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किसान उपज से होंगे मालामाल, आज ही करें ये काम

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किसान उपज से होंगे मालामाल, आज ही करें ये काम
 
एक बार फिर से खेत से उठकर किसान रोड पर आ गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान रोड पर उतरकर सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को देखते हुए दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों की पुलिस अलर्ट मोड़ पर है। इसके पहले भी बड़े पैमाने पर किसान आंदोलन हुए, सरकार पहले भी हरकत में आयी थी, आश्वाशन मिला था। लेकिन सरकार ने मांग नहीं पूरी की इसलिए हमारे अन्नदाता ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया Farmers protest in Delhi। सरकार लगातार किसानों की कमाई को दोगुना करने की कोशिश कर रही है। किसानों की आय बढ़ाने (How to increase Farmers Income) के लिए देश की सरकारें प्रयासरत है। लेकिन खेती करने के तरीकों को लेकर अगर हम खुद संज्ञान लें और कुछ किसानी योजनाओं का इस्तेमाल करें तो किसान स्तर पर ना सिर्फ खेत की उपज बढ़ेगी बल्कि कमाई भी अच्छी-खासी होगी। अगर आप सोच में पड़ गए है कि ये कैसे संभव है तो रास्ता बहुत आसान है।

सॉयल हेल्थ कार्ड योजना है किसानों के लिए लाभकारी, किसान की बढ़ेगी उपज

किसान दिन-रात अपने खेत में मेहनत करता है। लेकिन फिर भी उपज नहीं होता है और अगर उपज नहीं हुआ तो आमदनी कहां से होगा। ऐसे में इस समस्या का हल सिर्फ एक है। किसानों को खेत से अच्छी पैदावार हो इसलिए उसे ये जानना बेहद जरुरी हो जाता है कि उसके खेत की मिट्टी कितनी उपजाऊ है और उस मिट्टी में कौन सी फसल का पैदावार अच्छा होगा। खेती से बढ़िया उत्पादन के लिए मिट्टी की जांच बहुत जरूरी होता है, इसका मुख्य उद्देश्य खेत की जरूरत के अनुसार उसे पोषक तत्व उपलब्ध करवाना है। जिससे कि उत्पादन तक बढ़ेगा ही साथ ही लागत में भी कमी आएगी और किसान पैसे से मालामाल भी हो सकता है। इसके लिए सरकार भी मिट्टी की जांच पर खास ध्यान दे रही है। साल 2015 मृदा वर्ष के रूप में मनाया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सॉयल हेल्थ कार्ड योजना (Soil Health Card Yojana) की शुरुआत की गई थी।

क्यों जरूरी है मिट्टी की जांच, जिससे किसान को मिलेगी ज्यादा उपज

देश की बढ़ती हुई जनसंख्या की खाद्यान उत्पादन की मांग को पूरा करना एक बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसके लिए मिट्टी का स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है। पौधे के विकास के लिए कुल 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। अधिक पैदावार व लाभ लेने के लिए उर्वरकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग आवश्यक है। उर्वरकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाना जरुरी है। मिट्टी की जांच मुख्यतः दो समस्याओं के समाधान के लिए कि जाती है एक तो फसल व फल वृक्षों के पोषक तत्वों की सिफारिशों के लिए और दूसरा अम्लीय व क्षारीय मिट्टी के सुधार के लिए मिट्टी की जांच से पता चलता है कि भूमि में कौन सा पोषक तत्व उचित, अधिक या कम मात्रा में है। यदि आप बिना मिट्टी जांच कराए पोषक तत्व डालते हैं तो संम्भव है कि खेत में जरूरत से अधिक या कम खाद डाल दी जाए। आवश्यकता से कम खाद डालने पर कम उपज मिलेगी और अधिक खाद डालने पर खाद का गलत उपयोग होगा और पैसा भी बेकार जायेगा साथ ही भूमि भी ख़राब होने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे में किसान भाई अपने मिट्टी की जांच करवाकर आप भी ये तय कर सकते है कि आपके लिए सही फसल और ज्यादा उपज का तरिका क्या है।

What is Soil Health Card and How Farmers get benefit from Soil Health Card

किसानों की अच्छी उपज के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला कर उनकी मदद करती है उनमे से एक है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना। Government Scheme for Farmers in India इस सरकारी योजना के तहत किसान अपनी मिट्टी की जांच कराते हैं और फिर रिपोर्ट के आधार पर खेती करते हैं। ऐसा करने से खेती में उनकी लागत भी कम लगती है और उपज भी पहले के मुकाबले बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आपकी मिट्टी की जांच होती है तो यह पता चल जाता है कि आखिर मिट्टी में क्या कमी है और इसे कैसे सही करना है। इसके साथ-साथ ये भी पता चल जाता है कि आखिर इस मिट्टी में कौन सी फसल बेहतर होगी।

कैसे बनता है Soil Health Card for Farmer ये कार्ड?

इस कार्ड को बनवाने के लिए आपको योजना की ऑफिशियल वेबसाइट soilhealth.dac.gov.in पर जाना होगा। इसके बाद होम पेज पर मांगी गई जानकारी भरकर Login के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। पेज खुलने पर State यानी अपना राज्य चुनें और Continue के बटन पर क्लिक करना होगा। अगर पहली बार आवेदन कर रहे हैं तो नीचे Register New User पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर दें। आपको इस रजिस्ट्रेशन फॉर्म में User Organisation Details, Language, User Details, User Login Account Details की जानकारी भरनी होगी। फिर फॉर्म में सभी जानकारी सही-सही भरकर आखिर में सबमिट के बटन पर क्लिक कर देना होगा। ऐसा करने के बाद लॉगिन करके मिट्टी की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं। आप चाहें तो Farmer Help Line Number हेल्‍पलाइन नंबर 011-24305591 और 011-24305948 पर भी कर कॉल सकते हैं या फिर आप helpdesk-soil@gov.in पर ई-मेल भी कर सकते हैं।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के क्या है लाभ?

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत कोई भी भारतीय किसान मिट्टी की जांच करवा सकता है। इस कार्ड की मदद से किसान पता लगा सकते हैं कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है, पानी कितना इस्तेमाल करना है और किस फसल की खेती करने से उन्हें लाभ मिलेगा। कार्ड बनने के बाद किसानों को मिट्टी की सेहत, उत्पादक क्षमता, मिट्टी में नमी का स्तर, क्वालिटी और मिट्टी की कमजोरियों को सुधारने के तरीकों के बारे में बताया जाता है। मिट्टी की जांच के लिए देशभर में मृदा जांच केंद्र बनाये गए है। किसानों के खेत की मिट्टी जांच के लिए हर जगह प्रयोगशालाएं लगवाई गई हैं। इन मिट्टी की लैब में वैज्ञानिकों द्वारा जांच के बाद मिट्टी के गुण-दोष की लिस्ट तैयार की जाती है। इसके साथ ही इस सूची में मिट्टी से जुड़ी जानकारी और सही सलाह मौजूद होती है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार खेती करने से फसल की उत्पादन क्षमता और किसानों की आय में बढ़ोतरी तो होती ही है, इसके साथ साथ खाद के उपयोग और मिट्टी का संतुलन बनाने में भी मदद मिलती है।