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फ्लाइट लेट, उठाएं इन नियमों का लाभ, होगा आपको फायदा

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फ्लाइट लेट होने उठाएं इन नियमों का लाभ, होगा आपको फायदा
 
आप एयरपोर्ट पर पहुंचे और फिर अनाउंसमेंट (Flight Announcement) हो कि आपकी फ्लाइट 10 घंटे लेट है या फिर आपकी फ्लाइट ही कैंसिल (Flight Cancel Status) हो गयी है और आपकी यात्रा भी जरुरी है ऐसे में स्वाभाविक है आपको गुस्सा आएगा। लेकिन गुस्से के आवेग में आकर अगर आपने कोई ऐसा कदम उठा दिया जो कानूनन जुर्म है तो फिर आप मुसीबत में पड़ सकते है। आप अपना धैर्य रखें और इन DGCA के नियमों को जान लें। इससे एयरलाइन्स कंपनियां ना तो आपसे मनमानी कर पाएंगी और ना ही आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। Flights Status के इन नियमों को जानने के बाद अगर फ्लाइट्स रद्द या फिर डिले होती है तो ये आपको Financial Loss नहीं देगी।

खराब मौसम और घने कोहरे के चलते हो रहे हैं फ्लाइट लेट

गौरतलब है कि देश में खराब मौसम और घने कोहरे के चलते फ्लाइट ऑपरेशन (Flight Operation) बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फ्लाइट के तीन से लेकर 10 घंटे तक लेट होने या रद्द होने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। जिसकी वजह से यात्रियों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में दिल्‍ली एयरपोर्ट पर गोवा जा रही एक फ्लाइट के 10 घंटे से ज्यादा देरी होने से गुस्साए एक यात्री ने को-पायलट के साथ बदसलूकी की। मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport Flight Status) देखा गया कि फ्लाइट के पैसेंजर (Flight Passenger) Airport Runway पर बैठकर धरना प्रदर्शन किये। इस बीच, हवाई यात्रा से जुड़े नियमों पर चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में आईये जानते हैं हवाई यात्रा से जुड़े जरूरी नियम जिससे होगा आपको फायदा। (Flight Rules in India)

उड़ान में देरी होने पर यात्रियों की सुविधा से जुड़े नियम

(Important Things Travellers Should Know and Do When there is a Flight Delay)
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA – Directorate General of Civil Aviation, Government of India) की ओर से यात्रियों की सहूलियत के लिए बनाए गए नियमों के मुताबिक,
1. फ्लाइट में देरी होने पर एयरलाइन पैसेंजर्स को खाने-पीने का सामान मुहैया करेगी, अगर…
किसी फ्लाइट का सफर ढाई घंटे का है और दो घंटे से ज्यादा डिले हो चुकी हो।
किसी फ्लाइट का सफर ढाई से पांच घंटे का हो और वो तीन घंटे से ज्यादा डिले हो।
कोई फ्लाइट चार घंटे या उससे ज्यादा डिले कर दी गई हो।
2. अगर कोई फ्लाइट छह घंटे से ज्यादा लेट होती है तो DGCA के नियमों के मुताबिक, एयरलाइन 24 घंटे पहले यात्रियों को सूचित करेगी। ऐसे में यात्री के पास रिफंड लेने या किसी अन्य फ्लाइट में बुकिंग करने का ऑप्शन रहेगा। Flight delayed compensation in India
3. अगर कोई फ्लाइट छह घंटे से ज्यादा लेट हो चुकी है और उसे रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के फ्लाई करना है तो यात्रियों के ठहरने की निशुल्क व्यवस्था एयरलाइन को करनी होगी। बशर्ते जहां आप पहुंच रहे हैं, आपका परमानेंट एड्रेस वहां का नहीं होना चाहिए।

फ्लाइट लेट/कैंसिल हो जाने पर यात्रियों को क्या मिलेगा?

(Flight cancelled or delayed? Know your rights as a passenger)
DGCA के नियमों के मुताबिक,
1. अगर कोई फ्लाइट कैंसिल होती है तो एयरलाइन को डिपार्चर से कम से कम 24 घंटे पहले यात्री को सूचना देनी होगी। इसके साथ ही यात्री से पूछा जाता है कि क्या वो किसी दूसरी फ्लाइट में सीट लेना चाहता है या अपना फुल रिफंड लेना चाहता है।
2. अगर एयरलाइंस फ्लाइट कैंसिल होने की जानकारी 24 घंटे पहले नहीं देती है तो उन्हें रिफंड के साथ ही मुआवजा भी देना होता है। मुआवजा फ्लाइट के समय के आधार पर मिलता है।
उदाहरण के लिए- अगर आपकी फ्लाइट का समय एक घंटे का है तो एयरलाइन को टिकट का पूरा रिफंड देना होगा और मुआवजे के तौर पर 5000 हजार ज्यादा देने होंगे। अगर आपकी फ्लाइट का समय 2 घंटे का है तो 7,500 रुपये का मुआवजा और दो घंटे से ज्यादा की फ्लाइट पर 10 हजार का मुआवजा देना होगा।
3. अगर फ्लाइट किसी विशेष परिस्थिति (प्राकृतिक आपदा, गृह युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता या सुरक्षा कारणों) में कैंसिल होती है, जो एयरलाइन के कंट्रोल के बाहर है तो पैसेंजर को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा।
4. अगर पैसेंजर एयरपोर्ट पहुंच जाता है और उसके बाद फ्लाइट रद्द होने की जानकारी मिलती है। यहां पर यात्री ने ऑल्टरनेट फ्लाइट का ऑप्शन चुन लिया और उसका इंतजार कर रहा है, ऐसे में एयरलाइन खाना-पीना मुहैया कराएगी।
5. अगर एक ही टिकट पर दो कनेक्टिंग फ्लाइट बुक हैं। एक उड़ान में देरी होने के कारण दूसरी भी छूट जाती है, तब भी यही नियम लागू होंगे।

