उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां इन्दिरा गांधी इन्टर कॉलेज स्कूल में 12वीं के दो छात्रों के बीच विवाद हो गया। इस दौरान एक छात्र ने दूसरे पर चाकू से कई बार र हमला कर दिया जि ससे उसकी मौत हो गई।
प्रयागराज के छात्र के हिंसक तेवर
करछना में इंदिरा गांधी इंटर कॉलेज में बुधवार सुबह हुई छात्र अवनीश पांडे (17) की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। कॉलेज परिसर में शिक्षकों और विद्यार्थियों की मौजूदगी में हुई इस घटना से न केवल छात्र-छात्राएं बल्कि अभिभावक भी खौफजदा हैं। यहां मंगलवार को स्कूल कैंपस में 12वीं के छात्र आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते मारपीट इतनी बढ़ गई कि अभय पाठक ने सहपाठी अवनीश पांडे पर चाकू से कई वार कर दिए। हमले में अवनीश गंभीर रूप से घायल हो गया। स्कूल के लोगों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हमलावर छात्र अभय पाठक वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गया जिसके बाद स्कूल और इलाके में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की तफ्तीश शुरू कर दी है।
छात्र ने किया सहपाठी पर हमला, मृत देह गोद में लेकर बैठा रहा छोटा भाई
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के करछना थाना क्षेत्र के कुलमई लाला का पुरा स्थित इंदिरा गांधी इंटर कॉलेज में छात्र अवनीश पांडे की हत्या के बाद एक बेहद ही दर्दनाक दृश्य सामने आया। SRN Hospital में उसका छोटा भाई दिग्विजय पांडे बड़े भाई के शव को गोद में लेकर बैठा था। आंखों में आंसू और चेहरे पर गहरा सदमा था। वह शांत बैठा भाई के चेहरे को निहार रहा था, जैसे उसकी आंखों से ही दर्द बोल रहा हो। छोटे भाई ने बताया कि दोनों रोज की तरह कॉलेज गए थे। दोपहर करीब 11 बजे लंच और खेल-कूद के दौरान कॉलेज में अचानक अफरातफरी मच गई। लोग दौड़ते हुए ऊपर की ओर भाग रहे थे और कुछ लोग चीखते चिल्लाते हुए नीचे उतर रहे थे।
छोटे भाई ने बयां किया दर्दनाक मंजर
गढ़वा कला गांव निवासी अवनीश पांडेय (17 वर्ष) इंटरमीडिएट का छात्र था। बुधवार सुबह इंटरवल के दौरान करीब 11 बजे वह सीढ़ियों से नीचे उतर रहा था। इसी दौरान उसके ही दो सहपाठी अभिषेक सोनी और अभय पाठक ने उस पर हमला कर दिया। दोनों माहीपीढ़ी गांव, थाना करछना के निवासी हैं। दोनों ने अवनीश पर नुकीले हथियार से हमला किया। छोटे भाई दिग्विजय पांडेय ने बताया कि पहले वार में आरोपियों ने अवनीश के सीने के पास चाकू मारा। इससे उसकी शर्ट फट गई। इसके बाद दूसरा वार सीधे उसके गले पर किया गया। यह वार जानलेवा साबित हुआ। दिग्विजय इसी कॉलेज में कक्षा 10 का छात्र है। घटना के बाद कॉलेज में दहशत का माहौल बन गया।
दर्दनाक घटना के बाद सदमे में परिवार और दोस्त
वह भागते हुए छत पर पहुंचा तो देखा कि उसका बड़ा भाई खून से लथपथ पड़ा है। वह चीखते हुए उसके पास पहुंचा और उसे अपने हाथों में उठाया। छात्रों और शिक्षकों की मदद से अवनीश को सीएचसी करछना ले जाया गया। वहां गंभीर हालत होने पर रेफर किए जाने पर उसे एसआरएन अस्पताल भेजा गया। रास्ते में दिग्विजय अपने भाई के सिर को गोद में रखकर भगवान से यही प्रार्थना करता रहा कि किसी तरह से उसके भाई की जान बच जाए लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। वहीं जब छात्र की मौत की खबर मां और अन्य परिजनों तक पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया। इस दर्दनाक घटना के बाद कॉलेज से लेकर परिवार तक मातम पसरा रहा।
शिक्षकों की मौजूदगी में हुई छात्र की हत्या, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
करछना में इंदिरा गांधी इंटर कॉलेज में बुधवार सुबह हुई छात्र अवनीश पांडे (17) की हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। कॉलेज परिसर में शिक्षकों और विद्यार्थियों की मौजूदगी में हुई इस घटना से न केवल छात्र-छात्राएं, बल्कि अभिभावक भी खौफजदा हैं। उधर कॉलेज में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। छात्र और शिक्षकों की मौजूदगी के बावजूद नाबालिग छात्र चाकू लेकर परिसर में कैसे प्रवेश कर गए और इतनी भयावह घटना को अंजाम दे दिया, यह सवाल सभी की जुबान पर है। उधर, पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे रिश्तेदारों के बीच इस बात की भी चर्चा रही कि इसकी भी जांच होनी चाहिए कि घटना में नाबालिग छात्र क्यों शामिल हुए? क्या उनसे भी कोई विवाद था?
परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक छात्र अवनीश के पिता अमित पांडेय और दादा त्रिलोकी नाथ पांडेय ने आरोप लगाया है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले कॉलेज के ही एक अंग्रेजी एवं सामाजिक विज्ञान पढ़ाने वाले टीचर पप्पू मिश्रा से अवनीश की हाथापाई हो गई थी। उस समय टीचर ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी। परिजनों का आरोप है कि इसी रंजिश के चलते पप्पू मिश्रा ने अपने रिश्तेदारों और छात्रों को मिलाकर हत्या करवाई। परिवार का यह भी कहना है कि टीचर के एक रिश्तेदार से उनकी जमीन-जायदाद का विवाद चल रहा है। पुलिस ने जब पप्पू मिश्रा से पूछताछ करनी चाही तो पता चला कि घटना के बाद से वह लापता है।
पिता ने लगाया शिक्षक पर प्रताड़ना का आरोप
मृत छात्र अवनीश के पिता अमित पांडे ने कहा- “इन लोगों ने छात्रों के साथ मिलकर मेरे बेटे को मरवा दिया है। पप्पू मिश्रा के रिश्तेदार विजय PWD के ठेकेदार हैं। अपने रसूख के दम पर उन्होंने खलिहान की 5 बिस्वा जमीन का बड़ा हिस्सा कब्जा कर लिया है। हम लोग विरोध कर रहे थे, इसलिए इन लोगों ने मिलकर ये साजिश रची है। 15 दिन पहले हम लोगों को धमकाया भी था। मगर ये नहीं पता था कि ऐसा कुछ कर ही डालेंगे।” अवनीश के पिता के आरोपों की छानबीन करने पर सामने आया कि ठेकेदार विजय पांडेय एक महीने पहले गांव की एक सड़क को कॉन्ट्रैक्ट पर बना रहा था। इसका सड़क की क्वालिटी को लेकर अमित ने विरोध किया। इसके बाद विजय ने अमित के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में अमित पांडे जमानत लेकर बाहर आए थे।
क्लास में टीचर को अवनीश ने मारा था थप्पड़
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि जमीन की अदावत में टीचर पप्पू मिश्रा अक्सर अवनीश को परेशान करते थे। अक्सर कमेंट पास करते थे। अवनीश ने भी एक बार इसका क्लास में विरोध किया था। मामला बढ़ा, तो अवनीश ने अपने टीचर पप्पू को थप्पड़ मार दिया था। इसको लेकर स्कूल प्रबंधन तक बवाल हुआ। मगर फिर मामला शांत करवा दिया गया था।
आरोपी छात्र फ़रार, तलाश में जुटी पुलिस
सवाल यह भी है कि अगर माहौल तनावपूर्ण था तो कॉलेज प्रबंधन को इसकी भनक क्यों नहीं लगी। आरोप लग रहे हैं कि कॉलेज प्रबंधन समय रहते स्थिति को भांप गया होता तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। इस बाबत स्कूल प्रबंधक मनोज पांडेय से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन लगातार बंद रहा। डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने मामले में कहा कि छात्रों के बीच विवाद हुआ था, जिसमें यह वारदात हुई है। परिजनों की शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। पीड़ित की तहरीर पर मुख्य आरोपी छात्र अभय कुमार पाठक, आशुतोष सोनी, टीचर पप्पू मिश्रा और पड़ोसी विजय कुमार पांडेय, रामेश्वर प्रसाद तिवारी, हिम्पू पांडेय समेत छह लोगों पर करछना थाने में FIR दर्ज किया गया है। दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। फरार छात्रों की तलाश जारी है, गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी।
छात्रों के बीच हिंसा की बढ़ती घटनाएं
देश में एक के बाद एक स्कूली छात्रों के अपराध की घटनाएं सामने आ रही है। उत्तराखंड के काशीपुर (ऊधम सिंह नगर) में एक निजी स्कूल में कक्षा‑9 के एक छात्र ने शिक्षक पर तमंचा निकालकर फायरिंग कर दी, जिससे शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए।
