मुंबई, 17 अक्टूबर- मुंबई की एक 26 वर्षीय टीवी अभिनेत्री साइबर ठगी का शिकार हो गईं, जब कुछ लोगों ने खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताकर उनसे 6.5 लाख रुपये ऐंठ लिए। ठगों ने उन्हें “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाया और ऑनलाइन कॉल के ज़रिए पैसे ट्रांसफर करवाए।
एक कॉल से शुरू हुआ खेल
26 वर्षीय अभिनेत्री को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मोबाइल कंपनी का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम पर एक अवैध बैंक खाता संचालित किया जा रहा है। कॉलर ने यह भी धमकी दी कि यदि उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उनका सिम कार्ड बंद कर दिया जाएगाऔर उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद उन्हें कॉल पर एक अन्य व्यक्ति से जोड़ा गया, जिसने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया। उसने अभिनेत्री को एक फर्जी सुप्रीम कोर्ट नोटिस दिखाया और कहा कि उनके बैंक खातों की जांच चल रही है।
डर में अभिनेत्री ने भेजे लाखों रुपये
“पुलिस जांच” में सहयोग करने के नाम पर अभिनेत्री से कहा गया कि वे पैसे एक विशेष खाते में जमा करें ताकि यह साबित हो सके कि वे किसी अपराध में शामिल नहीं हैं। डर और भ्रम में उन्होंने कुल 6.5 लाख रुपयेअलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने उन्हें कैमरे के सामने आधार कार्ड दिखाने और लगातार वीडियो कॉल पर बने रहने का निर्देश भी दिया। करीब सात घंटे तक चली यह कॉल तब खत्म हुई जब अभिनेत्री को शक हुआ। उन्होंने कॉलर का नंबर एक स्पैम-डिटेक्शन ऐप में जांचा, जहां नंबर को Spam के रूप में टैग किया गया था। इसके बाद उन्होंने तुरंत ओशिवरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने दर्ज की FIR, शुरू की जांच
पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि अभिनेत्री के पैसे जिन खातों में भेजे गए थे, उनकी ट्रांज़ेक्शन डिटेल्स खंगाली जा रही हैं। साथ ही कॉल लॉग्स, बैंक रिकॉर्ड और डिजिटल साक्ष्यों को भी एकत्र किया जा रहा है।
साइबर पुलिस की चेतावनी
साइबर सेल ने आम नागरिकों को साइबर ठगी के बारे में बार-बार चेताया है। कोई भी सरकारी विभाग या पुलिस फोन पर डिजिटल अरेस्ट या पैसा जमा कराने का आदेश नहीं देती। लोगों से किसी भी अज्ञात कॉल या वीडियो कॉल पर अपने व्यक्तिगत दस्तावेज न दिखाने की अपील की। साथ ही यदि इस तरह की कोई कॉल आए, तो तुरंत 1930 (साइबर हेल्पलाइन) या नज़दीकी पुलिस थाने से संपर्क करने की सलाह दी।
हाल के वर्षों में बढ़े डिजिटल अरेस्ट के मामले
हाल के वर्षों में सेलिब्रिटीज़, इन्फ्लुएंसर्स और आम लोगों से जुड़ी कुछ बड़ी “डिजिटल अरेस्ट” या ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आए हैं।
अभिनेता मनीष गोयल के नाम से ठगी (2024, मुंबई)- एक टीवी अभिनेता के नाम पर नकली प्रोफ़ाइल बनाकर ठगों ने कई लोगों से पैसे वसूले। फर्जी अकाउंट से कहा गया कि “वह किसी NGO के लिए चंदा इकट्ठा कर रहे हैं।” पुलिस ने जांच के बाद पाया कि ठगों ने 20 से अधिक लोगों को ठगा था।
