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July 31, 2025

25 साल के धीरज कंसल ने हीलियम गैस इनहेल कर दुनिया को कहा अलविदा

The CSR Journal Magazine
Suicide With Helium : दिल्ली के बंगाली मार्केट स्थित 25 साल के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट धीरज कंसल का शव बरामद हुआ। उसने Helium Gas इनहेल कर आत्महत्या कर ली। Suicide करने से कुछ समय पहले फेसबुक पर पोस्ट भी किया। पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद धीरज का शव उनके चाचा और चचेरे भाइयों को सौंप दिया।

25 साल के CA ने Helium गैस इन्हेल कर दे दी जान

दिल्ली के बंगाली मार्केट से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां मंगलवार 29 जुलाई को एक गेस्ट हाउस में 25 साल के चार्टर्ड अकाउंटेंट धीरज कंसल ने आत्महत्या कर ली। वह गुरुग्राम की एक कंपनी में काम करता था। उसने फेसबुक पर एक सुसाइड नोट भी लिखा। पुलिस ने बताया कि मृतक ने Helium गैस इनहेल कर जान दी। उनका शव गेस्ट हाउस के कमरे में मिला, जहां उन्होंने कुछ दिन पहले ऑनलाइन बुकिंग की थी। इस खबर ने लोगों को हैरान कर दिया है कि आखिरी इतनी सी उम्र में धीरज ने अपनी जिंदगी को क्यों खत्म कर लिया! 

फेसबुक पर लिखा सुसाइड नोट

पुलिस ने बताया कि धीरज ने आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली और एक सुसाइड नोट भी छोड़ा। नोट में उन्होंने लिखा, ‘मैं जा रहा हूं और इसके लिए किसी को जिम्मेदार न ठहराया जाए। मेरे जीवन का सबसे दुखद हिस्सा मेरा जन्म था और मृत्यु मेरे लिए सबसे सुंदर अनुभव है।’ उसने आगे लिखा, ‘अगर आप यह पढ़ रहे हैं, तो मैं अब इस दुनिया में नहीं हूं। मेरा किसी से गहरा जुड़ाव नहीं था और न ही किसी का मुझसे। न कोई कारण है, न कोई पछतावा और न ही कोई शिकायत!’

खौफनाक हालत में मिली धीरज की लाश

बाराखंभा थाना पुलिस को Air BNB गेस्ट हाउस से पीसीआर कॉल आई कि एक किराएदार का दरवाजा अंदर से बंद है और बदबू आ रही है। धीरज ने यहां पहली मंजिल पर 28 जुलाई तक 1 BHK किराए पर लिया था। गेस्ट हाउस मालिक ने बताया कि धीरज को सोमवार को कमरा छोड़ना था। पुलिस एफएसएल व दमकल की मदद से तीन प्रवेश द्वारों में से एक को तोड़कर अंदर पहुंची। बिस्तर पर पीठ के बल धीरज का शव पड़ा हुआ था। धीरज ने मास्क पहना हुआ था, जो पतले नीली पाइप से वाल्व व मीटर वाले सिलिंडर से जुड़ा था। चेहरे पर पतली पारदर्शी प्लास्टिक लिपटी हुई थी और गर्दन पर सील थी। हीलियम सिलेंडर से जुड़ा पाइप उसके मुंह में पाया गया।

हीलियम से बिना तड़पे हो जाती है मौत

सिर्फ 25 साल की उम्र में ही अकेलेपन की जिंदगी ऐसी भारी पड़ी कि उसे मौत ही खूबसूरत लगने लगी। पॉश इलाके बंगाली मार्केट के गेस्ट हाउस में ठहरे धीरज ने पाइप से शरीर में हीलियम गैस डालकर सोमवार को खुदकुशी कर ली। राष्ट्रीय राजधानी में इस तरह से खुदकुशी करने का यह पहला मामला है। पुलिस के अनुसार आत्महत्या के एक तरीके के रूप में हीलियम से सांस लेना दुर्लभ है। ये खुदकुशी करने का बहुत ही घातक तरीका है। हीलियम एक निष्क्रिय गैस है। यह फेफड़ों में ऑक्सीजन को समाप्त कर देती है, जिससे बिना किसी संघर्ष या आघात के दम घुटने लगता है।

ऑनलाइन खरीदी Helium

जांच के दौरान पता चला कि धीरज ने यह Helium सिलेंडर गाज़ियाबाद से एक ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिये मंगवाया था। यह भी पता चला कि जब वह 4 साल का था तब उसके पिता का निधन हुआ था। उनकी मां ने बाद में दोबारा शादी कर ली थी। इसके बाद धीरज को उसके नाना-नानी ने मंगलपुरी में पाला-पोसा। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद धीरज का शव उनके चाचा और चचेरे भाइयों को सौंप दिया।

सेहत के लिए कितनी खतरनाक है Helium गैस

Helium गैस रासायनिक दृष्टि से निष्क्रिय होती है और विषैली नहीं होती। लेकिन दम घुटने का प्रमुख कारण बन सकती है। क्योंकि यह फेफड़ों में ऑक्सीजन को विस्थापित कर देती है। जब शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती तो कुछ ही सांसों में चेतना खो सकती है और तेज गतिशील Helium इनहेलेशन की वजह से परमाणु क्षति, लंग टिश्यू का फटना या क्रिटिकल हो सकता है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
आम तौर पर गुब्बारे से हल्की मात्रा में हीलियम लेने से सिर चकराना, ध्यान से हट जाना या अधिक गंभीर मामलों में बेहोशी हो सकती है, पर बड़ा खतरा तब तक नहीं होता, जब तक तुरंत ऑक्सीजन न लिया जाए।

अकेलापन ले रहा युवाओं की जान

इस दुखद घटना ने एक बार फिर युवाओं में बढ़ते अकेलेपन और सुसाइडल विचारों की गंभीर समस्या को उजागर किया है। खासकर इकलौते बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है, जो अक्सर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ रहते हैं। आज के दौर में, जहां माता-पिता अपनी व्यस्त दिनचर्या में डूबे रहते हैं, बच्चे अक्सर अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं। खासकर इकलौते बच्चे, जिनके पास ना तो भाई-बहन होते हैं और न ही ऐसा कोई साथी, जिसके साथ वे अपने मन की बात साझा कर सकें।

अकेलेपन से बढ़ता डिप्रेशन Mental Health Awareness की कर रहा मांग

WHO के मुताबिक, भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग Depression (अवसाद) सहित अन्य मानसिक बीमारियों के शिकार हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में काम करने वाले लगभग 42 प्रतिशत कर्मचारी Depression और Anxiety (व्यग्रता) से पीड़ित हैं। डिप्रेशन और अकेलापन भारत सहित पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है और इसे केवल समाज की जिम्मेदारी मानकर नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। अकेलेपन में घिरा हुआ व्यक्ति स्वयं अपने विनाश का कारण बन जाता है, वह जीवन के बारे में न सोच कर, मृत्यु के बारे में सोचने लगता है। अकेलेपन का शिकार व्यक्ति जीवन भर परेशान रहता है और उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया भर के युवाओं की मौत की तीसरी सबसे बड़ी वजह आत्महत्या है और इसका सबसे बड़ा कारण अकेलापन ही है। यूं तो अकेलापन कहने को केवल एक शब्द है, लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते, किंतु हाल की स्थितियों को देखते हुए दुनिया भर के देशों ने अब इसे गंभीरता पूर्वक लेना शुरू कर दिया है।
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