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सीएसआर से मिलेगी शिक्षा और बुझेगी प्यास

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कोरोना की वजह से देश की शिक्षा प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है। साल खत्म होने आया है लेकिन स्कूल अभी तक नहीं खुला है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसलिए सरकार और स्कूल मैनेजमेंट ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही है। ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के साथ साथ अभिभावक भी कर रहें हैं वो भी मज़बूरी में। लॉक डाउन होने के नाते लोग अपने अपने दूरदराज गांव चले गए है। रिमोट इलाकों में कभी बिजली नहीं  होती। तो कभी नेटवर्क नहीं। किसी तरह ऑनलाइन पढ़ाई की जुगत करते बच्चों के पास ये भी नौबत है कि उनके पास स्मार्ट फ़ोन तक नहीं होता।

सीएसआर बनता शिक्षा के लिए मददगार

बच्चों को मोबाइल बिगाड़ रहा है इसकी दुहाई देते देते टीचर कभी थकते नहीं थे। आज वही मोबाइल के सामने घंटों बैठे रहने के लिए मजबूर कर रहें हैं। लेकिन इसमें भी दिक्क्त उन गरीब अभिभावकों को है। जो बहुत ज्यादा मोबाइल के जानकार नहीं हैं या उनके पास एंड्राइड फ़ोन नहीं है। हाल ही में 23 राज्यों ने 40,000 बच्चों के बीच की गई एक सर्वे में यह सामने आया है कि लगभग 56 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है। ऐसे में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी सीएसआर इन पेरेंट्स और बच्चों की मदद के लिए सामने आया है।

शिक्षा के लिए ओप्पो इंडिया ने सीएसआर के तहत ‘वॉल ऑफ नॉलेज’ की शुरवात की

स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी ओप्पो इंडिया ने सीएसआर (CSR) पहल ‘वॉल ऑफ नॉलेज’ शुरू करने की घोषणा की है। ‘वॉल ऑफ नॉलेज’का उद्देश्य वंचित बच्चों को वर्चुअल शिक्षा की दुनिया से जुड़ने की सुविधा देना है। वॉल ऑफ नॉलेज एक यूनिट है जिसके साथ कई मोबाइल एक टेबल पर रखे हैं। जिसके सामने एक बड़ी एलईडी स्क्रीन है जो बच्चों को वर्चुअल शिक्षा प्रदान करता है। इस पहल का वंचित बच्चों को बहुत अधिक लाभ होगा और उनके एजुकेशन में मदद मिलेगी और बच्चों की डिजिटल रुचि भी बढ़ेगी।
ओप्पो के वाईस प्रेसिडेंट तस्लीम आरिफ ने बताया कि यह साल हर किसी के लिए बहुत चुनौतियों भरा रहा। बड़ी तादाद में बच्चे आज भी ऑनलाइन एजुकेशन से वंचित हैं। ओप्पो इंडिया की ये पहल इन विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगी। ओप्पो वॉल ऑफ नॉलेज की शुरवात नोएडा, लखनऊ, कोलकाता, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहरों से होगी जहां स्थानीय गैर सरकारी संगठनों से भागीदारी की है।

कांशीराम ट्रामा सेंटर में पानी का मुकम्मल इंतजाम नहीं, सीएसआर से बुझेगी प्यास

वही सीएसआर से अब कानपुर वालों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सकेगा। मान्यवर कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर में पानी का मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। जिसकी वजह से अस्पताल के मरीज और उनके तीमारदार पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। इस बाबत कई बार मरीजों और उनके तीमारदारों ने शिकायत भी की। सालों की समस्या अब जाकर जल्द ही खत्म होगा। कानपुर रामादेवी स्थित मान्यवर कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय व ट्रामा सेंटर में मरीज़ों और उनके तीमारदारों को शुद्ध और स्वच्छ पानी के लिए अस्पताल परिसर में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) फंड से दो हजार लीटर की क्षमता वाला आरओ प्लांट लगाने की तैयारी है।

हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड सीएसआर के तहत लगाएगी कानपुर के अस्पताल में RO

सीएसआर का ये काम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के जरिये होगा। अस्पताल में रोजाना दो हजार की ओपीडी है, कानपुर का ये अस्पताल बड़े अस्पतालों की फेहरिश्त में शुमार है। 100 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में पानी की बुनियादी सुविधा नहीं था। पांच से छह हजार मरीज, तीमारदार और कर्मचारी पीने के पानी के लिए परेशान होते हैं। इन्ही परेशानियों को देखते हुए अस्पताल के सीएमएस ने हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के प्रबंधन से सीएसआर फंड से अस्पताल परिसर में आरओ प्लांट लगाने का आग्रह किया था। एचएएल ने मरीज हित में सीएसआर फंड से अस्पताल परिसर में आरओ प्लांट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और जल्द ही आरओ प्लांट लगाने पर काम शुरू हो जायेगा।