बैंक मैनेजर बन कर अभिनेत्री से 8 लाख की ठगी (2023, दिल्ली)- एक जानी-मानी टीवी अभिनेत्री को कॉल आया जिसमें व्यक्ति ने खुद को रिज़र्व बैंक अधिकारी बताया। कॉलर ने कहा कि उनके खाते से “विदेशी ट्रांज़ेक्शन” हुई है और जांच के नाम पर OTP और KYC डिटेल्स मांग लीं। कुछ ही मिनटों में अभिनेत्री के बैंक खाते से 8 लाख रुपये गायब हो गए।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर से 12 लाख की धोखाधड़ी (2024, बेंगलुरु)- ठगों ने महिला इन्फ्लुएंसर को “कस्टम डिपार्टमेंट” का अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम पर विदेश से “गिफ्ट पैकेज” आया है जिसमें सोना और डॉलर हैं। कस्टम क्लियरेंस के नाम पर उनसे 12 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए गए। बाद में जब उन्होंने एयरपोर्ट से संपर्क किया तो ठगी का पता चला।
‘डिजिटल अरेस्ट’ से मुंबई की बुजुर्ग महिला से 1.5 करोड़ की ठगी (2024)– मुंबई की 62 वर्षीय महिला को वीडियो कॉल पर दिखाया गया कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। “दिल्ली पुलिस” और “CBI” के नाम पर फर्जी अधिकारी ने उन्हें एक “सुरक्षित खाते” में पैसा भेजने को कहा। महिला ने डर में 1.5 करोड़ रुपयेठगों के खाते में भेज दिए। यह देश के अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट मामलों में से एक था।
IT अधिकारी बनकर ठगी (2022, पुणे)- एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनके पैन कार्ड का इस्तेमाल आर्थिक अपराध में हुआ है। कॉलर ने खुद को इनकम टैक्स अधिकारीबताया और पूछताछ के लिए “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी दी। 7 घंटे के अंदर इंजीनियर ने 5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
अभिनेत्री को अश्लील वीडियो में फंसाने की धमकी (2023, चेन्नई)- ठगों ने अभिनेत्री को फोन कर कहा कि उनका वीडियो मॉर्फ कर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया है। “पुलिस से बचने” के नाम पर 3 लाख रुपये मांगे गए। अभिनेत्री ने समय रहते साइबर सेल को शिकायत कर मामला दर्ज कराया।
डिजिटल अरेस्ट- साइबर अपराध का नया हथियार
बीते दो वर्षों में भारत में “डिजिटल अरेस्ट” नामक एक नई ठगी का चलन तेजी से बढ़ा है। इसमें अपराधी खुद को पुलिस अधिकारी, बैंक अधिकारी या किसी सरकारी एजेंसी का सदस्य बताकर व्यक्ति को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह किसी अपराध में फंसा है। कॉलर पीड़ित को वीडियो कॉल पर ले जाकर कहता है कि “आपको अभी हिरासत में लिया जा रहा है, आप फोन न काटें”, और फिर डर दिखाकर उससे लाखों रुपये ठग लेता है।
आंकड़े बताते हैं, बढ़ रहा है खतरा
राष्ट्रीय साइबर अपराध ब्यूरो के अनुसार, पिछले दो वर्षों में “डिजिटल अरेस्ट” जैसे मामलों में 250 प्रतिशत वृद्धि हुई है। केवल मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में ही 1,800 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। औसतन हर पीड़ित से ₹3 लाख से ₹15 लाख तक ठगे जा रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों की राय है कि, “साइबर ठग अब मनोवैज्ञानिक तरीकों से काम कर रहे हैं। वे डर, कानून और तकनीक, तीनों को एक साथ मिलाकर पीड़ित को मानसिक रूप से नियंत्रित करते हैं। डिजिटल अरेस्ट ठगी में अपराधी कैमरे पर पीड़ित को डराते हैं ताकि उसे लगे कि वह वाकई पुलिस हिरासत में है। इस मानसिक दबाव में लोग पैसा भेज देते हैं।”
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