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April 27, 2025

Poverty in India: भारत में 17 करोड़ लोगों की गरीबी हटी, रचा इतिहास

Poverty in India: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में एक ट्वीट में बताया कि वर्ल्ड बैंक ने भारत की गरीबी उन्मूलन (Poverty in India) और रोजगार क्षेत्र में प्रगति की जमकर सराहना की है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 17 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है, जो वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके साथ ही, भारत में रोजगार (Employment in India ) की वृद्धि दर अब देश की कार्यशील उम्र की जनसंख्या से भी तेज हो गई है, जो किसी भी India Developing Nation के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

Poverty in India: भारत ने 17 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला

वर्ल्ड बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार (World Bank Report on Poverty), भारत ने 2011 से 2022-23 के बीच 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी ($2.15 प्रतिदिन से कम खर्च करने वालों) से बाहर निकाला है। इस दौरान देश की अत्यधिक गरीबी दर 16.2% से घटकर मात्र 2.3% रह गई।  इससे भारत न केवल लोअर-मिडल इनकम कैटेगरी में आया, बल्कि वैश्विक गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अग्रणी बनकर उभरा। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी 18.4% से घटकर 2.8% और शहरी क्षेत्रों में 10.7% से घटकर 1.1% हो गई, जिससे ग्रामीण-शहरी अंतर केवल 1.7% रह गया है. $3.65 प्रतिदिन के मापदंड पर, गरीबी दर 61.8% से गिरकर 28.1% हुई और 37.8 करोड़ लोग इससे बाहर निकले। Poverty in India

रोजगार वृद्धि दर कार्यशील उम्र की जनसंख्या से तेज

रोजगार के क्षेत्र में भी शानदार सुधार हुआ है। 2021-22 से रोजगार वृद्धि की दर कार्यशील उम्र की आबादी से अधिक रही है। शहरी बेरोजगारी घटकर 6.6% (FY24-25 की पहली तिमाही) पर आ गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। महिलाओं की भागीदारी और स्वरोजगार में भी इजाफा देखा गया है। हालांकि, युवा बेरोजगारी दर अभी भी 13.3% बनी हुई है और उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं में यह 29% तक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिला कृषि श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

Poverty in India: मल्टीडाइमेंशनल गरीबी भी घटी

वर्ल्ड बैंक के अनुसार, मल्टीडाइमेंशनल गरीबी (जिसमें शिक्षा, पानी, स्वच्छता जैसे पहलू शामिल हैं) भी 2005-06 के 53.8% से घटकर 2022 में 15.5% पर आ गई है। भारत का Gini Index (वित्तीय असमानता माप) भी 2011-12 में 28.8 से घटकर 2022-23 में 25.5 हो गया है। यह प्रगति केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं, आर्थिक सुधारों और सामाजिक विकास कार्यक्रमों का प्रतिफल है। वर्ल्ड बैंक ने भारत की इस दिशा में दुनिया के लिए मिसाल बनने की बात कही है।

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