1 जून 1930 को शुरू हुई थी मुंबई-पुणे के बीच पहली डीलक्स ट्रेन
Deccan Queen Train: भारत की सबसे प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक ट्रेनों में से एक ‘डेक्कन क्वीन’ आज यानी 1 जून 2025 को अपनी सेवा के 96वें वर्ष में प्रवेश कर गई है। मध्य रेलवे की यह गौरवशाली ट्रेन 95 वर्षों से मुंबई और पुणे के बीच हजारों यात्रियों की पसंद बनी हुई है। 1930 में जब इसकी शुरुआत हुई थी, तब यह भारत की पहली डीलक्स ट्रेन थी जिसे ‘डेक्कन क्वीन’ यानी ‘दक्खन की रानी’ नाम दिया गया था।
Deccan Queen Train: 95 सालों की गौरवशाली यात्रा
ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (GIPR) द्वारा शुरू की गई इस ट्रेन ने समय के साथ कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। शुरुआत में इसमें 7 डिब्बे होते थे, जो खास रंगों में रंगे होते थे—सिल्वर और स्कार्लेट बॉर्डर या रॉयल ब्लू और गोल्ड लाइनिंग। इसके कोचों का ढांचा इंग्लैंड में तैयार हुआ जबकि बॉडी का निर्माण माटुंगा वर्कशॉप में किया गया। 1966 में इसे नए स्टील कोच मिले और कोचों की संख्या बढ़ाकर 12 की गई। 1995 में इसमें एयर ब्रेक रेक जोड़े गए। 2021 में इसका पहला विस्टाडोम कोच शामिल किया गया जिससे यात्री पश्चिमी घाट की वादियों का आनंद ले सकें।
आधुनिकता की ओर एक और कदम
जून 2022 में ‘प्रोजेक्ट उत्कृष्ट’ के तहत पारंपरिक कोचों की जगह अत्याधुनिक एलएचबी कोच लगाए गए। इनमें एलईडी लाइट्स, बायो टॉयलेट, ब्रेल संकेत, और बेहतर सुरक्षा सुविधाएं शामिल हैं। अब यह ट्रेन 16 कोचों के साथ चल रही है जिसमें 3 एसी चेयर कार, 9 सेकंड क्लास चेयर कार, 1 विस्टाडोम कोच, 1 डायनिंग कार, 1 सामान्य कोच, और 1 पावर कार शामिल हैं।
“डेक्कन क्वीन” की उपलब्धियां
इस ट्रेन ने भारतीय रेलवे में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। रोलर बेयरिंग कोच पहली बार इसी ट्रेन में उपयोग किए गए। एंड-ऑन जनरेशन कोचों की जगह 110 वोल्ट सेल्फ जनरेटिंग कोच पहली बार इसमें लगे।पहली बार फर्स्ट और सेकंड क्लास चेयर कार इसी ट्रेन में आई।
देश की एकमात्र ट्रेन जिसमें डायनिंग कार
डेक्कन क्वीन भारत की एकमात्र नियमित रूप से चलने वाली ट्रेन है जिसमें डायनिंग कार की सुविधा मौजूद है। इसमें यात्रियों को टेबल सर्विस दी जाती है। इसमें माइक्रोवेव ओवन, डीप फ्रीज़र, टोस्टर जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं और यह पूरी तरह से कालीन और आरामदायक कुर्सियों से सुसज्जित है। यह डायनिंग कार यात्रियों के अनुभव को खास बनाती है।
दो शहरों की एक कहानी, Deccan Queen Train
‘डेक्कन क्वीन’ केवल एक ट्रेन नहीं, बल्कि मुंबई और पुणे के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव की प्रतीक बन चुकी है। इन दोनों शहरों के नागरिक इसके समय पर आगमन और प्रस्थान के रिकॉर्ड के लिए इसे बेहद सम्मान की नजर से देखते हैं। पिछले 9 दशकों से भी अधिक समय में इस ट्रेन ने लाखों यात्रियों की यात्रा का हिस्सा बनकर उनकी यादों में अपनी जगह बनाई है। समय के साथ ट्रेन बदली है, लेकिन उसका उद्देश्य और पहचान आज भी वैसी ही है—विश्वसनीय, आरामदायक और समय की पाबंद। 96 साल पूरे कर रही डेक्कन क्वीन न केवल एक ट्रेन है, बल्कि एक चलती-फिरती विरासत है। यह भारत के रेलवे इतिहास की वह शानदार धरोहर है, जो भविष्य में भी अपनी गरिमा और सेवाओं से यात्रियों के दिलों पर राज करती रहेगी।