आज झारखंड का स्थापना दिवस है। झारखंड (Jharkhand Foundation Day) का स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन राज्य के गठन की एनिवर्सरी के रूप में मनाया जाता है। झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में किया गया। यह दिन महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के साथ भी जुड़ा हुआ है। बिरसा मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था। झारखंड स्थापना दिवस राज्य की सांस्कृतिक विरासत, आदिवासी परंपराओं, और प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को दर्शाने वाला दिन है। ऐसे में आज के इस विशेष मौके पर आइये जानते है कि झारखंड के विकास में सीएसआर का रोल कितना महत्वपूर्ण है। (How CSR play a vital role in Jharkhand Development)
झारखंड के विकास में सीएसआर की भूमिका अहम
झारखंड अपने खनिज संपदाओं के लिए जाना जाता है। अपने प्राकृतिक संसाधनों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक है। राज्य सरकार की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) नीति का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और संसाधनों के समुचित उपयोग से समुदायों और पर्यावरण पर सकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव डालना है। इसका उद्देश्य केंद्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं के दोहराव से बचना और विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े इलाकों में स्थायी विकास करना है। (Read this report in English here)
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में झारखंड में सीएसआर खर्च का ये है ब्यौरा
नेशनल सीएसआर पोर्टल के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में झारखंड में सीएसआर के तहत कुल 388.35 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसमें से सबसे अधिक राशि तीन जिलों में खर्च हुई, पूर्वी सिंहभूम (99.43 करोड़ रुपये), रांची (67.25 करोड़ रुपये), और गोड्डा (18.89 करोड़ रुपये)। इन जिलों में एजुकेशन, हेल्थ, और एनवायरनमेंट पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है। एचडीएफसी बैंक (86.41 करोड़ रुपये), टाटा स्टील (67.66 करोड़ रुपये), और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (34.72 करोड़ रुपये) ने झारखंड में सबसे अधिक सीएसआर फंडिंग की।
झारखंड का पूर्वी सिंहभूम जिला शीर्ष सीएसआर फंड हासिल करने वाला जिला है
पूर्वी सिंहभूम, जिसे जमशेदपुर जिले के रूप में भी जाना जाता है। झारखंड के सबसे विकसित जिलों में से एक है और यहां कई इंडस्ट्रीज हैं। जिले में खनिजों की भरमार है, जिनमें लोहे, तांबे, सोने और क्यानाइट का खजाना शामिल है। यहां की सीएसआर परियोजनाओं में ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पोषण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े समुदायों के लिए बैंक पीओ परीक्षा की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग जैसी पहलें भी शामिल हैं।
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की पहल: खेल और पशु स्वास्थ्य सेवाएं
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड ने झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन समिति की स्थापना की है, जो ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मुफ्त खेल प्रशिक्षण, आवास और स्कॉलरशिप प्रदान करती है। इस संस्था में ज्यादातर आदिवासी (Tribal Community in Jharkhand) और अन्य पिछड़ा वर्ग के बच्चे शामिल हैं, जो दूरदराज के इलाकों से आते हैं। इसके अलावा, मई 2023 में सीसीएल ने “हॉस्पिटल ऑन व्हील्स” नामक एक अनोखी पहल शुरू की, जो आवारा जानवरों के लिए एक मोबाइल पशु चिकित्सा सुविधा है। यह वाहन अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित है और इसमें पशु चिकित्सकों की एक समर्पित टीम है। यह पहल रांची और अन्य जिलों में जानवरों की देखभाल और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाई गई है।
झारखंड में है एचडीएफसी बैंक का सीएसआर
एचडीएफसी बैंक ने झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में “होलिस्टिक रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम” (एचआरडीपी) के तहत कृषि, जल संरक्षण, रोजगार संवर्धन और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में पहल की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि वे गांवों में ही रोजगार मिल सके और पलायन को रोका जा सके। बैंक ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों को भी मदद दी और उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने का भी प्रयास किया।
ईएसएल स्टील लिमिटेड की सीएसआर परियोजनाएं
ईएसएल स्टील लिमिटेड, जो वेदांता समूह (Vedanta Group) की कंपनी है, अपने सीएसआर कार्यक्रमों के तहत स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, कौशल विकास और महिला सशक्तिकरण पर कार्य कर रही है। “प्रोजेक्ट आरोग्य” के तहत कंपनी ने स्वास्थ्य सेवाएं, ब्लड डोनेशन कैंप, नेत्र परीक्षण और मुफ्त दवाईयां प्रदान की हैं। इसके साथ ही “स्वजल” परियोजना के तहत स्वच्छ पेयजल की सुविधा प्रदान की गई है। कंपनी “वेदांता ईएसएल आर्चरी अकादमी” के माध्यम से राज्य के युवा तीरंदाजों को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रही है और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
टाटा स्टील का “ग्रीन स्कूल” प्रोजेक्ट: पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता
टाटा स्टील फाउंडेशन और ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (टेरी) के सहयोग से “ग्रीन स्कूल” प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्कूली छात्रों को जल, ऊर्जा, जैव विविधता और अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूक बनाना है। यह परियोजना 2017 में शुरू की गई थी और वर्तमान में झारखंड और ओडिशा के कई स्कूलों में इसे लागू किया गया है।
एनटीपीसी ने कोयला खनन क्षेत्रों में युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाया है, जिसमें 6 महीने के इंजेक्शन मोल्डिंग और प्लास्टिक प्रोसेसिंग पाठ्यक्रम शामिल हैं। डेल टेक्नोलॉजीज ने “मोबाइल सोलर कम्युनिटी हब” नामक परियोजना के तहत डिजिटल साक्षरता, वित्तीय प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा के लिए पहल की है, जिसका उद्देश्य डिजिटल असमानता को कम करना है। इन सभी सीएसआर पहलों (CSR Activities inJharkhand) ने झारखंड में सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और राज्य के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो रही हैं।