मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए Adani Foundation आगे आयी है। अडानी फाउंडेशन अपने सीएसआर से कपडा बनाने और प्रशिक्षण केंद्र बनाने जा रही है। अडानी के इस सीएसआर पहल से गारमेंट फैक्टरी और ट्रेनिंग सेंटर बनाया जायेगा। जिसकी वजह से 1500 से अधिक महिलाओं को रोज़गार मिलेगा। मध्य प्रदेश के शिवपुरी में अडानी फाउंडेशन के सहयोग से बन रहे “परिधान निर्माण एवं प्रशिक्षण केंद्र” का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। इस ख़ास मौके पर केंद्रीय मंत्री संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साथ प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री मध्यप्रदेश शासन एवं प्रभारी मंत्री शिवपुरी भी मौजूद थे।
अडानी फाउंडेशन की मदद से महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर, मिलेगा रोजगार
इस परिधान निर्माण एवं प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से बदरवास के आस पास के 40 ग्रामों के सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 3000 से अधिक महिलाओं को सिलाई सीखने का अवसर मिलेगा और 1500 महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार कमाने का अवसर मिलेगा। महिलाएं अपनी कार्यकुशलता और मेहनत से 12000-15000 रुपये तक कमा सकेंगी । कोलारस बदरवास क्षेत्र के गांवों में रहने वाली ये महिलाएं 10 साल पूर्व आजीविका मिशन के Self Help Group से जुड़ीं तो अपनी छोटी सी बचत और मिशन से मिली सहायता के भरोसे अपने दिन बदलने का सपना देखने लगीं। आजीविका मिशन द्वारा इन्हें सिलाई का प्रशिक्षण दिलाया गया और इस जैकेट क्लस्टर में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल अंतर्गत महिलाओं की एक जैकेट कंपनी बनाई गई ।बदरवास में प्रचलित जैकेट बनाने के काम से जुड़कर महिलाओं ने घर घर सिलाई की। Adani Foundation
अडानी फाउंडेशन की मदद से महिलाएं अब बड़े स्तर पर काम करेंगी
महिलाओं के मजदूर से मालिक बनने के इस संकल्प का मार्ग ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय मंत्री बनने के साथ ही अदाणी फाउंडेशन (Adani Foundation) को गारमेंट बनाने की इकाई स्थापित करने के लिए आमंत्रित करके प्रशस्त किया। अब तक घरों में मात्र जैकेट सिलाई तक सीमित रही महिलाओं को बड़ी औद्योगिक सिलाई मशीनों पर काम करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, फैशन और बड़े ब्रांड्स के अनुरूप जैकेट ही नहीं अन्य परिधान भी सिलने का मौका मिलेगा साथ साथ उनका कौशल उन्नयन भी होगा। इस औद्योगिक इकाई की स्थापना 2 हेक्टेयर क्षेत्र में की जा रही है। इस इकाई में महिलाओं को कैंटीन, रेस्ट रूम, आदि सभी सुविधाएं नियमानुसार मिलेंगी। इस पहल से जहां क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार मिलेगा वहीं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी हासिल होगा।