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August 16, 2025

1.7 करोड़ कैश, 6.8 किलो सोना, कर्नाटक कांग्रेस विधायक के ठिकानों से मिली बेहिसाब चल संपत्ति 

The CSR Journal Magazine
 जांच एजेंसी ED ने कर्नाटक के कांग्रेस विधायक सतीश कृष्ण सैल के दफ्तर और घर पर छापा मारकर करोड़ों के ज़ेवर और नकदी जब्त करने के साथ बैंक खातों में पड़ी 14 करोड़ से ज्यादा की धनराशि को भी फ्रीज कर दिया।

कांग्रेस विधायक के घर-दफ्तर पर ED ने की छापेमारी 

कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक सतीश कृष्ण सैल के घर और ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में बेहिसाब संपत्ति मिली है। ED ने 1.7 करोड़ रुपये और 6.8 किलोग्राम सोना जब्त किया है। इसकी कीमत लगभग 7 करोड़ रुपये के आसपास है। कृष्ण सैल कारवार-अंकोला सीट से विधायक हैं। ED ने 13 अगस्त और 14 अगस्त को सैल के कारवार, गोवा, मुंबई और नई दिल्ली के घर और कई ठिकानों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने विधायक के बैंक खातों में पड़ी 14 करोड़ से ज्यादा की धनराशि को भी फ्रीज कर दिया।

ED ने फ्रीज़ किए लॉकर्स, ज़ब्त किए दस्तावेज़

ED ने X पर पोस्ट करके जानकारी दी कि छापेमारी के दौरान कई दस्तावेज, ई-मेल और रिकॉर्ड्स मिले हैं। ED ने विधायक के घर में रखे कुछ लॉकर्स को फ्रीज कर दिया और दस्तावेजों को अपने साथ ले गई। ED ने IPC 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए विशेष न्यायालय के दोषसिद्धि आदेश के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी।

सतीश सैल पर लौह अयस्क की स्मगलिंग का आरोप

ED ने करवार (उत्तर कन्नड़), कर्नाटक कांग्रेस के विधायक सतीश कृष्ण सैल और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की है। ईडी के बंगलूरू जोनल कार्यालय ने 13 और 14 अगस्त को गोवा, मुंबई और नई दिल्ली में कई स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत यह रेड की है। सतीश कृष्ण सैल पर अवैध रूप से खनन किए गए लौह अयस्क के निर्यात का आरोप है। इस लौह अयस्क को वन विभाग ने कर्नाटक के कारवार में बेलेकेरी बंदरगाह पर जब्त किया था। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा है। यह मामला कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा 2010 में की गई जांच के बाद सामने आया था। विशेष अदालत ने बेलेकेरी बंदरगाह के माध्यम से लौह अयस्क के अवैध निर्यात से संबंधित मामलों में सैल को दोषी पाया था।

ED ने बनाया सतीश से जुड़ी अन्य कंपनियों को आरोपी

ED के मुताबिक यह छापेमारी सतीश कृष्ण सैल उर्फ सतीश सेल और अन्य व्यक्तियों या संस्थाओं यानी मेसर्स आशापुरा माइनकेम लिमिटेड, मेसर्स श्री लाल महल लिमिटेड, मेसर्स स्वास्तिक स्टील्स (होसपेट) प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आईएलसी इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मेसर्स श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर मिनरल्स लिमिटेड के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। इन्हें बैंगलोर के सांसदों और विधायकों के लिए विशेष न्यायालय द्वारा मेसर्स श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं की मिलीभगत से किए गए लौह अयस्क फाइन्स के अवैध निर्यात के लिए दोषी ठहराया गया था।

IPC 1860 और Prevention Of Corruption Act 1988 के तहत मामला दर्ज

ED ने IPC 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए विशेष न्यायालय के दोषसिद्धि आदेश के आधार पर इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच से पता चला है कि कारवार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतीश सैल ने अन्य व्यापारिक संस्थाओं और बेलेकेरी बंदरगाह के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके 19 अप्रैल 2010 से 10 जून 2010 की अवधि के दौरान लगभग 1.25 लाख मीट्रिक टन वजन के लौह अयस्क फाइन का अवैध रूप से निर्यात किया था, जो पहले से ही वन विभाग, अंकोला के जब्ती के आदेश के तहत था।

मामले की अभी और जांच में होंगे खुलासे

इस कंपनी के माध्यम से सतीश कृष्ण सैल द्वारा किए गए अवैध निर्यात का कुल मूल्य 86.78 करोड़ रुपये था। तलाशी के परिणामस्वरूप सतीश कृष्ण सेल के आवास से 1.41 करोड़ रुपये नकद और 2.5 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। मेसर्स श्री लाल महल लिमिटेड के कार्यालय परिसर से 27 लाख रुपये जब्त किए गए। इसके अलावा, सेल परिवार के बैंक लॉकर से सोने के आभूषणों या बुलियन के रूप में 6.75 किलोग्राम वजन का सोना भी जब्त किया गया। तलाशी अभियान के दौरान आरोपी व्यक्तियों या संस्थाओं, जैसे मेसर्स श्री मल्लिकार्जुन शिपिंग प्राइवेट लिमिटेड, सतीश कृष्णा सेल, मेसर्स आशापुरा माइनकेम लिमिटेड आदि के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया, जिनमें लगभग 14.13 करोड़ रुपये की राशि जमा थी। तलाशी के दौरान, दस्तावेज़ों, ईमेल, रिकॉर्ड आदि के रूप में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए। मामले में आगे की जांच जारी है।

ED का हो रहा गलत इस्तेमाल- कांग्रेस

इस मामले में कांग्रेस के नेता मंकल वैद्य ने कहा कि विधायक हर साल 150 करोड़ रुपये Income Tax देते हैं और वह इस संबंध में ED के अधिकारियों को बताएंगे कि उन्होंने इस संपत्ति को निष्पक्ष और कानूनी तरीके से कमाया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार कांग्रेस के नेताओं को परेशान करने के लिए ED का गलत इस्तेमाल कर रही है। ED ने इससे पहले कर्नाटक के बीजेपी नेता जनार्दन रेड्डी के पूर्व सहयोगियों और खनन कारोबारी स्वास्तिक नागराज और कराडापुडी महेश के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के अभियान के दौरान विधायक और उनके परिवार के लोग घर पर मौजूद नहीं थे। विधायक से जुड़े कर्मचारियों से पूछताछ की गई।
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