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July 6, 2025

World Bank Report- आय समानता में US China UK को पछाड़कर भारत निकला आगे 

World Bank के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 25.5 के Gini Index के साथ भारत वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा समान समाज में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है। 2011-12 से 2022-23 के बीच असमानता में कमी आई है जिससे भारत दुनिया का चौथा सबसे समान आय वर्ग वाला देश बन गया है। भारत ने अमेरिका, चीन और अन्य विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।

World Bank Report ने भारत को दी Good News

World Bank Report- विश्व बैंक (World Bank) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब विश्व के सबसे समान आय वाले समाजों में से एक बन चुका है। Gini Index में भारत का स्कोर 25.5 दर्ज किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर उसे चौथे स्थान पर रखता है। भारत अब स्लोवाक रिपब्लिक, स्लोवेनिया और बेलारूस जैसे देशों के बाद आय समानता में सबसे आगे है। यह आंकड़े न केवल भारत की आर्थिक प्रगति को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि यह प्रगति सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंच रही है। इस सफलता के पीछे गरीबी उन्मूलन, वित्तीय समावेशन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) जैसी सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को अहम माना जा रहा है। भारत का Gini स्कोर 2011 में 28.8 था, जो अब 25.5 हो गया है, यानी देश ने समावेशी विकास की दिशा में ठोस प्रगति की है।

Gini Index में ऐतिहासिक सुधार

World Bank Report- Gini Index आय असमानता को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जहां 0 पूर्ण समानता और 100 अधिकतम असमानता का प्रतिनिधित्व करता है। भारत का स्कोर 25.5 न केवल चीन (35.7) और अमेरिका (41.8) की तुलना में बेहतर है, बल्कि सभी G7 और G20 देशों की तुलना में भी अधिक समानता का प्रतिनिधित्व करता है। मध्यम-निम्न’ असमानता वाली श्रेणी में यूरोपीय देश जैसे आइसलैंड, नॉर्वे, फिनलैंड और बेल्जियम के साथ-साथ UAE और पोलैंड जैसे देश शामिल हैं। दुनिया भर में कुल 30 देश इस श्रेणी में हैं। यह इशारा करता है कि भारत की आय का वितरण अब अधिक संतुलित और समान हो रहा है।

गरीबी उन्मूलन में भारत की बड़ी उपलब्धि World Bank Report

World Bank की स्प्रिंग 2025 पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ के मुताबिक, 2011 और 2023 के बीच भारत ने 17.1 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी के जाल से मुक्त किया है। इसी समयावधि में गरीबी दर 16.2 फीसद से कम होकर केवल 2.3 फीसद रह गई।

जन धन योजना से बढ़ा वित्तीय समावेशन

World Bank Report- सरकार की प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने वित्तीय समावेशन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। इस योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं। इससे पहले वित्तीय सेवाओं से वंचित लोगों को भी बैंकिंग प्रणाली से जोड़कर समान आर्थिक अवसर दिए गए हैं।

आधार और DBT से बना पारदर्शी तंत्र

भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली आधार अब 142 करोड़ से अधिक नागरिकों को कवर करती है। आधार के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) की प्रक्रिया न केवल पारदर्शी बनी, बल्कि इससे सरकार ने 3.48 लाख करोड़ रुपए की बचत भी की है। आय समानता लाने में यह एक बड़ा कारक रहा है।

आयुष्मान भारत से स्वास्थ्य में समानता

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समान पहुंच के लिए आयुष्मान भारत योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह योजना 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है और अब तक 41 करोड़ से अधिक कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इससे गरीब और वंचित वर्गों को महंगी स्वास्थ्य सेवाओं से राहत मिली है।

कमजोर वर्गों और महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं

स्टैंड-अप इंडिया योजना के अधीन SC/ST और महिला उद्यमियों को ऋण और सहायता दी जा रही है। आर्थिक अवसरों में समानता बढ़ी है। इस योजना ने 180,630 से अधिक खातों में 40,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की है। महिला उद्यमियों की संख्या 55,644 से बढ़कर 1,90,844 हो गई है, और स्वीकृत राशि 12,452.37 करोड़ रुपये से बढ़कर 43,984.10 करोड़ रुपये हो गई है।

अन्न सुरक्षा ने दी भारत को खाद्य समानता

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के माध्यम से 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इस योजना ने आर्थिक असमानता से कमजोर लोगों को राहत प्रदान की है और सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया है।

PM विश्वकर्मा योजना

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों को ऋण और प्रशिक्षण देकर सशक्त कर रही है। करीब 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लोन, टूलकिट और डिजिटल प्रशिक्षण के लिए रजिस्टर किया गया। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदनकर्ता को पहले 15 दिनों की ट्रेनिंग प्रदान की गई। ट्रेनिंग के दौरान हर व्यक्ति को 500 रुपये स्टाइपेंड के रूप में दिए गए।

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