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यूपी के लखनऊ मंडल में कोरोना का कोई नया केस नहीं

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देश के सबसे बड़े राज्यों में शुमार यूपी की राजधानी लखनऊ से कोरोना को लेकर बड़ी और अच्छी खबर ये है कि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के एक भी नए मामले सामने नहीं आये है। जिस तरह से पूरे देश में लगातार कोरोना वायरस की महामारी छाई हुई है, गनीमत लखनऊ मंडल का है जहां कोरोना पर ही प्रशासन ने लॉक डाउन लगा दिया है, आलम ये है कि नए मामलों में बढ़ोतरी नही हुई है, वही खुशखबरी ये भी है कि कोरोना पीड़ित की सेहत में लगातार सुधार आ रहा है। 6 जिलों को मिलाकर लखनऊ मंडल बना है और मंडल आयुक्त और उत्तर प्रदेश सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मुकेश मेश्राम खुद कोरोना की रोकथाम को लेकर निगरानी कर रहे है। प्रशासन की तैयारी और कोरोना के रोकथाम के लिए मुस्तैद मुकेश मेश्राम से ख़ास बातचीत की The CSR Journal ने।

बहुत स्वागत है आपका The CSR Journal में, सबसे पहले आपको बधाई हो कि आपकी मुस्तैदी और प्रशासन की तैयारियों की वजह से लखनऊ में कोरोना पॉजिटिव के नए मामलों पर ब्रेक लग गया है। किस तरह से ये संभव हो पाया ?

लखनऊ में लॉक डाउन का पूरी तरह से अनुपालन कराया गया है, लखनऊ मंडल के अधीन 6 जिले आते है, जिसमें रायबरेली है, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई है, लखीमपुर खीरी और लखनऊ जिला है। लखनऊ महानगर होने के नाते यहां की आबादी ज्यादा है और ये शहरी इलाका होने के नाते आवाजाही ज्यादा है, लेकिन हम ये सुनिश्चित करते रहते है कि यहां की जनता हर हाल में लॉक डाउन का पालन करें, लोग अपने घरों में रहें। हम कई जरियों से, अखबारों के जरिये से, मीडिया, सोशल मीडिया के जरिये से, हर माध्यम से घूम घूम कर एनफोर्स किया गया है, ताकि लोग अपने घरों में रहें। सोशल डिस्टनसिंग मेंटेन करें और यही कारण है कि जनता की सहयोग और लॉक डाउन की वजह से हम कुछ हद तक कामयाब हुए है।

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखें तो फिरहाल लखनऊ मंडल की क्या स्तिथि है?

लखनऊ मंडल में स्तिथि बिल्कुल नियंत्रण में है, यहां पिछले कई दिनों से एक भी केस पॉजिटिव नही मिले है, आंकड़ों में बात करें तो लखनऊ मंडल में अबतक कुल 8 मामले आये है जिनमें से 1 का इलाज हुआ और वो डिस्चार्ज हो गयी बाकी मरीजों की स्तिथि में लगातार सुधार हो रहा है, किसी भी मरीज की हालत चिंताजनक नही है। कोई क्रिटिकल केस भी नही है।

इस दौरान जीवनावश्यक वस्तुओं का परिचालन कैसे किया जा रहा है, क्योंकि देखा जा रहा है कि जीवनावश्यक सामानों की आपूर्ति कम हो रही है और जिसे पाने के लिए भीड़भाड़ हो रही है। लखनऊ मंडल का क्या हाल है?

