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यूपी में छुट्टा जानवरों से मिलेगी राहत, Animal Welfare पर योगी सरकार करेगी 4 हज़ार करोड़ खर्च

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Animal Welfare India
 
उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसानों के लिए सर दर्द बन गए हैं। ये आवारा पशु झुंड बनाकर खेतों में घुस जाते हैं और फसलों को कुछ ही घंटों में चट कर जाते हैं। इससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। वहीं, कई बार तो ये पशु लोगों के ऊपर हमले भी कर देते हैं। उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं के हमले में कई लोगों की मौत भी हो गई है। इन सब को देखते हुए योगी सरकार उत्तर प्रदेश में गौवंश समेत पशुओं के संरक्षण, एनिमल हेल्थ और उनकी सेवाओं पर करीब 4 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।

140 करोड़ से गौ संरक्षण केंद्रों की होगी स्थापना

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग द्वारा इसको लेकर पूरा एनुअल प्लान बनाया गया है। इसमें गौ वंश संरक्षण, Animal Medical Education के साथ ही Veterinary Hospital, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्र समेत अन्य क्षेत्रों में किए जाने वाले खर्च का पूरा ब्यौरा दिया गया है। एनुअल प्लान में इसके लिए 3907.1 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है। एनुअल प्लान के अनुसार, गौवंश संरक्षण पर कुल 1,140 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत 140 करोड़ रुपए से गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जबकि बाकी एक हजार करोड़ रुपए से छुट्टा गौवंश के रखरखाव के लिए अनुदान दिया जाएगा।

छुट्टा जानवरों, गौवंश समेत पशुओं के संरक्षण को लेकर योगी सरकार ने बनाया प्लान

इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सा शिक्षा पर 179.74 करोड़ खर्च किए जाने की योजना है। इसके अंतर्गत गोरखपुर एवं भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालय (Veterinary Medical College) की स्थापना पर 100 करोड़ रुपए, मथुरा में पंडित दीनदयाल पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान में वेतन सहायता एवं अनुदान के लिए 61.74 करोड़ और गैर वेतन सहायता अनुदान के रूप में 18 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे। (Animal Welfare News in Uttar Pradesh)

पशु चिकित्सालयों, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्रों पर खर्च होंगे 470 करोड़

इसके अलावा, पशु चिकित्सालय, पॉलीक्लिनिक एवं सेवा केंद्र पर 470.30 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है। इसमें पशु चिकित्सालयों की स्थापना पर 55 करोड़, पशु चिकित्सा पालीक्लिनिक की स्थापना पर 6 करोड़, पशु सेवा केंद्रों की स्थापना पर 4.5 करोड़, पशु चिकित्सालयों, सेवा केंद्रों, अनुसंधान एवं निदान सेवाएं (राजस्व मद) में 71 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यही नहीं सचल पशु चिकित्सा सेवा पर 36.52 करोड़, राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम पर 186.72 करोड़ रुपए और वैक्सीनेशन पर 22.50 करोड़ रुपए खर्च होंगे।