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June 15, 2025

उत्तर प्रदेश पुलिस के चयनित 60,244 सिपाहियों को अमित शाह सौपेंगे नियुक्ति पत्र

UP: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 15 जून को उत्तर प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं, जहां वे कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। अमित शाह उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 चयनित सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में ये भव्य आयोजन होगा।

उत्तर प्रदेश को मिलेंगे 60,244 नए सिपाही

UP: उत्तर प्रदेश के नए नियुक्त किए गए 60,244 पुलिसकर्मियों में से 12,000 से ज्यादा महिलाओं को एक ही बैच में पुलिस बल में भर्ती किया गया है। 1947 से 2017 के बीच केवल 10,000 की भर्ती की तुलना में यह एक रिकॉर्ड है। UP के मुख्यमंत्री योगी ने इस उपलब्धि का श्रेय सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और पारदर्शी भर्ती के प्रति प्रतिबद्धता को दिया। गुरुवार को ही एक कार्यक्रम में सीएम ने शाह के दौरे की जानकारी दी थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि पिछले एक दशक के दौरान भारत में हुए क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, जिसका श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व को दिया।
UP में दिसंबर, 2023 से शुरू हुई 60244 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया 15 जून को पूरी हो जाएगी। इसके बाद ट्रेनिंग का दौर चलेगा।

तीन चरणों में होती है ट्रेनिंग

भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीजीपी मुख्यालय की स्थापना इकाई चयनित सिपाहियों को खाली पदों के अनुसार जिलों में भेजती है। यहीं से प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है, जो 3 चरणों में पूरी होती है। सबसे पहले प्रारंभिक प्रशिक्षण होता है, जिसे JTC कहा जाता है। उसके बाद RTC (रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर) और फिर व्यावहारिक प्रशिक्षण होता है। यह पूरी प्रक्रिया करीब 13 महीने की होती है। सबसे पहले एक महीने की JTC में ट्रेनिंग, जिस जिले में जितनी वैकेंसी होती हैं, उसी के मुकाबले चयनित सिपाहियों को जिला आवंटित किया जाता है। उस जिले का SP सिपाही का नियोक्ता होता है। यानी एसपी नियुक्ति पत्र सौंपता है। इसके बाद उसी जिले में प्रारंभिक प्रशिक्षण होता है। इसे जेटीसी (जूनियर ट्रेनिंग सेंटर) के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रशिक्षण एक महीने का होता है। इस दौरान संबंधित सिपाही की वर्दी सिलवाई जाती है। उसके बैंक अकाउंट और ESI अकाउंट खोले जाते हैं। वर्दी के पहनने के तौर-तरीके सिखाए जाते हैं।

JTC के बाद RTC सेंटर में फिज़िकल ट्रेनिंग

9 महीने की RTC में ट्रेनिंग जेटीसी में ट्रेनिंग के बाद आरटीसी यानि रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में 9 महीने का प्रशिक्षण होगा। इस दौरान पुलिस के कायदे-कानून सिखाए जाएंगे। फिजिकल ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें परेड भी शामिल है। UP में मौजूदा समय में कुल 11 संस्थागत ट्रेनिंग सेंटर हैं। इसमें मुरादाबाद में पुलिस अकादमी, जहां PPS और IPS अफसरों को ट्रेनिंग दी जाती है। मुरादाबाद और सीतापुर में 2 पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (PTC) भी है। इसके अलावा मुरादाबाद, मेरठ, गोरखपुर, सुल्तानपुर, उन्नाव और जालौन में कुल 6 पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (PTS) हैं। सीतापुर और मिर्जापुर में 2 आर्म्ड पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज व स्कूल शामिल हैं। इसके अलावा सभी 33 पीएसी बटालियन में स्थायी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर और 67 जिलों में अस्थायी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं।
3 महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सिपाहियों को वापस उसी जिले में भेज दिया जाता है, जहां उन्हें नियुक्ति पत्र दिया गया था। यहां इनकी 3 महीने की व्यावहारिक ट्रेनिंग होती है। यह ट्रेनिंग थाने पर, पुलिस लाइन में और पुलिस कार्यालय में होती है। 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें उसी जिले में रेगुलर पोस्टिंग दे दी जाती है। पहले दिन से मिलने लगेगा वेतन नियमों के मुताबिक, जॉइनिंग करते ही सिपाही को वेतन मिलने लगेगा। यह वेतन पूरे प्रशिक्षण के दौरान मिलेगा। वेतन जिस जिले से नियुक्ति पत्र मिला है, वहां से मिलेगा।

UP मुख्यमंत्री का प्रशिक्षण पर खास जोर

पहली बार सभी की ट्रेनिंग एक साथ राजीव कृष्ण बताते हैं- मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण पर सबसे अधिक जोर दिया है। उन्होंने 8 साल में प्रशिक्षण की क्षमता 10 हजार से बढ़ाकर 60 हजार की है, जो ऐतिहासिक है। इससे पहले सबसे बड़ी 49 हजार सिपाही भर्ती भी योगी सरकार में 2018 में हुई थी। सीमित संसाधन के बीच उस समय केंद्रीय अर्धसैनिक बलों जैसे CRPF, BSF, RAF के ट्रेनिंग सेंटर की मदद लेनी पड़ी थी। लेकिन, इस बार सभी की ट्रेनिंग एक साथ कराई जा रही है।

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