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July 30, 2025

म्यांमार में फुस्स हुए 72 करोड़ के फाइटर जेट, खुली मेड इन चाइना JF17 की पोल

The CSR Journal Magazine
चीन की म्यांमार में अपने हथियारों की वजह से बेइज्जती हो गई है। दरअसल म्यांमार में सैन्य तख्तापलट (Myanmar conflict) के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही गुटों ने चीन में बने एक JF17 फाइटर जेट को मार गिराया। सामने आई जानकारी की माने तो करीब 72 करोड़ रुपए की कीमत वाले इस जेट को मशीन गन से उड़ाया गया। यह मामला सगाइंग इलाके में घटित हुआ, जहां पुलिस स्टेशन पर कब्जे के लिए संघर्ष चल रहा था।

China की पिटी भद्द, फेल हुआ JF17 

रिपोर्ट की माने तो चीनी फाइटर जेट JF17 के जरिए जैसे ही म्यांमार की सेना बम बरसाने के लिए मैदान में उतरा, लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने जेट को मार गिराया। माना जा रहा है कि अगर PLA के दावे सही हैं तो यह चीन के लिए झटका है क्योंकि PLA के लड़ाकों के पास कोई आधुनिक हथियार नहीं हैं। पीएलए के लड़ाके मशीन गन और गुरिल्ला वार के जरिए ही सेना से मैदान में जंग लड़ रहे हैं। चीन के हथियार को लेकर बनी क्रेडिबलिटी को भी इससे झटका लगा है। रिपोर्ट्स की माने तो 2023 में म्यांमार को चीन ने ₹8570 करोड़ का हथियार दिया था।

हमले के वक्त JF17 कर रहा था बमबारी

PLA ने जानकारी दी कि 4 जून को उन्होंने सागाइंग के पाले टाउनशिप स्थित कान दौक पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने के लिए अभियान छेड़ा था। इस दौरान म्यांमार की सेना ने फाइटर जेट और Y-12 विमान से भारी बमबारी की। इसी जवाबी कार्रवाई में PLA ने .50 कैलिबर की M2 ब्राउनिंग मशीन गन से उस फाइटर जेट को मार गिराया जो ऊपर से बम बरसा रहा था।

दावा है कि मशीन गन से मारा गया फाइटर जेट

घटना को लेकर एक दावे ने और भी ज्यादा ध्यान खींचा है। चश्मदीद के हवाले से स्थानीय अखबार ने लिखा है कि मशीन गन के जरिए JF17 को मार गिराया गया है। चश्मदीद के मुताबिक 0.50-कैलिबर M2 ब्राउनिंग मशीन गन के जरिए इस विमान को मार गिराया गया। हालांकि न ही सरकार और न ही पीएलए के लड़ाकों ने इसको लेकर कोई टिप्पणी की है। JF17 चीन द्वारा निर्मित एक लड़ाकू जहाज है, जिसे लेकर चीन की सेना और चीन की सरकार दावा करती है कि यह जहाज बेहद उन्नत किस्म का है और चीनी वायुसेना में यह लड़ाकू विमान उच्चतम दर्जे का विमान माना जाता है।

JF17 की ताकत पर गुमान करता है चीन और पाकिस्तान

JF17 को लेकर चीन और पाकिस्तान की सेना दावा करती है कि इस लड़ाकू विमान की ऑपरेशनल लागत बेहदम कम है और इसे पूरी तरह से चीन में ही विकसित किया गया है। कहने के लिए और दुनिया को दिखाने के लिए इस लड़ाकू विमान का प्रोडक्शन पाकिस्तान में किया जाता है। लेकिन वास्तविकता ये है कि इस लड़ाकू विमान के स्पेयर पार्ट्स तक को खरीदने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से चीन पर निर्भर है। JF17 विमान को लेकर कहा जाता है कि यह विमान मैक 1.6 की अधिकतम रफ्तार और लगभग 1200 किमी परिचालन सीमा के दायरे में आता है।
अगर इस लड़ाकू विमान के अन्य फीचर्स की बात करें तो इस फाइटर जेट का वजन 6 हजार 586 किलोग्राम है और इसे 12,700 किलोग्राम के मैक्सिमम वजन के साथ उड़ान भरने के लिए तैयार किया गया है। सात हार्डप्वाइंट्स से लैस यह लड़ाकू विमान 3600 किलोग्राम तक अपने साथ हथियार ले जाने में सक्षम है, जिसमें बीवीआर मिसाइलें, सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध पॉड्स और ड्रॉप टैंक शामिल है। पाकिस्तान के पास JF17 ब्लॉक 1 प्रकार के 70 फाइटर जेट्स हैं, वहीं ब्लॉक 2 प्रकार के 33 जेट्स मौजूद हैं। हालांकि पाकिस्तान की सेना में JF17 के 86 जेट्स ही सेवा में हैं।

चीनी हथियारों को लेकर खड़े हुए सवाल

चीन की वायुसेना में JF17 को अग्रिम श्रेणी का लड़ाकू विमान बताया जाता है। वहीं पाकिस्तान भी इस लड़ाकू विमान को लेकर पहले खूब दंभ भरता था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जैसे ही JF17 को भारत की तरफ भेजा, वैसे ही भारतीय मिसाइलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए JF17 को मार गिराया। इसके अलावा पाकिस्तान के पास जो हथियार हैं, उनमें से ज्यादातर चीन द्वारा निर्मित हथियार हैं, चाहे वह लड़ाकू विमान हो या फिर रडार सिस्टम। ऐसे में चीन द्वारा बनाए जाने वाले हथियारों और पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी हथियारों के लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं।

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