इसी तरह का मामला यूपी के गाजीपुर से भी सामने आया था। यहां एक निजी स्कूल में छात्रों के बीच हुआ विवाद खौफ़नाक रूप ले बैठा। आपसी कहासुनी के दौरान कक्षा 9 के छात्र ने 10वीं के छात्र आदित्य वर्मा पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। वारदात में आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बीच-बचाव करने आए तीन अन्य छात्र भी घायल हो गए।
अहमदाबाद के Seventh Day School के क्लास-9 के छात्र ने मामूली बात पर क्लास-10 के नयन को चाकू से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। अस्पताल में नयन की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों समेत करीब 2000 की भीड़ ने स्कूल के प्रिंसिपल और कर्मचारियों पर हमला कर दिया। हमलावर छात्र अल्पसंख्यक वर्ग से होने के चलते मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया जिसने VHP और बजरंगदल भी कूद पड़े और ‘बंद’ का आह्वान किया।
छात्रों की हिंसात्मक गतिविधियों के अनगिनत मामले
दिल्ली के ज्योति नगर इलाके के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्रों ने 10वीं के छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। दिल्ली से सटे गुरुग्राम के एक बड़े निजी स्कूल में हुई बहुचर्चित प्रद्युम्न हत्याकांड समाज को झकझोर कर रख देने वाली घटना है। उधर, गुजरात के वड़ोदरा में एक छात्र की चाकू से 31 बार वार कर हत्या कर दी गई थी। दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के सेंट मैरी एग्लो इंडियन स्कूल में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने प्रधानाचार्य की हत्या कर दी। देशभर में इस तरह की कई घटनाएं हैं, जो स्कूली छात्रों में पनप रही हिंसा की प्रवृत्ति की ओर इशारा करती हैं। ये घटनाएं समाज के लिए खतरे की घंटी हैं।
मनोवैज्ञानिकों ने चेताया- ग़लत दिशा में जा रहा समाज
स्कूली बच्चों में पिछले कुछ समय से हिंसक प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जो समाज के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चों में हिंसक प्रवृत्ति का एकाएक उत्पन्न होना संभव नहीं है। यह प्रवृत्ति समाज में धीरे-धीरे गलत दिशा में पलायन करने से उत्पन्न होती है और यह गलत दिशा मोबाइल फोन और नेट आधारित चैनल के माध्यम से बच्चों में उत्पन्न होती है। आज के दौर में जब एक घर में इंटरनेट से लैस कई-कई मोबाइल रहते हैं, बच्चों को यह बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जाती है। कोरोना काल के बाद बच्चों में जो मोबाइल की लत लगी है वह समाज मे कैंसर का रूप ले चुका है। इसका उपाय यह है कि बच्चों को मोबाइल से जितना हो सके दूर रखा जाए। उनकी गतिविधियों और फ्रेंड सर्किल पर भी नजर रखी जाए। इस सबमें शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भूमिका भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
ग़लत पारिवारिक और शैक्षणिक माहौल
स्कूली बच्चों द्वारा हिंसा कुंठा और दबाव का नतीजा है। स्कूली बच्चों की प्रवृत्ति में आए बदलाव के पीछे तीन कारण हैं, जिसमें पहला है कि परिवारों का बच्चों से संवाद कम हो गया है, माता पिता बच्चों को अधिक समय नहीं दे पा रहे हैं जिस कारण बच्चों में नैतिक मूल्य का निर्माण नहीं हो पा रहा है। इससे बच्चों में सहयोग व सद्भाव वाली भावना घट रही है। दूसरा कारण है शिक्षा प्रणाली। जब तक स्कूली बच्चों की शिक्षण प्रणाली सही नहीं होगी, तब तक वे मानसिक दबाव और तनाव में रहेंगे ही। वे कब क्या कर बैठेंगे, कोई नहीं जानता।
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