स्वच्छ भारत मिशन को ज़मीनी स्तर पर मजबूत आधार देने और विद्यार्थियों में अनुशासन, सहयोग व श्रम के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण के निर्देशन में प्रदेश के सभी जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और राजकीय छात्रावासों में अब हर रविवार को विद्यार्थी श्रमदान करेंगे। यह अभिनव कार्यक्रम न केवल विद्यालय परिसर की साफ-सफाई सुनिश्चित करेगा, बल्कि छात्रों को स्वावलंबी, ज़िम्मेदार और पर्यावरण-सजग नागरिक बनने की प्रेरणा भी देगा।
हर रविवार होगा श्रमदान, खुद के हाथों संवरेगा परिसर
इस अभियान के तहत प्रत्येक रविवार को विद्यार्थी अपने विद्यालय और छात्रावास परिसर की सफाई करेंगे। कार्यक्रम में फर्नीचर की मरम्मत, पानी की टंकियों और नालियों की सफाई, और कचरा निस्तारण जैसे कार्य शामिल हैं। इसके लिए झाड़ू, फावड़े, बाल्टी, तसला और कूड़ेदान जैसे उपकरणों की पूरी व्यवस्था की गई है।
बागवानी और हरियाली पर विशेष ज़ोर
विद्यालयों में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए श्रमदान का एक भाग बागवानी को समर्पित होगा। इसमें विद्यार्थी निराई-गुड़ाई, पौधारोपण, और जैविक खाद निर्माण जैसे कार्य करेंगे। इस प्रक्रिया में सूखे पत्तों व टहनियों का उपयोग करके कम्पोस्ट बनाया जाएगा। इससे बच्चों में पर्यावरण संरक्षण की चेतना और प्राकृतिक संसाधनों के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित होगी।
सदनवार ज़िम्मेदारी और प्रतिस्पर्धा का संकल्प
विद्यालयों में विद्यार्थियों को सदनों में बांटकर श्रमदान की ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। यह प्रणाली न केवल कार्य विभाजन को व्यवस्थित बनाएगी, बल्कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगी। इससे छात्र अपने परिसर को सबसे सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित होंगे।
QR कोड से डिजिटल मॉनिटरिंग, पारदर्शिता की ओर कदम
कार्यक्रम की निगरानी के लिए तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। प्रत्येक विद्यालय को एक विशेष QR कोड प्रदान किया गया है, जिसके माध्यम से श्रमदान से पहले और बाद की तस्वीरें अपलोड की जाएँगी। इससे कार्य की पारदर्शिता, नियमितता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जाएगी।
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में सार्थक पहल
इस पूरे अभियान का उद्देश्य सिर्फ परिसर की सफाई नहीं, बल्कि छात्रों को अनुशासित, सहयोगी, और कर्तव्यनिष्ठ बनाना है। यह पहल उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में ज़िम्मेदारी निभाने के लिए तैयार करेगी। साथ ही, स्वच्छता, हरियाली और सामाजिक भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण जीवनमूल्यों को व्यवहार में उतारने का व्यावहारिक अवसर भी देगी। योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ शिक्षा संस्थानों को स्वच्छ और सुंदर बनाएगी, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास की दिशा में एक प्रभावी कदम भी साबित होगी। ‘स्वच्छ विद्यालय, उज्ज्वल भविष्य’ के मंत्र के साथ यह कार्यक्रम निश्चित ही प्रदेश में एक नया सामाजिक वातावरण तैयार करेगा।