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पानी की शुद्धता पर केंद्र सरकार ने जारी की रैंकिंग, मुंबई टॉप, दिल्ली फ्लॉप

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पानी की एक एक बूंद की कीमत एक प्यासा ही बता सकता है, यही कारण है कि हम सब इसकी एहमियत को जानते हुए जल को जीवन मानते है और बचत करते है, जिसके लिए बाकायदा सीएसआर के तहत चाहे सरकारें हो या कॉरपोरेट बड़े पैमाने में पानी को लेकर मुहिम चला रही है, इसी बीच केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है, पानी की शुद्धता पर, केंद्र सरकार ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया है कि आप जो पानी पी रहे है वो कितना शुद्ध है और कितना पीने लायक है, आपके पानी में कितना ज़हर है।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को दिल्ली समेत देशभर में 20 राज्यों से लिए गए पीने के पानी के नमूने की बहुप्रतीक्षित जांच रिपोर्ट जारी कर दी। पीएम मोदी ने हर मंच पर कई बार ऐलान किया कि हम 2024 तक हर घर में साफ पानी पहुंचाएंगे। इसी मकसद से भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीएसआई ने देश के शहरों से पीने के पानी के सैम्पल लिए, और रिजल्ट बड़े ही चौकाने वाले निकले।
इस लिस्ट में टॉप पांच शहर के तौर पर क्रमशः मुंबई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रांची और रायपुर उभरे हैं। वहीं, बाकी शहरों में क्रमशः अमरावती, शिमला, चंडीगढ़, त्रिवेंद्रम, पटना, भोपाल, गुवाहाटी, बेंगलुरु, गांधीनगर, लखनऊ, जम्मू, जयपुर, देहरादून, चेन्नै, कोलकाता, दिल्ली का स्थान है। पानी की गुणवत्ता मामले में दिल्ली की हवा ही नहीं पानी भी बदतरीन है। केंद्र सरकार ने देशभर के 21 शहरों के पानी के नमूनों की जांच के बाद बताया कि मुंबई का पानी सर्वोत्तम है तो दिल्ली का पानी सबसे खराब।
देश के सभी राज्यों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की योजना के अंतर्गत आने वाले शहरों में पीने के पानी की शुद्धता की भी जांच की जा रही है। वही देश के बड़े जिलों में भी पानी की जांच की जा रही है। जल ही जीवन है ये बात हम सब अपने बचपन से ही सुनते आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि धरती पर पीने लायक पानी तेजी से खतम हो रहा है। पूरी दुनिया में इस वक्त जितना पानी बचा है उसमें से 97.5 % समुद्री पानी है जो की खारा है। बाकी 1.5 % बर्फ के रुप में है। सिर्फ 1% पानी ही हमारे पास बचा है जो कि पीने योग्य है। 2025 तक भारत की आधी आबादी और दुनिया की 1.8% फीसदी आबादी के पास पीने का पानी नहीं होगा। 2030 तक वैश्विक स्तर पर पानी की मांग आपूर्ति के मुकाबले 40 फीसदी ज्यादा हो जाएगी। पानी की इसी सच्चाई को जानकर हमारा गला सूख जाता है।