हर एक पेरेंट्स का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी करें, सरकारी नौकरी करें, अधिकारी बनें। इसी लिए अभिभावक बच्चों को अच्छी परवरिश देतें है। अच्छे से उन्हें पढ़ाते है। लेकिन उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आलू प्याज कैसे बेचना चाहिए ये सिखाया जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के ‘शिक्षा सप्ताह’ के तहत बच्चों को कौशल विकास यानी स्किल डेवलपमेंट (Skill Development in Uttar Pradesh) से संबंधित जानकारियां दी गई और उन्हें इसके लाभ बताए गए। लेकिन जो तस्वीरें इन स्कूलों से आयी उसे देख अब अभिभावक गुस्से में है। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के बच्चे आलू प्याज बेचते नज़र आ रहे है।
यूपी के सरकारी स्कूलों में सिखाया जा रहा है, आलू प्याज कैसे बेचें
वहीं दूसरी तस्वीर में सरकारी परिषदीय स्कूल (Government School in Uttar Pradesh) के बच्चे गौशाला में गए है जहां ये बच्चे बछड़े के साथ तस्वीर खिंचवाते नज़र आ रहे है। इन तस्वीरों पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कहती है कि कौशल विकास के लिए बच्चों को ये सब ट्रेनिंग दी जा रही है। सरकार का कहना है कि बचपन से ही छात्रों को कौशल विकास से जोड़कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रही है। लेकिन कौन अभिभावक ऐसे है जो चाहेंगे कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर आलू प्याज बेचें और ग्वाला बनें। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षा सप्ताह के पांचवें दिन कौशल एवं डिजिटल इनिशिएटिव दिवस मनाया गया लेकिन आलू प्याज बेचकर डिजिटल इनिशिएटिव दिवस कैसे मनाया जा सकता है ये सवाल अब The CSR Journal समेत अभिभावक कर रहे है।
पीएम नरेंद्र मोदी भी दे चुके है युवाओं को पकौड़ा तलने की सलाह
शिक्षा सप्ताह (Education Week) मनाने और कौशल विकास के नाम पर सरकारी स्कूलों में बच्चों को घरेलू कार्यों की जानकारियों में खाना पकाने, सफाई और बागवानी करने जैसी गतिविधियों से भी परिचित कराया गया। ये कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी के सरकार वाले जनप्रतिनिधि इस तरह करते है। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में देश के युवाओं द्वारा पकौड़ा तलने का उदहारण दिया था। पीएम नरेंद्र मोदी से एक इंटरव्यू में पूछा गया कि सड़क पर ठेला लगाकर पकौड़ा बेचने वाले को आप इंप्लायड मानेंगे। इस पर पीएम ने कहा था, पकौड़े बेचने वाले को बेरोजगार नहीं कहा जा सकता। मोदी के इस बयान को लेकर विपक्ष और कई जगह युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। बहरहाल उत्तर प्रदेश की सरकारी स्कूलों में Skill Development के नाम पर कराये जा रहे इस प्रशिक्षण से अभिभावक नाराज नज़र आ रहे है।