देखिए जितनी भी जीवनावश्यक सेवाएं है वो पूरे मंडल में सुचारू रूप से जारी है, इशेंशियल सर्विसेस में दूध, सब्जियां, राशन, अस्पताल, दवाईयों की दुकान, सब खुली है और राज्य सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में सभी चीजों का भंडारण है। और ये जीवनावश्यक चीजों की सप्लाई निरंतर जारी रहे इसकी सुनिश्चिता की गई है। हम फिर से अपील करते है कि लोग अपने घरों में रहें और रही बात जीवनावश्यक वस्तुओं की तो हम 10 हज़ार डिलीवरी बॉयज के जरिये घरों घरों तक समान पहुंचा रहें है। एक सिस्टम बनाया गया है जिसके तहत व्हाट्सएप के जरिये, ऑनलाइन के जरिये से बड़ी ई कॉमर्स कंपनियां ये सामान लोगों के घरों तक पहुंचा रहीं है। रही बात मोहल्लों की छोटी छोटी दुकानों की तो वहां प्रशासन ये सुनिश्चित किया है कि सोशल डिस्टनसिंग बनी रहे। एक मीटर का घेरा बनाया गया है ताकि भीड़भाड़ ना हो, बड़े पैमाने पर लोग घरों से बाहर न आये।

कोरोना की मरीजों ट्रेसिंग कैसे की जा रही है, क्योंकि उत्तर प्रदेश से बड़े पैमाने पर लोग दूसरे राज्यों में जा रहे है और विदेशों में भी गए है, अब इस महामारी के बाद वो स्वदेश लौट रहे है, तो ट्रेसिंग कैसे कर रहें है?

उत्तर प्रदेश के हर जिलों में कोरोना के मरीजों को ट्रीट करने के लिए एक मैकेनिज्म बना हुआ है, उसके तहत हम काम कर रहे है, हर जिलों में जितने भी लोग विदेशों से आ रहे है, उनके डाटा को हम खंगाल रहें है, एक सूची बनाई गई है, मोबाइल रेकॉर्ड्स और अन्य सोर्सेस से हम ये पता लगाते है फिर उनतक हम संपर्क करते है और ये पता लगाने की कोशिश करते है कि कहीं उनमें कोरोना के लक्षण तो नही है। पूरे मंडल के सभी जिलों में हेल्थ डिपार्टमेंट के कंट्रोल रूम द्वारा उनकी ट्रेसिंग हो रही है और उनके होम क़वारंटाइन को हम सुनिश्चित कर रहे है। उनके लक्षणों को भी हम निगरानी कर रहे है, गनीमत है कि अभी तक जितने सैंपल हमनें कोरोना को लेकर भेजे थे, वे सभी नेगेटिव है।

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लखनऊ मंडल में अस्पतालों की क्या तैयारियां है?

हम कोरोना वायरस को रोकने के लिए हमेशा सज्ज रहे है, प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दिशा निर्देशों पर पूरे प्रदेश में अस्पताल तैयार है। इन अस्पतालों में बेड्स की कोई कमी न हो ये भी सुनिश्चित किया गया है, इन अस्पतालों में वेंटिलेटर, दवाईयों की कमी न हो, मास्क, हैंड सेनिटाइजर की उपलब्धता बनी रहे इसके लिए प्रशासन तैयार है।

बहुत जगह देख रहे है कि सांसद और विधायकों की निधि भी इस्तेमाल की जा रही है, विधायक और सांसद अपनी निधि का इस्तेमाल कोरोना को लड़ने में कर रहे है, क्या और कैसे उसका फायदा मिल पा रहा है?

जी बिल्कुल, सांसद और विधायक निधि का इस्तेमाल हम मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने में कर रहे है, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट को हम बेहद कम समय मे खरीद रहें है, इसके लिए हम GEM द्वारा ई टेंडर निकालकर वेंटिलेटर, दवाईयां, N95 मास्क, हॉस्पिटल बेड, टेस्टिंग किट, हैंड सेनिटाइजर खरीद रहें है। ताकि इनकी अस्पतालों में कोई कमी न हो। लखनऊ के KGMU और संजय गांधी PGI जो सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल है अब यहां भी कोरोना की टेस्टिंग संभव हो पाई है। इसके साथ ही आइसोलेशन में मरीजों को रखने के लिए हम निजी अस्पतालों के साथ भी बातचीत किये, इन निजी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनकर तैयार है और जरूरत पड़ने पर हम उसका इस्तेमाल करेंगे। साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अन्य डॉक्टरों की इससे निपटने के लिए ट्रेनिंग भी दी गयी है।

सोशल डिस्टनसिंग को मेंटेन करवाने के लिए लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही है, लोग सुन नही रहें है, ये एक चुनौती है, इससें कैसे निपट रहें है आप ?

