उत्तर प्रदेश के आगरा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जिसने इंसानियत को तार-तार कर रख दिया। ताजमहल की पश्चिमी गेट पार्किंग में एक बुजुर्ग व्यक्ति को बेसुध और बंधी हुई हालत में कार के अंदर बंद पाया गया। गर्मी का चलते बुजुर्ग की हालत हुई गंभीर!
बुजुर्ग को गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया
उत्तर प्रदेश के आगरा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। ताजमहल की पश्चिमी गेट पार्किंग में एक बुजुर्ग व्यक्ति को बेसुध और बंधी हुई हालत में कार के अंदर बंद पाया गया। कार लॉक्ड होने के कारण कार का शीशा तोड़कर जब उन्हें निकाला गया, तब तक उनकी हालत गंभीर हो चुकी थी। घटना ताजमहल के पश्चिमी गेट पार्किंग की है जहां ड्यूटी पर मौजूद पार्किंग गार्ड को एक कार संदिग्ध अवस्था में खड़ी मिली। जब गार्ड ने भीतर देखा तो उसके होश उड़ गए। कार के भीतर एक बुजुर्ग व्यक्ति बेसुध पड़े अवस्था में थे और उनके हाथ-पैर कपड़े से बंधे हुए थे। तेज धूप और उमस के कारण कार के अंदर का तापमान अत्यधिक हो गया था जिससे बुजुर्ग की हालत और बिगड़ गई। गार्ड ने तुरंत अन्य कर्मचारियों को बुलाया और शीशा तोड़कर दरवाजा खोला और वृद्ध को पानी पिलाया। उनकी हालत में सुधार हो गया।
बीमार होने के चलते परिजनों ने कार में छोड़ा
यह शर्मसार करने वाली घटना आगरा की है जिसमें एक टूरिस्ट परिवार अपने एक बुजुर्ग हो गाड़ी में ही बांधकर घूमने चले जाते हैं लोगों ने देखा शीशा तोड़कर उनको बाहर निकाला बुजुर्ग की हालत गंभीर बताई जा रही है।pic.twitter.com/jaa7z11a0I
— Vandana Sonkar (@Vndnason) July 17, 2025
आगे की सीट से दरवाजा खोलने के बाद बाहर निकालकर एंबुलेंस से वृद्ध को अस्पताल ले जाने तक वृद्ध के परिजन भी आ गए। परिवार के एक व्यक्ति ने कहा कि पिता लकवाग्रस्त और मंदबुद्धि हैं। वह चल नहीं पाते हैं। इस वजह से वह ताजमहल जाने से पहले देखभाल के लिए चालक को छोड़कर गए थे मगर वह काम से चला गया था। पिता सीट से गिर न जाएं, इसलिए बांधकर गए थे।
गर्मी की वजह से बिगड़ी हालत
पर्यटन थाना पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र का परिवार सुबह 9 बजे ताजमहल का दीदार करने पहुंचा था। उनके साथ एक बीमार बुजुर्ग भी थे, जिन्हें पैरालिसिस था और वह मंदबुद्धि थे। वह चल-फिर नहीं सकते थे। ऐसे में उनके एक बेटे ने पिता को कार में ही बंद कर दिया। उनके हाथ-पांव और कमर सीट से बांध दिए गए थे ताकि वह बाहर न निकल सकें। बीमार और ज़्यादा चलने फिरने में असमर्थ वृद्ध को कार में ही पीछे की सीट पर बैठाकर सभी लोग चले गए। उनके साथ गाड़ी का चालक भी था लेकिन दो घंटे बाद चालक भी कार की पिछली सीट के दोनों तरफ के शीशे 4 से 5 इंच तक खोलकर वहां से चला गया। काफी देर तक चालक के न आने के कारण सीट से बंधे हुए वृद्ध की गर्मी की वजह से हालत बिगड़ने लगी।
महाराष्ट्र शासन की थी कार
बुजुर्ग को बाहर निकाल कर पानी पिलाया गया, लेकिन वे कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। उन्हें तात्कालिक रूप से एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया। प्रत्यक्षदर्शी और स्थानीय टूरिस्ट गाइड मोहम्मद असलम ने बताया कि “हमने देखा कि कार में एक बुजुर्ग बंद हैं। वह कुछ बोल नहीं पा रहे थे। हाथ-पैर भी कपड़े से बंधे थे। कार पर महाराष्ट्र की नंबर प्लेट लगा था और उसपर ‘महाराष्ट्र शासन’ का स्टिकर भी लगा हुआ था। कार की छत पर यात्रा से संबंधित सामान भी बंधा हुआ था।”
पुलिस ने पूछताछ के बाद परिवार को छुट्टी दे दी
निरीक्षक पर्यटन कुंवर सिंह ने बताया कि ‘कार पर महाराष्ट्र की नंबर प्लेट लगी हुई थी और उस पर ‘महाराष्ट्र शासन’ का स्टिकर भी चिपका हुआ था। कार की छत पर यात्रियों का सामान भी बंधा हुआ था। परिवार महाराष्ट्र से आगरा घूमने आया था और किसी कारण से इस बुजुर्ग सदस्य को कार में ऐसी अमानवीय स्थिति में बंद करके छोड़ गया। परिवार से पूछताछ के बाद मामले की पूरी जानकारी लेकर परिवार को बुजुर्ग समेत जाने की अनुमति दे दी गई।’
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