Urban Gardner, Sumesh और Meetu Nayak ने Bengaluru स्थित अपने 1500 Square Feet के घर में करीब 1400 पेड़-पौधे लगा रखे हैं। Sumesh और Meetu पिछले 8 सालों से गार्ड्निंग कर रहे हैं। अपने घर और आसपास मोहल्ले में भी उन्होंने लोगों में हरियाली के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया है।
Kerala के Sumesh और Meetu को बेंगलुरू में हरियाली की कमी खली
साल 2007 में Sumesh जब Kerala से बेंगलुरू आए, तब उन्हे यहां के कान्क्रीट जंगल में हरियाली की कमी बहुत खली। Kerala में जहां हर जगह पेड़,पौधे, लताएं आँखों को सुकून पहुंचाती हैं, वहीं बेंगलुरू में Sumesh एक अपार्टमेंट में रहने को मजबूर थे, जहां गमलों में पौधे लगाने के लिए भी सीमित जगह ही थी। केरल में रहते हुए सुमेश को पेड़-पौधों से इतना लगाव नहीं था। लेकिन बेंगलुरू में हर जगह बस इमारतें ही इमारतें थीं। साल 2013 में जब सुमेश और मीतू ने अपना घर खरीदा, तो सबसे पहले उन्होंने इसमें पेड़-पौधे लगाना शुरू किया।
घर में अलग अलग प्रजाति के 1400 पेड़-पौधे
1500 स्क्वेर फीट के घर में Sumesh और Meetu ने सभी तरह के फ़ल और फूलों के पेड़ लगाए हैं। अपने घर की छत और बालकनी में भी पौधे लगाए हुए हैं। दूर से देखने पर आपको किसी छोटे जंगल का एहसास होगा। टमाटर,मिर्च,बैंगन,भिंडी जैसी सब्जियां भी वे छत पर उगाते हैं। इनके पास 2 Avocado के पेड़ भी हैं, जिनसे इन्हे 100 Avocado के फ़ल मिले। इनके बगीचे में चिड़िया, तितली और गिलहरी जैसे जीव भी आते हैं। आसपास पेड़-पौधे होने से घर के तापमान में भी फ़र्क पड़ता है। गर्मियों की दोपहर में भी Sumesh और Meetu अपनी बालकनी में आराम से बैठ पाते हैं। इनकी 8 साल की बेटी भी गार्ड्निंग में इनका हाथ बंटाती है। ये दोनों रसोई और बगीचे के जैविक कचरे से Home Composting भी करते हैं।
सोसाइटी को भी बनाया प्लांट लवर
Sumesh-Meetu ने मिलकर 2014 में अपनी सोसाइटी में वृक्षारोपण अभियान चलाया। सभी ने मिलकर फंड इकट्ठा किया और सोसाइटी की खाली जगह में, सड़क किनारे, घरों के आसपास 150 पौधे लगाए। आज ये सभी छांवदार पेड़ बन गए हैं। सोसाइटी में हरियाली फैल गई है। Sustainability और Environment फ़्रेंडली लाइफस्टाइल का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है Sumesh और Meetu ने!