फ्लाइट लेट होने या कैंसिल होने पर रिफंड कैसे मिलेगा?

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के बनाए नियमों के मुताबिक, अगर डेबिट/क्रेडिट कार्ड से टिकट बुक की है तो जैसे ही आप रिफंड के लिए अप्‍लाई करेंगे, उसके सात दिनों के भीतर एयरलाइन को पेमेंट करना होगा। अगर टिकट थर्ड पार्टी वेबसाइट या फिर ट्रैवल एजेंट के जरिये बुक कराया है तो एयरलाइन को 30 दिनों के भीतर रिफंड प्रॉसेस करना होगा।
रिफंड अमाउंट कभी भी किसी भी एयरलाइन के वॉलेट में डिफॉल्ट तौर पर नहीं भेजा जाएगा। यात्री से पूछकर ही तय किया जाएगा कि वो रिफंड कहां लेना चाहता है। पैसेंजर्स याद रखें कि इंसीडेंट से एक महीने के भीतर ही रिफंड क्लेम करना होता है।

फ्लाइट भरी होने पर पैसेंजर को बोर्डिंग से रोक देने पर क्या होगा?

एयरलाइन कई बार फ्लाइट की क्षमता से अधिक टिकट बुक कर लेती हैं ताकि अगर कोई यात्री बोर्डिंग नहीं करता है तो भी कोई सीट खाली न रह जाए। लेकिन कई बार सभी यात्री बोर्डिंग के लिए आ पहुंचते हैं। ऐसे में एयरलाइन कुछ यात्रियों को सीट न होने के कारण बोर्डिंग करने से रोक देती है। ऐसी स्थिति में डीजीसीए के मुताबिक, एयरलाइन एक घंटे के भीतर किसी दूसरी फ्लाइट में पीड़ित के जाने की व्यवस्था करे। अगर एयरलाइन ऐसा नहीं करती है तो यात्री को मुआवजा देना होगा। दूसरी फ्लाइट 24 घंटे के भीतर की बुक की है तो 10 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा। अगर 24 घंटे से बाद फ्लाइट में सीट दी है तो 20 हजार रुपये का मुआवजा देना होगा।

What is No Fly List

विमान नियमावली, 1937 के प्रावधान 22, 23 और 29 के तहत फ्लाइट में हुड़दंग करने, गाली-गलौज या बदसलूकी करने, अश्‍लील हरकत करना, शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार करना, प्लेन को नुकसान पहुंचाना, किसी को जान से मारने की धमकी देना, मारपीट करने और ज्‍यादा शराब पीने या ड्रग्‍स लेने की स्थिति में विमान से उतारा जा सकता है। जमीन पर, ट्रेन में या फिर फ्लाइट में कानून तो हर जगह लागू है। बस कार्रवाई जगह के हिसाब से होगी। अगर घटना एयरपोर्ट पर हुई है तो वहां मौजूद जिम्मेदार सुरक्षा एजेंसी या संबंधित पुलिस थाना एक्‍शन लेगा। अगर घटना किसी दूसरे देश के एयरस्पेस/एयरलाइन में हुई है तो उस देश के कानून के आधार पर कार्रवाई होगी।

फ्लाइट में बदसलूकी करने पर आपका नाम नो-फ्लाई लिस्ट में आ सकता है

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साल 2017 में नए दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिनके मुताबिक, अगर कोई यात्री बार-बार दुर्व्यवहार कर रहा है तो उसे नो-फ्लाई लिस्‍ट (No Fly List) में डाला जा सकता है। यानी कि अगर कोई पैसेंजर बार-बार फ्लाइट में बदसलूकी या हुड़दंग करता है तो उसका नाम नो-फ्लाई लिस्‍ट आ सकता है। इस लिस्ट में आने का मतलब है कि वह यात्री फिर उस एयरलाइन से यात्रा नहीं कर सकता है, जबकि तक कि एयरलाइन बैन हटा न दे। यह बैन हमेशा के लिए या कुछ साल या महीनों के लिए हो सकता है।