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वर्ल्ड कैंसर डे – ये हैं भारत के टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो हैं सस्ते 

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विश्व कैंसर दिवस पर जानें भारत के टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो हैं सस्ते
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है। कैंसर बीमारी का पता अगर जल्दी लग जाए तो इससे बचा जा सकता है। अर्ली स्टेज में कैंसर को मात दिया जा सकता है। कैंसर बीमारी इतनी घातक है कि इन बीमारी के नाम मात्र से ही इंसान टूट जाता है। सिर्फ अकेला कैंसर पीड़ित ही नही बल्कि पूरा परिवार पीड़ित के साथ दुख और तकलीफें सहता है। लोगों के बीच जानलेवा बीमारी कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, 4 फरवरी को हर साल विश्व कैंसर दिवस (World Cancer Day) के रूप में मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस के ख़ास अवसर पर आईये जान लेतें है भारत के टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो हैं सस्ते और किफायती। (Affordable Top Cancer Treatment Centres in India)

भारत में कैंसर के आकड़े

कैंसर इंडिया के अनुसार, भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है। स्तन कैंसर (Breast Cancer) से ग्रसित हर 2 महिलाओं में से, भारत में एक महिला की मृत्यु हो जाती है। भारत में प्रतिदिन 3500 व्यक्तियों की मौत तंबाकू के उपयोग के कारण होती है। हर साल भारत देश में 12 लाख लोग कैंसर से ग्रस्त होते हैं, जिनमें 8 लाख लोगों की इस भयावह बीमारी से मौत हो जाती है। कैंसर के बढ़ते प्रकोप से बचाने के लिए ही वैश्विक स्तर पर कैंसर के रोकथाम और जनजागरण के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है और आज इसी ख़ास मौके पर यानि विश्व कैंसर दिवस पर The CSR Journal आपको बता रहा है भारत के टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो सस्ती हैं।

भारत में सस्ते कैंसर के अस्पताल

अगर सही समय पर प्रभावी तरीके से निपटा जाए तो कैंसर के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है। भारत में कई ऐसे टॉप कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर हैं। जो इस बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई के प्रति प्रतिबद्ध है। ये कैंसर अस्पताल बहुत सस्ती कीमत पर या फिर मुफ्त में इलाज करते हैं। देश के ये नामी गिरामी हॉस्पिटल मरीजों को नई जिंदगी देता है।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई (Tata Memorial Hospital)

इन अस्पतालों में सबसे महत्वपूर्ण अस्पताल है टाटा मेमोरियल अस्पताल। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मौजूद है टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, देश के कोने कोने से कैंसर पेशेंट्स टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में अपना इलाज कराने के लिए आते हैं, यहां नई जिंदगी पाने के लिए आते हैं। टाटा मेमोरियल सेंटर दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक है। जिसमें 75 साल से अधिक के असाधारण पेशेंट केयर, हाई क्वॉलिटी ट्रेनिंग और अनुसंधान शामिल हैं। इन वर्षों में, यह आकार और कद और बड़ा हो गया है।
राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कैंसर के इलाज और नियंत्रण प्रयासों में टाटा अस्पताल सबसे आगे है। मरीज की देखभाल, टाटा मेमोरियल सेंटर का प्रमुख फोकस रहा है। अस्पताल हर मरीज के लिए इष्टतम देखभाल प्रदान करता है। टाटा मेमोरियल अस्पताल में देश में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाओं के साथ सबसे कम खर्चीला कैंसर उपचार है।
भारत इलाज के लिए एक अग्रणी स्थान बनता जा रहा है। दुनिया भर के मरीज यहां इलाज कराने के लिए आते हैं। भले ही भारत में प्राइवेट अस्पतालों को बेहतर माना जाता है लेकिन यहां पर कई ऐसे सरकारी अस्पताल भी हैं जो प्राइवेट अस्पतालों की ही तरह अपना बेस्ट बेहतर इलाज की सुविधा देतें है। उनमे से ये है अस्पताल।
अगर कोई मरीज पूर्वोत्तर के किसी राज्य में कैंसर से पीड़ित है। दक्षिण या फिर उत्तर भारत में कैंसर से पीड़ित है तो पहले इसका इलाज देश में बड़े शहरों में आकर ही करना पड़ता था। फिर दूसरा विकल्प रहता था मुंबई का टाटा मेमोरियल अस्पताल। लेकिन अब ये नहीं करना पड़ता है। टाटा की ही मदद से देश के कोने कोने में कैंसर कई अस्पताल है जहां इसी तरह सस्ता और किफायती इलाज संभव हो पाता है।

Advanced Centre for Treatment Research and Education in Cancer (ACTREC), नवी मुंबई

