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September 29, 2025

लखनऊ के SRMU में ABVP छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की घटना ने बढ़ाई सियासी हलचल 

The CSR Journal Magazine
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस वक्त छात्रों की पिटाई को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। ये छात्र कोई आम छात्र नहीं थे, बल्कि ये छात्र थे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के! यूपी में ABVP के छात्रों का पुलिस द्वारा पीटा जाना बड़ी घटना हो गई है। उससे बड़ी बात यह हो गई है कि यूपी सरकार में मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इन छात्रों को गुंडा कह दिया, जिसको लेकर ABVP के छात्रों ने पूरे प्रदेश भर में ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीते गुरुवार को जगह-जगह ABVP के छात्रों ने ओम प्रकाश राजभर का पुतला फूंका। साथ ही माफी मांगने को लेकर अल्टीमेटम भी दे दिया है।

छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के मामले ने पकड़ा तूल

बाराबंकी के रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में विद्यार्थी परिषद से जुड़े कार्यकर्ताओं पर हुआ लाठीचार्ज का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार की ओर से दोषी पुलिसकर्मियों पर हो रहे एक्शन और सियासी बयानबाजी के बीच लखनऊ की सड़कों पर शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का गुस्सा मशालों की लपटों के बीच दिखाई दिया। लखनऊ विश्वविद्यालय से शुरू होकर परिवर्तन चौक तक पहुंचे मशाल जुलूस में कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ABVP ने सवाल उठाया कि जब माफिया पर सरकार बुलडोजर चला रही है तो शिक्षा माफिया और लाठीचार्ज कराने वाले अफसर पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस प्रदर्शन ने राजधानी में माहौल को और गरमा दिया है।

यूनिवर्सिटी के खिलाफ प्रदर्शन से शुरू हुआ मामला

दरअसल, पूरा मामला शुरू हुआ राजधानी लखनऊ के बगल वाले जिले बाराबंकी में स्थित श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी के गेट के सामने प्रदर्शन को लेकर। यूनिवर्सिटी पर ABVP के छात्रों का कहना था कि यहां लॉ की मान्यता नहीं है, लेकिन फिर भी छात्र-छात्राओं को लॉ पढ़ाया जा रहा है। ABVP के छात्रों को लगा कि सरकार अपनी है, फिर ज्यादा परेशानी नहीं होगी। लेकिन यूनिवर्सिटी के गेट के सामने इस कदर उनकी पिटाई हुई की जैसे पुलिस की लाठी इनका वर्षों से इंतजार कर रही थी, जिसने कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए।

विपक्षी पार्टियों के छात्र विंग के नेताओं ने की मुलाकात

ABVP के छात्रों की पिटाई की खबर आते ही तहलका मच गया। अगले दिन योगी आदित्यनाथ ने SRMU के सीओ को हटाने का निर्देश दे दिया। साथ ही उन सभी पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी, जो वीडियो में छात्रों की पिटाई करते हुए नजर आ रहे थे। ABVP के छात्रों की पिटाई की खबर सुनने के बाद विपक्षी पार्टियों के भी छात्र विंग के नेता अस्पताल पहुंचकर हाल-चाल जानना शुरू कर दिए, जिसमें सपा के छात्र विंग के साथ-साथ कांग्रेस की छात्र विंग NSUI के भी छात्र नेता अस्पताल पहुंचे। पुलिस की इस लाठी की आवाज दिल्ली तक सुनाई दी है, क्योंकि संगठन के नेताओं की दखलंदाजी शुरू हो गई है।

ABVP छात्रों ने मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन

बाराबंकी रामस्वरूप विश्वविद्यालय में विधि विद्यार्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक पत्र मजिस्ट्रेट को सौंपा। ABVP ने लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों और बाहरी गुंडों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। संगठन ने लाठीचार्ज के आदेश की जानकारी सार्वजनिक करने की भी मांग की है। विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इनमें बिना नवीनीकरण और अनुमति के विधि पाठ्यक्रम का संचालन, विलंब शुल्क के नाम पर अतिरिक्त धनराशि की वसूली और दो छात्रों का अवैध निष्कासन शामिल है।

SRMU पर ज़मीन के अवैध कब्ज़े का आरोप

पत्र में कहा गया कि राजस्व विभाग की जांच में पाया गया कि विश्वविद्यालय ने लगभग 6 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। अवैध वसूली और छात्रों की मांगों को दबाने जैसे मामले भी सामने आए हैं जिनकी गंभीरता से जांच की मांग की गई। प्रवेश के समय अवैध वसूली और छात्रों की न्यायोचित मांगों को दबाने के लिए बाहरी तत्वों को सहयोग देने जैसी घटनाएं अत्यंत गंभीर हैं। तहसीलदार कोर्ट ने 25 अगस्त को विश्वविद्यालय प्रबंधन पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने 15 दिन में जुर्माना अदा कर अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया है। ABVP ने इन सभी मुद्दों पर 48 घंटे के भीतर कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि कार्रवाई न होने पर प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

जांच अधिकारियों से मिले ABVP छात्र

(SRMU) श्रीरामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय बाराबंकी में जांचाधिकारी मंडलायुक्त अयोध्या राजेश कुमार और आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के प्रतिनिधिमंडल से घटना को लेकर मुलाकात की। जिसमें राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल, काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय, कानपुर प्रांत मंत्री शिवा राजे बुंदेला, अवध प्रांत संगठन मंत्री अंशुल विद्यार्थी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य सृष्टि सिंह तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य ऋषभ सिंह बिसेन सहित प्रतिनिधिमंडल ने जांचअधिकारी को घटना की पूरी जानकारी दी।

सपा के निशाने पर बीजेपी

छात्रों पर पुलिस बर्बरता पर सपा और कांग्रेस छात्र संगठनों के साथ भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने घटना की निंदा की। संगठनों ने डीएम कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा, संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग की। समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल साइट X पर सरकार पर तंज कसते हुए लिखा कि “जिनके ऊपर उनके अपने दल के लोग अंदरुनी साजिशों का आरोप लगाते रहे हैं, उनके बिगड़े बोल पर लगाम दिल्ली वाले लगाएंगे या लखनऊ वाले। दूसरों पर उंगली उठाने वाले पहले अपना दल-घर सुधारें”।

संलग्न पुलिसकर्मी हुए निलंबित

बाराबंकी स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध में प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के मामले में वाले चार पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। निलंबित होने वालों में चौकी इंचार्ज, दो मुख्य आरक्षी और एक सिपाही शामिल है। इस प्रदर्शन ने राजधानी में माहौल को और गरमा दिया है। लखनऊ विश्वविद्यालय से परिवर्तन चौक तक निकला मशाल जुलूस इस बात का संकेत है कि छात्र संगठन अब पीछे हटने वाले नहीं हैं। सैंकड़ों छात्रों की मौजूदगी में हुई नारेबाजी से माहौल तनावपूर्ण रहा और एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
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