सीएसआर फंड कॉर्पोरेट जगत की वो जिम्मेदारी है जिसके तहत समाज का हर वर्ग, विकास और मुलभुत सुविधाओं के लिए लाभानवित होता है, कॉर्पोरेट कंपनियां सीएसआर का इस्तेमाल कर समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव ला रही है, सीएसआर से हर वर्ग का उत्थान अब संभव हो पा रहा है। पर्यटन और अध्यात्म में भी सीएसआर फंड का इस्तेमाल अब सरकार करने जा रही है। ये खबर उन लाखों करोड़ों भक्तों के चेहरे पर मुस्कान भी लाएगी जो अबतक तो जाते थे केदारनाथ लेकिन मूलभूत सुविधाओं से उन्हें वंचित रहना पड़ता था, लेकिन अब सीएसआर, बाबा केदारनाथ के भक्तों के दुःख को दूर कर देगा। अब केदारनाथ जाने वाले भक्तगण सुविधाओं से वंचित नहीं रहेंगे, सीएसआर के तहत केदारनाथ आनेवाले सभी भक्तों के सुविधाओं के लिए कई परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही है।
केदारनाथ में भक्तों की सुविधाओं के लिए सीएसआर फंड
भगवान शिव की केदारपुरी को नए सिरे से बनाने के बाद अब यहां सुविधाओं को विकसित करने की तैयारी में है उत्तराखंड सरकार। उत्तराखंड सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की माने तो अब यहां यात्री सुविधाओं को सीएसआर फंड से विकसित किया जाएगा। इसके लिए सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट के कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से तकरीबन 150 करोड़ रुपये देंगी जिससे ये विकास और भक्तों की सुविधाओं के कार्य किए जाएंगे। ओएनजीसी, इंडियन आयल कॉरपोरेशन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ये कुछ कंपनियां हैं जो अपना फंड यहाँ खर्च करने वाली है। ये कोई पहली बार नहीं है जब ब्लिक सेक्टर यूनिट इस तरह के खर्च कर रहे है, इसके पहले भी सीएसआर फंड का इस्तेमाल सरदार पटेल की प्रतिमा को बनाने में इस्तेमाल किया गया है, साथ ही उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान राम की भी भव्य मूर्ति बनायीं जाएगी, इस मूर्ति को बनाने के लिए भी सरकार सीएसआर फंड का इस्तेमाल करेगी।
केदारनाथ में सीएसआर का फंड इस्तेमाल के भक्तों को ये मिलेंगी सुविधाएं
सीएसआर के जरिये मिल रहे इस फंड से नए कार्यों के लिए पर्यटन विभाग ने एक खाका तैयार किया है जिसके तहत यात्रा के दौरान भारी भीड़ के मद्देनजर यात्रियों के लिए वेटिंग लाउंज बनाया जाएगा। इसके अलावा एक टूरिस्ट सुविधा केंद्र भी बनाया जाएगा, जहां वाई-फाई सुविधा देने के साथ ही आधुनिक शौचालय और चेजिंग रूम का निर्माण किया जाएगा। सरस्वती व मंदाकिनी के संगम स्थल पर घाटों का निर्माण किया जाएगा। यात्रियों की स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर यहां एक सुविधायुक्त नया अस्पताल भी बनाया जायेगा।
भगवान केदारनाथ में देश के पीएम की है गहरी आस्था
केदारनाथ में आयी आपदा से साल 2013 में केदारनाथ मंदिर प्रांगण और इलाका बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था, जिसके बाद मंदिर का नए सिरे से जीर्णोद्धार किया गया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भगवान केदारनाथ में गहरी आस्था रखते है, केदारनाथ चार धामों में से एक है जहाँ भोले भंडारी स्वंभू भक्तों को दर्शन देतें है। केदारपुरी अब नए रूप में तीर्थयात्रियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यानि अब भक्तगण सीएसआर के तहत सुविधाएं पाकर बम बम भोले के नारे लगाएंगे।