, लेकिन पुलिस को शक है कि कई सालों से चल रही एंटी-एजिंग दवा और इंजेक्शन इसका कारण हो सकते हैं। इस समय फोरेंसिक टीम दवाओं की जांच में जुटी है और परिवार के लोगों समेत आठ लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक 27 जून को शेफाली ने व्रत रखा था और उसी दिन दोपहर में एंटी-एजिंग दवा का इंजेक्शन लिया था। रात 10 से 11 बजे के बीच उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, शरीर कांपने लगा और वो बेहोश हो गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उस समय घर पर शेफाली के पति पराग त्यागी, मां और कुछ अन्य लोग मौजूद थे। सूत्र ने बताया कि फोरेंसिक टीम ने शेफाली के घर से कई दवाएं जब्त की हैं, जिनमें एंटी-एजिंग इंजेक्शन, विटामिन सप्लीमेंट्स और गैस की गोलियां शामिल हैं। इन सभी की लैब में जांच की जाएगी।

युवाओं में भी तेज़ी से पॉपुलर हो रहे एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स

Anti-Aging Treatment: आज की भागती दौड़ती ज़िंदगी में हम में से ज़्यादातर लोगों को खुद का ख्याल रखने का समय ही नहीं मिल पाता। इसके अलावा हवा में बढ़ता प्रदूषण, तनाव और सही स्किन केयर का पालन न करने से त्वचा वक्त से पहले मुरझा जाती है। पिछले कुछ सालों में लोगों में त्वचा को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है। पहले जहां 40-50 की उम्र में लोग एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स या ट्रीटमेंट के लिए एक्सपर्ट्स के पास जाते थे, वहीं अब 30 साल के युवा भी त्वचा पर खूब खर्चा कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का मार्केट पिछले कुछ सालों में 5 गुना बढ़ गया है।

बॉलीवुड में बढ़ती उम्र और झुर्रियोंके लिए ‘NO’

फ़िल्म इंडस्ट्री एक ऐसी जगह है, जहां कब कौनसा सितारा चमक जाए, कहा नहीं जा सकता। लेकिन कौनसा सितारा कब डूबेगा, इसका अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। बढ़ती उम्र, चमकहीन त्वचा और झुर्रियां एक पल में मेनस्ट्रीम एक्टर/एक्ट्रेस को सपोर्टिंग रोल के ब्रैकेट में डाल देती हैं। इसलिए अपना जलवा बरकरार रखने के लिए फ़िल्म स्टार्स को हर कदम अपनी त्वचा का ख्याल रखना पड़ता है।
जवां दिखने की चाहत में कई बॉलीवुड हसीनाएं करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी हैं। उम्र बढ़ने के साथ चेहरे पर आने वाली झुर्रियों छुपाने के लिए ये सितारे Botox, Skin Tightening, Facial Fillers, और Anti-Aging Treatments का सहारा लेती हैं। कुछ ने तो प्लास्टिक सर्जरी भी करवाई है ताकि उनका लुक हमेशा ग्लैमरस बना रहे। इनके लिए ये ट्रीटमेंट एक ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि फिल्मी करियर का हिस्सा भी हैं। इस चमक-धमक वाली दुनिया में जवां दिखना एक जरूरत बन गया है, जिससे वे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करतीं।

बॉलीवुड की तर्ज पर युवा पीढ़ी में बढ़ रहा है जवां बने रहने का जुनून

एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट हाल के सालों में नए उम्र के लोगों में बढ़ा है। 10 साल पहले वे लोग कॉस्मेटिक डर्माटोलॉजिस्ट या एस्थेटिक डॉक्टरों के पास आते थे, जिनकी उम्र 40 या 50 साल हुआ करती थी। आज महिलाएं और पुरुष 35 साल की उम्र में ही और जवान दिखने के लिए या बुढ़ापे को रोकने के लिए कंसल्ट करते हैं। प्रीवेन्टिव समाधानों के बारे में सतर्कता और जागरूकता बढ़ने और ग्लोबल ट्रेंड से परिचित होना ऐसे फैक्टर हैं जिससे इस ट्रेंड को बढ़ावा मिला है। Skin Rejuvenating, Laser Skin Resurfacing, Advance Exfoliation जैसे हायल्यूरोनिक एसिड-आधारित इंजेक्शन बुढ़ापे के संकेतों को रोकने के लिए लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं।

