Road Safety in Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि अब सड़क सुरक्षा केवल चालान काटने तक सीमित नहीं रहेगी। 01 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक प्रदेशभर में Road Safety Month चलाया जाएगा, जिसे 4-ई मॉडल यानी Education, Enforcement, Engineering और Emergency Care के आधार पर लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए साल की शुरुआत औपचारिक आयोजनों से नहीं, बल्कि लोगों की जान बचाने के संकल्प से होनी चाहिए।
Road Accident in Uttar Pradesh: सड़क हादसों के आंकड़े बने चेतावनी
मुख्यमंत्री के सामने रखे गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक प्रदेश में 46 हजार से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 24 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। योगी आदित्यनाथ ने इन आंकड़ों को गंभीर चेतावनी बताते हुए कहा कि एक भी मौत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार की जिंदगी पर आजीवन घाव छोड़ देती है। यही वजह है कि सड़क सुरक्षा को जन आंदोलन बनाना जरूरी है।
Road Accident 4-E Model से चलेगा अभियान
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा माह को चार स्तंभों पर समान रूप से चलाया जाए। Education के तहत बच्चों, युवाओं और आम लोगों में व्यवहार परिवर्तन पर जोर होगा। Enforcement यानी प्रवर्तन में आदतन नियम तोड़ने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस जब्त होंगे और वाहन सीज किए जाएंगे। Engineering के तहत ब्लैक स्पॉट सुधार, रोड सेफ्टी ऑडिट और सड़कों की तकनीकी खामियों को दूर किया जाएगा। वहीं Emergency Care में गोल्डन ऑवर के भीतर इलाज सुनिश्चित करने के लिए 108 और ALS एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम घटाया जाएगा।
युवाओं और समाज की भागीदारी पर जोर
योगी सरकार इस अभियान को केवल सरकारी नहीं, बल्कि जनभागीदारी का रूप देना चाहती है। इसके लिए NSS, NCC, आपदा मित्र, स्काउट-गाइड और सिविल डिफेंस को जोड़ा जाएगा। तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक जागरूकता सामग्री लगेगी और वास्तविक सड़क हादसों के उदाहरणों के जरिए लोगों को सचेत किया जाएगा।
ब्लैक स्पॉट, ओवरस्पीड और स्टंटबाजी पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने ब्लैक स्पॉट सुधार, ओवर स्पीडिंग और लेन ड्राइविंग पर कड़ा नियंत्रण करने के निर्देश दिए। एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग, एम्बुलेंस और क्रेन की संख्या बढ़ाई जाएगी। स्टंटबाजी करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही स्कूल वाहनों और भारी वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य की जाएगी। योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि सड़क आवागमन के लिए है, पार्किंग के लिए नहीं। अवैध पार्किंग, डग्गामार वाहन और सड़क किनारे खड़े ट्रकों पर भी कार्रवाई होगी। कुल मिलाकर, यूपी में Road Safety को लेकर सरकार अब जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती दिख रही है।
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