कैंसर में उपचार, अनुसंधान और शिक्षा के लिए उन्नत केंद्र (एसीटीआरईसी) टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुसंधान एवं विकास विंग का अत्याधुनिक केंद्र है। यह नवी मुंबई के खारघर में स्थित है। ACTREC में कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRI), क्लिनिकल रिसर्च सेंटर (CRC) और सेंटर फॉर कैंसर एपिडेमियोलॉजी (CCE) शामिल हैं, एक ऐसा कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर जो भारत में अद्वितीय है और सभी को व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने की दृष्टि से निर्मित और विकसित की गई है। तीनों केंद्रों में विशिष्ट एजेंडा, फोकस और अद्वितीय क्षमताएं हैं। वे स्वतंत्र रूप से और एक सामान्य लक्ष्य के लिए सहयोग से काम करते हैं, यानी कैंसर के सभी पहलुओं पर अनुसंधान को आगे बढ़ाना, निदान में सुधार करना, कैंसर रोगियों के पूर्वानुमान और उपचार के परिणाम की भविष्यवाणी करना, उनके अस्तित्व को बढ़ाना और अंततः कैंसर का इलाज करना शामिल है।

होमी भाभा कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश (Cancer Hospital in Uttar Pradesh, UP)

यह अस्पताल भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की इकाई के रूप में स्थापित किया गया और इसका मैनेजमेंट टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य वाराणसी और इसके पड़ोसी क्षेत्रों और भारत के राज्यों के मरीजों के लिए सस्ती लागत पर व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाले कैंसर देखभाल करना है। ये अस्पताल मिशन सेवा, शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के अपने आदर्श वाक्य के माध्यम से एक और सभी को व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करता है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल, वाराणसी साल 2018 से अपनी सेवाएं दे रहा है, इस अस्पताल की 179 बेड की कैपेसिटी है।

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर, वाराणसी

वाराणसी में दूसरे कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी 2019 को किया। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर (MPMMCC) की बेड कैपेसिटी 350 है। कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (TMH), मुंबई में लगभग 25% कैंसर रोगी उत्तर प्रदेश के हैं। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 1.5 लाख नए कैंसर के मामले होंगे। इस प्रकार यूपी के वाराणसी में अत्याधुनिक कैंसर केंद्रों की आवश्यकता थी। ये कैंसर केंद्र मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार के आसपास के क्षेत्रों को भी पूरा करेंगे।

बिहार के मुजफ्फरपुर में भी टाटा का कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर

बिहार में लोगों को राहत देने के लिए टाटा कैंसर हॉस्पिटल बनाया गया है। श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) मुजफ्फरपुर परिसर में अब कैंसर अस्पताल शुरू हो गया है। इसको लेकर बिहार सरकार ने टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ एक MOU साइन किया गया, जिसके तहत SKMCH परिसर में 15 एकड़ की जमीन पर एक अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल बना है। 300 करोड़ की लागत से कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में 100 बेड का अस्पताल बना है जहां सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, रेडियोलॉजी पैथोलॉजी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव रसायन, निवारक ऑन्कोलॉजी और उपशामक चिकित्सा की सुविधा है।

डॉ भुवनेश्वर बोरूहा कैंसर संस्थान (BBCI), गुवाहाटी, असम (Cancer Hospital in Assam North East)

डॉ भुवनेश्वर बोरूहा कैंसर संस्थान (BBCI), गुवाहाटी, असम की स्थापना एक स्वैच्छिक संगठन ने की थी जिसका नाम ‘डॉ बी बोरूआ कैंसर सोसायटी ट्रस्ट था। डॉ भुवनेश्वर बोरूआ (4 सितंबर 1893 – 25 सितंबर 1956) असम के एक महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और परोपकारी थे। 1958 में गुवाहाटी में एक जनसभा में, डॉ भुवनेश्वर बोरूहा की स्मृति में गुवाहाटी में एक कैंसर अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया। अब ये अस्पताल किफायती और सस्ते दामों पर मेडिकल और कैंसर इलाज की सुविधाएं दे रहा है। जो नॉर्थ ईस्ट के लिए एक वरदान है।

Homi Bhabha Cancer Hospital, संगरूर, पंजाब (Cancer Hospital in Punjab)

होमी भाभा कैंसर अस्पताल, संगरूर, पंजाब टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई और पंजाब सरकार का एक संयुक्त उद्यम है। पंजाब का का ये कैंसर अस्पताल जनवरी – 2015 से सिविल अस्पताल परिसर, संगरूर के अंदर पंजाब और आस-पास के राज्यों के मरीजों को सस्ती कीमत पर सभी पहलुओं में देखभाल और कैंसर के इलाज की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस अस्पताल को नवंबर – 2018 के दौरान 100 बेडेड सुविधा के लिए अपग्रेड किया गया। अब तक, 15000 से अधिक मरीजों का पंजीकरण एचबीसीएच, संगरूर द्वारा किया गया है। एक साल में 1.5 लाख से अधिक जांच की जाती हैं।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश (Cancer Hospital in Andhra Pradesh)

होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, विशाखापट्टनम, टाटा मेमोरियल सेंटर, भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग की एक इकाई है जो अग्नमपुड़ी, विशाखापट्टनम में लगभग 70 एकड़ के विशाल परिसर में 5 वर्षों से अधिक से चल रही है।

किदवई मेमोरियल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी, बैंगलोर (Oncology Centres)

किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी भारत में कैंसर के इलाज के लिए सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। साथ ही ये अस्पताल बीमारी के प्रभावी उपचार के लिए अत्याधुनिक मशीनों और आधुनिक बुनियादी ढांचे से भी लैस है। यह भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराता है। मार्केट रेट की तुलना में, किदवई मेमोरियल इंस्टीट्यूट में बेची जाने वाली कैंसर की दवाएं कम से कम 40 से 60 प्रतिशत सस्ती हैं। कर्नाटक की राज्य सरकार इस संस्थान के साथ मिलकर काम करती है ताकि ज़रूरतमंदों तक योजनाओं को पहुंचाया जा सके और उनके कैंसर के इलाज के लिए फाइनेंसियल मदद प्रदान की जा सके।

डॉ बी.आर.ए. संस्थान – रोटरी कैंसर अस्पताल, दिल्ली (Cancer Hospital in Delhi)

डॉ बी.आर.ए. संस्थान – रोटरी कैंसर अस्पताल एम्स नई दिल्ली के कैंसर के उपचार का एक विशेष केंद्र है। यह वर्तमान में 200 बेड की उपलब्धता के साथ देश के सबसे पुराने कैंसर उपचार केंद्रों में से एक है।इसमें एक वैक्यूम-असिस्टेड एडवांस्ड मैमोग्राफी यूनिट भी है, जो भारत में अपनी तरह का पहला केंद्र है। ये अस्पताल देश के कुछ केंद्रों में से एक है, जिसमें हेमटोपोइएटिक स्टेम सेल बोन मैरो ट्रांसप्लांट प्रोग्राम की स्थापना की गई है जहां 250 से अधिक प्रत्यारोपण किए गए हैं।

कैंसर केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया, मुंबई

कैंसर से इलाज के लिए मुंबई से CCFI यानी कैंसर केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया, मुंबई द्वारा मुफ्त उपचार प्रदान किया जाता है। कैंसर के इलाज के लिए यहां आहार और पोषण संबंधी कंसल्टेशन के साथ-साथ आयुर्वेद, योग और गोमूत्र चिकित्सा के सिद्धांतों का उपयोग भी किया जाता है। इन चारों ने एलोपैथ उपचारों का मुकाबला करने में कई मदद की है और कैंसर के इलाज में बेहतर साबित हुए हैं। कैंसर केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के नासिक और बेंगलुरु में भी केंद्र है।

रीजनल कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर, तिरुवनंतपुरम

रीजनल कैंसर सेंटर, तिरुवनंतपुरम अस्पताल को क्लीनिकल रिसर्च के साथ साथ मुफ्त उपचार प्रदान करने के लिए जाना जाता है। यहां सीटी स्कैनिंग और कीमोथेरेपी जैसे अत्याधुनिक सुविधाएं भी मुफ्त में दी जाती है। यहां लगभग 60 फ़ीसदी रोगियों को मुफ्त कैंसर उपचार किया जाता है जबकि मध्यम आय वर्ग के 29 फीसदी रोगियों को सब्सिडी प्रदान की जाती है। सभी प्रकार के कैंसर वाले बच्चे और बच्चे अपने आय वर्ग की परवाह किए बिना मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकते हैं।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, कोलकाता भी है कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर

इस अस्पताल में भी कैंसर के इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध है। इतना ही नहीं यहां आपको बहुत सस्ते में कैंसर की दवाई मिल सकती हैं।

सीएसआर (CSR in Cancer) के कुछ ऐसे पहल जो कैंसर से लड़ने में हो रहे है कारगर

लोगों के जीवन को अच्छा बनाने के एलजी ने विश्व कैंसर दिवस पर इंडियन कैंसर सोसायटी के साथ मिलकर एक सराहनीय पहल की शुरुआत की है। एलजी अपने सीएसआर पहल से उन लोगों की मदद करेगी जो कैंसर की जांच का खर्च नहीं उठा सकते। इस पहल का उद्देश्य दिल्ली एनसीआर में लगभग 1,100 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के लिए 10 स्क्रीनिंग कैंप आयोजित करना और लक्ष्य बनाना है। इस पहल के तहत, एलजी ने 25 लाख रुपये दान करने की योजना बनाई है जो जागरूकता बढ़ाने और स्क्रीनिंग शिविर स्थापित करने में मदद करेगा।
वहीं भारत की प्रमुख बीमा कंपनियों में से एक एसबीआई जनरल ने कैनकिड्स, द नेशनल सोसाइटी फॉर चेंज फॉर चाइल्डहुड कैंसर इन इंडिया जो कि एक गैर सरकारी संगठन है, इनके साथ हाथ मिलाया है। ये संस्था बच्चों के के कैंसर देखभाल में मदद करेगी। इस साझेदारी से कैंसर से पीड़ित बच्चों को चिकित्सा सुविधाओं के साथ अन्य मदद भी मिलेगी। इंडियन कैंसर सोसायटी के अनुसार, भारत में हर साल 50 हज़ार से अधिक बच्चों को कैंसर होता है।