एंटी एजिंग Botox ट्रीटमेंट, इंजेक्शन में भरा ज़हर

आजकल झुर्रियों से निजात पाने का सबसे ज़्यादा प्रचलित उपाय है ‘Botox’! बोटॉक्स’ दरअसल कोई ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि ब्रांड है। आज भले ही झुर्रियों को रोकने के लिए ‘बोटॉक्स’ पॉपुलर हो गया है लेकिन यह कोई ट्रीटमेंट नहीं, बल्कि कंपनी का ब्रांड नेम है। सबसे पहले इसी ब्रांड ने एंटी एजिंग के लिए Botulinum नाम के इंजेक्शन बनाए। हालांकि आजकल एंटी एजिंग के लिए कई ब्रांड मार्केट में आ गए हैं।

कैसे काम करता है ‘Botox’

‘बोटॉक्स’ इंजेक्शन के जरिए दिमाग से चेहरे की मांसपेशियों तक पहुंचने वाले सिग्नल को ब्लॉक कर दिया जाता है, ताकि चेहरे की मांसपेशियां सिकुड़ें नहीं। आसान शब्दों में कहें तो ‘बोटॉक्स’ इंजेक्शन मसल्स को कुछ समय के लिए पैरालाइज्ड कर देते हैं जिससे एजिंग पर कुछ समय के लिए फुलस्टॉप लग जाता है। उम्र के असर को रोकने का असल खेल यही है। इसका इंजेक्शन फोरहेड लाइन्स यानी माथे, क्रो फीट यानी आंखों के पास की लाइनों और फ्राउन लाइन्स यानी भौंहों के बीच के भाग में लगाया जाता है। यह कुछ मिनटों का ही प्रॉसेस है। इसमें बेहोश करने की जरूरत नहीं होती और यही कॉस्मेटिक सर्जरी कहलाती है।

एंटी एजिंग ट्रीटमेंट से पहले मेडिकल सलाह है ज़रूरी

एंटी एजिंग ड्रग्स को अगर बिना प्रिस्क्रिप्शन के लिया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है। इन ड्रग्स के सैकड़ों साइड इफेक्ट होते हैं, जिनमें से एक Sudden Cardiac Arrest (SCA) भी है। एंटी एजिंग ड्रग्स हार्ट में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किटिंग कर देते हैं, जिससे सडन कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है। इस कंडीशन में लोगों का हार्ट अचानक खून को पंप करना बंद कर देता है और हार्ट स्टैंड स्टिल पोजीशन में चला जाता है। इससे ब्रेन और शरीर के अन्य हिस्सों में खून की सप्लाई रुक जाती है। कार्डिएक अरेस्ट सोते वक्त भी अचानक हो सकता है और यह चलते फिरते भी हो सकता है। इसके पहले से कोई लक्षण नहीं दिखते हैं।

दिल पर दबाव डालती हैं दवाएं

कार्डिएक अरेस्ट आने पर लोग अचानक बेहोश हो जाते हैं और हार्टबीट अबनॉर्मल हो जाती है। नॉर्मल हार्ट बीट 60-90 bpm के बीच होती है, जो कार्डिएक अरेस्ट में 250-350 bpm तक हो जाती है। कार्डिएक अरेस्ट आने के बाद कुछ मिनट में ही इलाज न मिले तो मरीज की मौत हो जाती है। करीब 90 प्रतिशत मामलों में लोगों की मौत हॉस्पिटल तक पहुंचने से पहले ही हो जाती है। सिर्फ एंटी एजिंग ही नहीं, बल्कि एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, एंटी हिस्टामाइन दवाएं भी कार्डिएक अरेस्ट की वजह बन सकती हैं। भारत में अधिकतर लोग बुखार, जुकाम, खांसी होने पर केमिस्ट से पूछकर दवाएं खा लेते हैं, लेकिन ऐसा करना भी दिल की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए लोगों को किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। अगर कोई एंटी एजिंग ड्रग्स लेना चाहता है, तो उसे हर हाल में कार्डियोलॉजिस्ट से पहले सलाह लेनी चाहिए। हार्ट डिजीज के मरीजों को किसी भी तरह की दवा अपनी मर्जी से नहीं लेनी चाहिए, वरना इस कंडीशन में यह ज्यादा खतरनाक हो सकती है।

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