देखिए कोरोना वायरस से निपटने के लिए सोशल डिस्टनसिंग बेहद जरूरी है, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी लगातार अपील कर रहें है, हम प्रशासन के लोग अपील कर रहे है कि आप लोग अपने घरों में रहें, आलम ये है कि हम सब भी सोशल डिस्टनसिंग मेंटेन कर रहें है। हम मिनीमम स्टाफ से काम चला रहें है, ज्यादातर स्टाफ ऑनलाइन, मोबाइल, इंटरकॉम, इंटरनेट, ई मेल की मदद से काम कर रहा है। फील्ड में भी हम सब दायरा बनाकर काम कर रहें है। जरूरी काम के लिए तो हम खुद आपके घर पहुंच रहें है, सामान पहुंच रहा है फिर आप लोगों को घरों से बाहर क्यों निकलना है।

उत्तर प्रदेश से कई ऐसी खबरें आई कि लोग अपने घरों के लिए निकले लेकिन रास्तों में फंस गए, बहुत बड़े पैमाने पर मजदूर वर्ग मुंबई दिल्ली से पलायन कर अपने घर जाना चाहा लेकिन रास्ते में ही है। उनके लिए क्या व्यवस्था की गई है?

देखिए देश के लिए एक संकट की घड़ी है, और हम सब मिलकर लड़ेंगे तभी इससे जीतना मुमकिन हो पायेगा, सब लोग प्रशासन का साथ दें। जो जहां है वहीं रहें, सामाजिक दायरा बनाकर रहें, गरीब, मजदूर, खानाबदोश जैसे लोगों के लिए हम प्रशासन लगातार काम कर रहा है। ऐसे लोगों के लिए एक किचन बनाया गया है, अक्षय पात्रा इसमें हमारी मदद कर रहा है। ये किचन पूरी तरह से मैकेनाइज्ड तरीके के काम करेगा और कम से कम मैनपॉवर का इस्तेमाल कर खाना पकाया जाएगा और जरूरतमंद तक ये खाना डोर टू डोर पहुंचाया जाएगा, और जिसे लेने खुद आना है वो सोशल डिस्टनसिंग का पूरी ख्याल रखे ये सुनिश्चित किया गया है। जो लोग रास्ते मे फंसे है मेरी अपील है उनसे कि वो जहां है वहीं बने रहें, ऐसे लोगों के लिए धर्मशालाएं खोली गई है वो वहां सेफ रहें।

सीएसआर के तहत कई कंपनियां अपने फंड का इस्तेमाल इस महामारी के रोकथाम के लिए कर रहीं हैं, लखनऊ में भी क्या समाज के लोग आगे आ रहे है और वहां किस तरह सीएसआर का इस्तेमाल हो रहा है?

वाकई में कॉरपोरेट की मदद सरकार को हो रही है, बड़े पैमाने पर देश के कॉरपोरेट मदद के लिए सामने आ रहें है, जैसे मैंने बताया कि अक्षय पात्रा हमारी मदद कर रही है, देश के तमाम संस्थाएं हमारी मदद कर रही है, फिक्सी हो या फिर स्थानीय व्यापार मंडल हर कोई इस संकट की घड़ी में आर्थिक मदद के लिए सामने आ रहा है, जो बेहद ही सराहनीय है। याद रखिये इस महामारी को हराने में सभी जनता से अपील है कि वो अपने घरों में रहें और सोशल डिस्टनसिंग बनाएं रखें। शुक्रिया।