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October 7, 2025

कश्मीर में समय से पहले बर्फबारी ने बढ़ाई सिहरन, सभी राजमार्ग बंद, तापमान में भारी गिरावट

The CSR Journal Magazine
कश्मीर घाटी में इस सीजन की पहली और असामयिक बर्फबारी ने पूरे क्षेत्र में सर्दी का आगाज़ कर दिया है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर से मंगलवार को घाटी के ऊँचे इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई, जिससे तापमान में अचानक भारी गिरावट दर्ज की गई।

बेमौसम बर्फबारी ने बढ़ाई कश्मीर की सिहरन 

कश्मीर में सर्दी से पहले सर्दी के मौसम ने दस्तक दे दी। प्रसिद्ध रिसॉर्ट्स और कश्मीर के ऊंचे इलाक़ों में बेमौसम बर्फबारी हुई है, जिससे तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे गिर गया है। गुलमर्ग, सोनमर्ग और कई अन्य पर्यटन स्थलों और क्षेत्र के ऊंचे इलाक़ों में बर्फबारी के बाद कश्मीर घाटी में बर्फीली हवाएं बह गईं। मैदानी इलाक़ों में भारी बारिश हुई जिससे तापमान में अचानक गिरावट आई।

सभी प्रमुख मार्ग बर्फ से ढके

सिंथन दर्रा, जो घाटी को जम्मू डिवीज़न में किश्तवाड़ से जोड़ता है, राजदान दर्रा, जो घाटी को गुरेज़ सीमा क्षेत्र से जोड़ता है, और कुपवाड़ा जिले से तांगधार और केरन की ओर जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग ने कल तक जम्मू-कश्मीर के ऊंचे इलाक़ों में हल्की से मध्यम बर्फबारी और उसके बाद समग्र मौसम में सुधार का अनुमान लगाया है।

गिरा न्यूनतम तापमान, बढ़ी ठंड

श्रीनगर शहर में न्यूनतम तापमान 7.1 डिग्री सेल्सियस, जबकि गुलमर्ग में 0.4 डिग्री और पहलगाम में 0.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू शहर में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस, माता वैष्णो देवी बेस कैंप शहर कटरा 12 डिग्री सेल्सियस, बाटोटे 6.8 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल 5.3 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

फिर आया ‘फेरान’ का मौसम

बर्फ से ढकी पहाड़ी चोटियों से मैदानों में बहने वाली ठंडी हवा के परिणामस्वरूप घाटी में एक ठंडी लहर फैल गई है। स्थानीय लोगों ने पहले ही शहरों और क़स्बों में ऊनी वस्त्र पहनना शुरू कर दिया है, जबकि गांवों और तलहटी क्षेत्रों में, लोगों ने ‘फेरान’ पहनना शुरू कर दिया है। शुरुआती शरद ऋतु में बर्फबारी एक संकेत है कि कश्मीर घाटी में सर्दी दरवाजे पर दस्तक दे रही है क्योंकि लोग धान की फसल काटने, उसे पीसने और पीसने के बाद इकट्ठा करते हैं।

ऊंचे इलाकों में सफेद चादर, निचले हिस्सों में झमाझम बारिश

गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, ज़ोजिला पास, पीर की गली और सिन्थन टॉप जैसे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी दर्ज की गई है। ज़ोजिला पास और मुगल रोड पर करीब 6 इंच तक बर्फ जमने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग और मुगल रोड को एहतियातन बंद कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले 24 घंटे तक कई इलाकों में बर्फबारी और बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

NH-44 बंद, यात्रा पर रोक

लगातार बर्फबारी और भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग (NH-44) पर पत्थर गिरने की घटनाएं हुईं। इसके चलते मंगलवार सुबह से ही इस मार्ग को बंद कर दिया गया। इसी प्रकार श्रीनगर-लेह मार्ग, मुगल रोड और सिन्थन टॉप मार्ग भी अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिए गए हैं। ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों को सलाह दी है कि जब तक मौसम में सुधार और सड़कें साफ नहीं हो जातीं, तब तक यात्रा स्थगित रखें।

तापमान में बड़ी गिरावट

श्रीनगर में दिन का अधिकतम तापमान केवल 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि इस समय सामान्य से लगभग 13 डिग्री सेल्सियस कम है। पहलगाम और गुलमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर तापमान हिमांक के करीब पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के चलते अगले कुछ दिनों तक तापमान सामान्य से नीचे रहेगा।

स्कूल और अन्य सेवाएं प्रभावित

लगातार बारिश और ठंड बढ़ने के कारण जम्मू संभाग के कई जिलों में मंगलवार को सभी सरकारी और निजी स्कूल बंद रखे गए। वहीं, भूस्खलन और मार्ग अवरुद्ध होने से कई गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से कट गया है। कटाई के बीच बर्फबारी के कारण किसानों को भारी परेशानी हुई है। पिछले महीने राजमार्ग के बंद होने के कारण पहले से ही भारी नुक़सान का सामना करने वाले सेब उत्पादकों को अब अपनी आजीविका के लिए एक और झटका का सामना करना पड़ रहा है।

तीर्थयात्राएं स्थगित, पर्यटन पर भारी असर

कश्मीर में अचानक मौसम बदलने का असर वैष्णो देवी यात्रा पर भी पड़ा है। कटरा से भवन तक के मार्ग पर भारी बारिश के चलते यात्रियों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई। गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग में बर्फबारी ने पर्यटकों को रोमांचित तो किया है, लेकिन कई फंसे हुए यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

प्रशासन ने जारी की चेतावनी

जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग (JKDMA) ने बर्फबारी और भूस्खलन की संभावना को देखते हुए यात्रा स्थगित करने और ऊंचे इलाकों से दूर रहने की अपील की है। बचाव दल और Border Roads Organisation की टीमों ने सड़कों से बर्फ हटाने और फंसे लोगों को निकालने का अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह पश्चिमी विक्षोभ इस सीजन का सबसे सक्रिय सिस्टम है, जिसने कश्मीर के साथ हिमाचल और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भी असर डाला है। “पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की स्थिति बनी है। अगले 48 घंटे में मौसम धीरे-धीरे सुधरने की संभावना है,” IMD श्रीनगर केंद्र के निदेशक ने बताया।

बरसों बाद बरसी अक्टूबर में बर्फ

कश्मीर में अक्टूबर की शुरुआत में इस तरह की ठंडक और बर्फबारी बीते कई वर्षों में पहली बार देखने को मिली है। जहां एक ओर यह दृश्य स्थानीयों और पर्यटकों के लिए सौंदर्य का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर इससे जनजीवन और यातायात पर गंभीर असर पड़ा है।

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